19 दिन के लॉक डाउन के लिये जारी केंद्र सरकार की गाइड लाइन में क्या है आपके लिए ?

Font Size

सुभाष चंद्र चौधरी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए घोषित आज से 19 दिन के लॉक डाउन के दौरान क्या खुले रहेंगे और क्या प्रतिबंधित रहेंगे इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विस्तार से अपनी संशोधित गाइडलाइन जारी की है।

इस गाइडलाइन के प्रथम पृष्ठ पर सबसे पहले क्या प्रतिबंधित रहेगा अगले 3 मई तक इसके बारे में बताया गया है। इस गाइडलाइन के अनुसार देश में कोई भी घरेलू या फिर इंटरनेशनल डोमेस्टिक या इंटरनेशनल फ्लाइट 3 मार्च 3 मई तक नहीं चलाई जाएगी। कोई भी पैसेंजर ट्रेन 3 मई तक नहीं चलेगी केबल सुरक्षा कारणों से आवश्यकता के अनुसार ट्रेन चलाई जाएगी। सभी प्रकार की बसें और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बंद रहेंगे। मेट्रो रेल सर्विस भी पूरी तरह से बंद रहेगी।

इंटर डिस्ट्रिक्ट और इंटर स्टेट मूवमेंट किसी भी व्यक्ति का पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इसमें केवल उस व्यक्ति को छूट मिलेगी जो अपने स्वास्थ्य के कारणों से कहीं जाना चाहते हैं और इसके लिए अनुमति लेने की आवश्यकता होगी।

सभी प्रकार के शिक्षण संस्थान प्रशिक्षण संस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट पूरी तरह से बंद रहेंगे। सभी प्रकार के उद्योग और व्यावसायिक एक्टिविटीज भी बंद रहेंगी। केवल उन औद्योगिक इकाइयों या व्यावसायिक इकाइयों को संचालित करने की अनुमति होगी जिसका परमिशन गाइडलाइन में दिया गया है। इसके बारे में आगे बताया जाएगा।

हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज यानी होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला या ठहरने से संबंधित जितने व्यावसायिक संस्थान हैं चाहे वह निजी हो या फिर सार्वजनिक सभी बंद रहेंगे। केवल उन संस्थानों को अनुमति मिलेगी जिसको स्पेसिफिक गाइडलाइंस के तहत स्वास्थ्य कारणों से या फिर गवर्मेंट ने अपने पब्लिक इंटरेस्ट की दृष्टि से ओपन रखने का फैसला किया है।

टैक्सी इंक्लूडिंग रिक्शा , साइकिल रिक्शा और कैब सभी प्रकार की सर्विसेस पूरी तरह से बंद रहेंगी।

इस दौरान किसी भी प्रकार की सामाजिक राजनीतिक खेल मनोरंजन शैक्षणिक सांस्कृतिक धार्मिक फंक्शन या अन्य प्रकार की गैदरिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।

अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उस स्थिति में उनकी अंत्येष्टि की दृष्टि से केवल 20 लोगों को जाने की या एक जगह एकत्रित होने की अनुमति मिलेगी।

देश के सभी राज्यों में जिन सेक्टर कॉलोनी या फिर गांव को हॉटस्पॉट पूर्णा संक्रमण की दृष्टि से या कंटेनमेंट जॉन के रूप में घोषित किया गया है उसमें किस प्रकार की गतिविधि की अनुमति मिलेगी इसके संबंध में भी स्पष्ट किया गया है।

हॉटस्पॉट्स जैसा कि आप जानते हैं यह कोविड-19 संक्रमण की दृष्टि से सबसे संवेदनशील इलाका चिन्हित किया गया है। इनमें से कई कॉलोनी या शहरी क्षेत्र में या सेक्टर या फिर प्राइवेट सोसायटी हैं और ग्रामीण क्षेत्र में गांव हैं या कस्बे हैं जो अर्ध शहरी इलाके कहे जाते हैं उनमें भी कई हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं।

इसका निर्धारण केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के आधार पर किया गया है।

इसके लिए सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार ही उन सभी हॉटस्पॉट्स जहां सर्वाधिक कोरोनावायरस मरीज पाए गए हैं या फिर एक संक्रमित पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं उनको हॉटस्पॉट्स या कंटेनमेंट जॉन्स या फिर बफर जोन के रूप में उसका एरिया चिन्हित करने को कहा गया है । सभी जिला उपायुक्तों को यानी जिला प्रशासन को यह निर्देश दिया है।

