सभी को अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा
इंडस्ट्री डिपार्टमेंट हरियाणा के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा
आवेदन पर डिजास्टर मैनेजमेंट कमिटी करेगी विचार
आवेदन के लिए इंडस्ट्री के उत्पादन के प्रकार पर नहीं है कोई बंदिश
सुभाष चन्द्र चौधरी
गुरुग्राम , 19 अप्रैल : गुरुग्राम इलाके में 20 अप्रैल से कोई ढील नहीं दी गई है। ए सी एस वी एस कुंडू राज्य सरकार द्वारा कोविद -19 के लिए नियुक्त निगरानी अधिकारी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले से ही आवश्यक सेवाओं के लिए अनुमति के अलावा किसी भी उद्योग या प्रतिष्ठान/संस्थान /कार्यालय को संचालित करने की अनुमति नहीं दी गई है।ऐसे इच्छुक कंपनी/ संस्थान/ प्रतिष्ठान प्रबंधकों को हरियाणा इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की ओर से तैयार पोर्टल पर ऑनलाइन अप्लाई करना होगा जिस पर अधिकृत कमेटी विचार करेगी और प्रदेश सरकार से संस्तुति मिलने के बाद ही उन्हें संचालित करने की अनुमति प्रदान की जाएगी. कल 20 अप्रैल यानी सोमवार को गुरुग्राम में एसेंशियल सर्विसेज को चोर कर किसी भी छोटी/ मध्यम या बड़ी इंडस्ट्री को संचालित करने की अनुमति अभी तक नहीं दी गई है.
उन्होंने कहा है कि किसी भी ऐसे उद्योग / प्रतिष्ठान को केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत अनुमति दी जा सकती है, उन्हें अनुमति के लिए आवेदन करना होगा और प्राधिकृत समिति द्वारा उनके आवेदन पर निर्णय लिया जाएगा. thepublicworld.com से दूरभाष पर खास बातचीत में गुरुग्राम के नोडल अधिकारी वी एस कुंडू ने कहा कि कल सोमवार यानी 20 अप्रैल को गुरुग्राम में कोई भी इंडस्ट्री नहीं खुलेगी केबल वही इकाई खुलेगी जिसको भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत एसेंशियल सर्विसेज में श्रेणी बदध किया गया है और लोक डाउन अवधि के दौरान संचालित करने की अनुमति दी गई है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया की अभी तक गुरुग्राम में औद्योगिक इकाइयों को संचालित करने की अनुमति देने के लिए इंडस्ट्री डिपार्टमेंट द्वारा तैयार किया गया पोर्टल शुरू नहीं हुआ था अब यह ऑनलाइन हो चुका है. उन्होंने कहा कि जो भी औद्योगिक प्रतिष्ठान संचालित करने अनुमति चाहते हैं उन्हें अब उक्त पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.उन्हें भारत सरकार की गाइडलाइन की अनुसार सभी शर्तों का पालन करना होगा और उन प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए ऐसे औद्योगिक आवेदकों या फिर निजी कंपनियों के प्रबंधकों के आवेदन पर जिला डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी विचार करते हुए राज्य सरकार को उनका प्रस्ताव भेजेगी. राज्य सरकार से संस्तुति मिलने के बाद ही उन्हें उद्योग इकाई खोलने की अनुमति दी जा सकेगी.
जब उनसे पूछा गया कि पिछले कई दिनों से मानेसर में कुछ बड़ी इंडस्ट्री और एनसीलियरी इंडस्ट्रीज 20 अप्रैल से खुलने की चर्चा जोरों पर है तो श्री कुंडू ने साफ शब्दों में कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. यानी 20 अप्रैल को मानेसर में एसेंशियल सर्विसेज को छोड़कर कोई भी बड़ी या छोटी औद्योगिक या व्यावसायिक इकाई या कार्यालय नहीं खुलेंगे. उन्होंने कहा की आज देर शाम से इंडस्ट्री डिपार्टमेंट का पोर्टल काम करना शुरू कर देगा जिसमें इच्छुक कंपनियों को आवेदन करना होगा. इस मामले में अलग-अलग कंपनियों के आवेदन पर स्थिति, परिस्थिति, उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए विवरण और भारत सरकार की सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने की गाइडलाइन के आधार पर विचार किया जाएगा. आवेदक कंपनियों के बारे में उनके कामकाज के प्रकार एवं उनकी फैक्ट्री या कार्यालय में उपलब्ध सुविधाएं जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने की स्थिति का आकलन शक्ति से किया जाएगा. उनका कहना है कि उत्पादन के दौरान या कार्यालय में काम करने के दौरान दो कर्मियों के बीच में 2 मीटर की दूरी को मेंटेन करने की स्थिति अति आवश्यक है.कमेटी यह भी देखेगी की कंपनी प्रबंधन कोविड-19 रोकथाम की दृष्टि से स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर व्यवस्था करने की स्थिति में है या नहीं.
श्री कुंडू ने साफ शब्दों में कहा कि प्रत्येक आवेदन को संबंधित कमेटी के पास भैया जाएगा और कमेटी उस पर विचार कर आवश्यक गाइडलाइन के अनुपालन की दृष्टि से कंपनी प्रबंधन को स्पष्टीकरण देने के लिए व्यक्तिगत तौर पर भी बुला सकती है. उन्होंने बारंबार यह स्पष्ट कर दिया कि कोई भी इंडस्ट्री एसेंशियल सर्विसेज को छोड़कर कल 20 अप्रैल को गुरुग्राम में नहीं खुलने जा रही है. इसको लेकर पिछले कई दिनों से मीडिया में तैर रही कयास बाजी वाली खबरों पर उन्होंने पूरी तरह विराम लगा दिया. उन्होंने कहा की विभिन्न प्रकार की निराधार चर्चाएं चल रही थी जिसके कारण कई छोटे बड़े निजी प्रतिष्ठानों व अन्य संस्थानों ने भी अपने प्रतिष्ठान व कार्यालय खोलने की तैयारी कर ली थी जबकि केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की गाइडलाइन इस मामले में बेहद स्पष्ट है.