इसमें साफ कर दिया गया है कि कंटेनमेंट जॉन्स में किसी भी प्रकार की वह गतिविधि जिसकी अनुमति इस गाइडलाइन में दी गई है संचालित करने की अनुमति नहीं होगी और इस एरिया में के चारों तरफ पूरी तरह से बेहद सख्त सीमा पर नियंत्रण रहेगा जिससे कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार से व्यक्ति के आने और जाने की अनुमति नहीं मिलेगी । केवल अपवाद के तौर पर यहां आवश्यक सर्विसिस जो अत्यावश्यक सेवाएं हैं खाने-पीने के सामान हैं या स्वास्थ्य सेवा हैं या सुरक्षा से संबंधित मामले हैं इसकी ही अनुमति होगी और वहां तैनात अधिकारी इस पर पूरी तरह से मॉनिटरिंग करेंगे । इसमें यह भी साफ कर दिया है कि केंद्रीय हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी की गई गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना होगा सभी जिला प्रशासन को इस का निर्देश दिया गया है।

इस गाइडलाइन में जैसा कि प्रधानमंत्री ने पहले ही अपने संबोधन में संकेत किया था कि 20 अप्रैल के बाद कुछ ऐसे क्षेत्र होंगे जहां कुछ गतिविधियां खास शर्तों के आधार पर संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है इसको लेकर भी आज जारी की गई गाइडलाइन में कुछ बातें स्पष्ट की गई है।

गाइडलाइन में कहा गया है कि 20 अप्रैल 2020 से कुछ सिलेक्टेड गतिविधियां चलाने की अनुमति होगी जैसे सामान्य लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने की अनुमति होगी लेकिन किस प्रकार की गतिविधि के लिए यानी किस प्रकार के काम में शामिल होने के लिए यह 20 अप्रैल 2020 के बाद वहां के जिला प्रशासन तय करेंगे । इसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों या फिर जिला प्रशासन की ओर से निर्धारित स्ट्रिक्ट कंप्लायंस यानी निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा।

इस प्रकार की गतिविधियों को परमिट करने में जिला प्रशासन राज्य सरकार को संबंधित वर्कप्लेस पर जहां काम होगा या जिस ऑफिस में काम करने की अनुमति दी जाएगी उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन कराना होगा। इसके लिए निर्धारित नियमों व शर्तों को पालन करना पड़ेगा। जिस फैक्ट्री में या फिर जिस इस्टैब्लिशमेंट में जिस प्रतिष्ठान में या संस्थान में दुकान में काम करने के लिए लोग जाएंगे जिसकी अनुमति दी जाएगी 20 अप्रैल से दी जसएगी उसको लेकर जारी गाइडलाइन पर पूरी तरह से पालन करना पड़ेगा और इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की जाएगी।

इस गाइडलाइन में कौन-कौन सी एक्टिविटी संचालित करने की अनुमति मिलेगी इसके बारे में भी फर्स्ट कर दिया है ।

गाइडलाइन के चौथे पार्ट में यह स्पष्ट कर दिया गया है की सभी राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को किसी भी तरीके से डाइल्यूट नहीं करेंगे । यानी इसमें अपनी ओर से कुछ भी कम नहीं करेंगे या फिर जो बताया गया है उसका पालन सख्ती से कराएंगे। किसी भी कीमत पर इसका पालन कराना होगा । कहा गया है कि अगर आवश्यकता हो तो राज्य सरकार या फिर केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक अपने-अपने क्षेत्रों में इस गाइडलाइन के अलावा और भी अधिक सख्त प्रावधान लागू कर सकते हैं अपने अपने स्थानीय क्षेत्रों में।

इस गाइडलाइन में पांचवें पार्ट में आयुष सहित सभी प्रकार के हेल्थ सर्विसेज यानी स्वास्थ्य सेवाओं को संचालित करने की अनुमति प्रदान की गई है।

इनमें हॉस्पिटल, नर्सिंग होम ,क्लीनिक, टेलीमेडिसिन फैसिलिटी, डिस्पेंसरी ,केमिस्ट फार्मासी सभी प्रकार की दुकानों की दवाइयों की दुकान है जिसमें जन औषधि केंद्र और मेडिकल इक्विपमेंट जैसे सर्जरी के लिए आवश्यक होते हैं या फिर अन्य प्रकार के मेडिकल इक्विपमेंट के शॉप हैं, मेडिकल लैबोरेट्री और सैंपल कलेक्शन सेंटर को भी संचालित करने की अनुमति है।

इनके अलावा फार्मास्यूटिकल और मेडिकल रिसर्च लैब्स कोविड-19 यानी कोरोना संक्रमण से संबंधित अगर कोई संस्था रिसर्च कर रही है तो उनके कर्मियों को भी आने जाने या फिर उस ऑफिस को खुले रखने की अनुमति दी गई है।

इस गाइडलाइन में वेटरनरी हॉस्पिटल यानी पशु अस्पताल और इससे संबंधित डिस्पेंसरी क्लीनिक पैथोलॉजी लैब और इससे संबंधित वैक्सीन या फिर मेडिसिन खरीदने बेचने वाली दुकानें या संस्थाएं भी खुली रहेंगी।

इसमें ड्रग मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, दवाई बनाने वाली जो इकाइयां हैं ,फार्मास्यूटिकल्स कंपनी है, मेडिकल डिवाइसेज , मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनियां ,मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन करने वाली कंपनियां या फिर उसके पैकेजिंग करने वाली कंपनियां या इसके लिए जो कच्चा माल या फिर इसके लिए और भी इनग्रेडिएंट्स होते हैं या इंटरमीडिएट होते हैं उसको मुहैया कराने वाली कंपनी को संचालित करने की अनुमति दी गई है।

इसमें मेडिकल या फिर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का कंस्ट्रक्शन करने जैसे काम ,अगर एंबुलेंस का उत्पादन कर रहे हैं या तैयार कर रहे हैं तो भी इन्हें अनुमति दी गई है।

मेडिकल और वेटरनरी पर्सन, वैज्ञानिक, नर्सेज पारा मेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन मिडवाइफ और अन्य प्रकार के हॉस्पिटल सपोर्ट सर्विसेज जिसमें एंबुलेंस भी शामिल है इसको एक राज्य से दूसरे राज्य में भी जाने या फिर एयर के माध्यम से भी जाने आने की अनुमति रहेगी।

इस गाइडलाइन में कृषि क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों के बारे में जो लगातार कई दिनों से भ्रांतियां फैलाई जा रही थी इसको लेकर की भी स्पष्टीकरण दिया गया है और साफ शब्दों में उल्लेख किया गया है कि वह कौन-कौन सी गतिविधियां हैं जिसको चलाने में किसी तरह का प्रतिबंध नहीं होगा।

इसमें साफ कर दिया गया है कि सभी प्रकार के कृषि कार्य जिसमें हॉर्टिकल्चर एक्टिविटीज भी है वह पूरी तरह से फंक्शनल रहेंगे । यानी उसमें कामकाज करने की अनुमति रहेगी । जैसे फार्मिंग ऑपरेशन यानी खेती के काम किसानों के अपने काम या फिर जो खेती मजदूर हैं उनको भी अपने खेतों में जाने आने की अनुमति होगी। इसके अलावा कृषि क्षेत्र से संबंधित जो प्रोडक्ट है जैसे खाद बीज है या फिर इंसेक्टिसाइड, दवाइयां हैं उनसे संबंधित एजेंसी को भी अपने ऑपरेशन चलाने की अनुमति होगी जिसमें एमएसपी ऑपरेशंस भी है शामिल है ।

इनके अलावा केंद्र सरकार ने अपनी गाइडलाइन में मंडी के बारे में स्पष्ट बता दिया है कि सभी प्रकार के एग्रीकल्चर प्रोड्यूस यानी जो खेती जो कृषि उत्पादन है उसको खरीदने बेचने की अनुमति रहेगी और इससे संबंधित जो इंडस्ट्री है उसको भी चलाने की अनुमति होगी। क्योंकि यह खाद्यान्न से संबंधित हैं इसको लेकर राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को अपने मंडियों का निर्धारण करने का अधिकार दिया गया है।

इसमें यह भी साफ कर दिया गया है कि किसान या फिर किसानों के समूह या फिर एफपीओ कोऑपरेटिव सोसाइटीज की दृष्टि से राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों को डिसेंट्रलाइज यानी डिसेंट्रलाइज मार्केटिंग या प्रोक्योरमेंट के लिए गांव स्तर पर व्यवस्था करने को कहा गया है।

गाइडलाइन में सभी प्रकार के एग्रीकल्चरल मशीनरी की दुकान है या फिर उसकी रिपेयरिंग की दुकान है या फिर अपने काम करने वाले लोग या समूह भी इस दौरान अपने कार्य स्थलों पर जा पाएंगे । साथ ही सीएचसी कस्टम हायरिंग सेंटर जोकि कृषि उपकरण से संबंधित हैं को भी अनुमति दी गई है।