चर्चा यह भी थी कि सरकारी कार्यालय या अन्य निजी प्रतिष्ठान 50% कर्मियों के साथ खोले जा सकते हैं जिसे श्री कुंडू ने thepublicworld.com से खास बातचीत में पूरी तरह निर्मूल बताया और साफ कर दिया कि किसी भी प्रकार की इंडस्ट्री या निजी कंपनियों के कार्यालय खोलने के लिए उन्हें हरियाणा इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की ओर से तैयार पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. और अभी तक गुरुग्राम में एसेंशियल सर्विसेज को छोड़कर किन्ही को भी अपने संस्थान व प्रतिष्ठान 20 अप्रैल से खोलने की कोई अनुमति नहीं दी गई है. एसेंशियल सर्विसेज को छोड़कर किन्ही को भी कोई रिलैक्सेशन नहीं दी गई है. अधिकृत कमेटी विचार कर उस पर सरकार की संस्तुति मिलने के बाद अनुमति जारी करेगी और उन्हें उनके कर्मचारियों/ कर्मियों की संख्या को देखते हुए बस पास और अन्य आवश्यक पास जारी किए जाएंगे.
जब उनसे कर्मियों की संख्या के मामले में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह संबंधित औद्योगिक इकाइयों या कंपनियों/ प्रतिष्ठानों की आवश्यकता या उनके उत्पादन की प्रकृति को देखते हुए भी कमेटी विचार करेगी. उनका कहना था कि इस संबंध में उत्पादन के प्रकार को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार की गाइडलाइन है जिस पर उन्हें खरा उतरना होगा. उन्होंने कहा कि अगर कोई बड़ी या छोटी फैक्ट्री पूर्णतया ऑटोमेटिक मशीनरी युक्त है और वहां दो कर्मियों के बीच काम करने के दौरान 2 मीटर का फासला मेंटेन करने की स्थिति है तो उन्हें उनकी आवश्यक संख्या के अनुरूप अनुमति देने पर कमेटी विचार कर सकती है.
श्री कुंडू ने कहा कि कमेटी उन कंपनियों को प्राथमिकता देगी जिनके औद्योगिक इकाइयों के परिसरों में ही उनकी ओर से अपेक्षित कर्मियों की संख्या को रहने की व्यवस्था होगी या ऐसी इकाइयां जिनके अधिकतर कर्मी उनके आसपास निकटतम दूरी में ही रह रहे हो. उनका मानना है कि अन्य शहरों से श्रमिकों की आवाजाही सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने की दृष्टि से आशंकित रहेगी इसलिए इंडस्ट्री को इस बात का ध्यान रखना होगा. आसपास के लेबर कॉलोनी में रहने वाले श्रमिक सुरक्षित तरीके से आ जा सकेंगे जिससे स्वास्थ्य सुरक्षा को कम से कम खतरा होने की आशंका रहेगी.
एसीएस श्री कुंडू ने यह भी कहा कि अगर कंपनी प्रबंधन अपने श्रमिकों को आने जाने की व्यवस्था बस से करना चाहेंगे तो उन्हें इसकी अनुमति दी जाएगी लेकिन बस में 50% श्रमिकों की संख्या का पालन करना जरूरी होगा. साथ ही सभी श्रमिकों की प्रतिदिन थर्मल स्कैनिंग होगी और सुरक्षा के आवश्यक इंतजाम करने होंगे जिनकी नियमित चेकिंग होगी.
जब श्री कुंडू से यह पूछा गया कि क्या अनुमति देने के क्रम में इंडस्ट्री के प्रकार को भी ध्यान में रखा जाएगा तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई शर्त नहीं है. अनुमति देने की प्रक्रिया पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पूरी की जाएगी. कितने इंडस्ट्री को अनुमति दी जाएगी इस सवाल पर उनका कहना था कि इसकी कोई सीमा निर्धारित नहीं है. अगर एक प्रकार की कई इंडस्ट्री भी आवेदन करती है तो उन सबों को अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है लेकिन ध्यान रहे अनुमति भारत सरकार की गाइडलाइन के आधार पर ही मिलेगी. उसमें किसी भी प्रकार की कोई राहत किन्ही को भी नहीं दी जाएगी.
अनुमति देने की प्रक्रिया कितने समय में पूरी की जाएगी इस सवाल पर नोडल अधिकारी वी एस कुंडू का कहना था कि यह उक्त कंपनी प्रबंधन पर निर्भर करता है कि वह भारत सरकार के नियमों के अनुरूप स्वास्थ्य सुरक्षात्मक/ सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने/ सैनिटाइजेशन करने/ वाहन की व्यवस्था करने/ श्रमिकों की संख्या निर्धारित की प्रक्रिया कितनी जल्दी पूरी कर लेता है. व्यवहारिक दृष्टि से उन सभी कंपनियों को गाइडलाइन के अनुरूप स्वयं को ढालने में भी समय लगेगा. उनकी तैयारी कितनी है और कितना वक्त उन्हें लगेगा इस पर बहुत कुछ निर्भर करता है.