फर्टिलाइजर्स, पेस्टिसाइड्स या फिर बीज के डिस्ट्रीब्यूशन खरीदने बेचने या फिर इसका उत्पादन करने वाली इकाइयों को भी अनुमति दी गई है और इस दृष्टि से हार्वेस्टिंग या फिर शोइंग यानी खेती के सभी गतिविधियों के लिए संबंधित मशीन को लाने ले जाने राज्य में या फिर अंतर राज्य आने जाने की भी अनुमति रहेगी । इसमें एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर इन दोनों ही शामिल है।

पिछली बार फिशरीज को लेकर भी काफी बवाल मचा था। इस बार केंद्र सरकार ने अपनी गाइडलाइन में इसको खासतौर से शामिल करते हुए मैरी एंड इनलैंड इन सभी प्रकार की फिशिंग का ऑपरेशन जारी रहेगा। क्योंकि इसे एक्वाकल्चर इंडस्ट्री माना गया है। इसमें फीडिंग मेंटेनेंस, हार्वेस्टिंग प्रोसेसिंग, पैकेजिंग इसके लिए खरीद और बिक्री सभी प्रकार की गतिविधि कर पाएंगे।

गाइडलाइन में हैचरी फीड प्लांट और कमर्शियल एरिया की भी अनुमति दी गई है जबकि मूवमेंट ऑफ़ फिश एंड फिश को लाने ले जाने, फिश प्रोडक्ट को लाने ले जाने या फिर उसके भोजन या फिर उससे संबंधित जो वर्कर्स होंगे उन सब को भी लाने ले जाने आने जाने की अनुमति रहेगी।

गाइडलाइन में प्लांटेशंस से संबंधित एक्टिविटीज को भी जारी रखने की अनुमति दी गई है।
इसमें चाय कॉफी और रबर प्लांटेशंस की गतिविधि जारी रखने की अनुमति दी जाएगी लेकिन ध्यान रहे केवल 50% वर्कर के काम करने की अनुमति मिलेगी। साथ ही इसके प्रोसेसिंग पैकेजिंग सेल परचेस मार्केटिंग की दृष्टि से भी अनुमति रहेगी लेकिन उन संस्थानों में भी केवल 50% अपने वर्कर्स रखने की अनुमति मिलेगी।

गाइडलाइन में एनिमल हसबेंडरी यानी जानवर से संबंधित पशु से संबंधित एक्टिविटीज भी जारी रखने की अनुमति रहेगी । जैसे दूध के कलेक्शन सेंटर्स या प्रोसेसिंग या फिर डिस्ट्रीब्यूशन या उसके खरीदने बेचने के संस्थान या गतिविधि दूध से संबंधित प्रोडक्ट टी प्रोसेसिंग उसके प्रोसेसिंग प्लांट जिसमें ट्रांसपोर्टेशन भी उनका शामिल है और उसके सप्लाई चैन भी शामिल की गई हैं जारी रहेंगे।

एनिमल हसबेंडरी फॉर्म्स जिसमें पोल्ट्री फार्म्स और हेचडी शामिल है या उसके स्टॉक उससे संबंधित सामान के स्टॉक फार्मिंग एक्टिविटी भी ऑपरेशनल रहेंगे।

एनिमल फीड मैन्युफैक्चरिंग करने वाले संस्थान या फीड प्लांट का रोजगार करने वाले जिसमें सप्लाई ऑफ राव मटेरियल जैसे मक्का या सोया शामिल है इसकी अनुमति भी रहेगी। साथ ही एनिमल शेल्टर होम्स अगर कोई चला रहे हैं तो इसे भी ऑपरेट कर पाएंगे जिसमें गौशाला को भी शामिल रखा गया है।

अगर बात की जाए फाइनैंशल सेक्टर के इंस्टीट्यूशंस की तो उसको लेकर के भी गाइडलाइन में बेहद स्पष्ट उल्लेख किया गया है। जैसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और उससे मॉनिटर होने वाली सभी संस्थान या मार्केट जिसमें एनपीसीआई है सीसीआईएल है या पेमेंट सिस्टम ऑपरेशन से जैसे डिजिटल पेमेंट ऑपरेशंस होते हैं या उससे संबंधित जो प्राइमरी डीलर सोते हैं वह सभी फंक्शनल रहेंगे।

बैंक के सभी ब्रांच एस एटीएम और उससे संबंधित जो आईटी व्हेन डस होते हैं जो उनको सुविधाएं मुहैया कराते हैं बैंक को या उनकी सेवा बैंकिंग ऑपरेशंस बैंकिंग कोर्स पॉर्न डेंस एटीएम ऑपरेशन और कैश मैनेजमेंट एजेंसी के ऑपरेशंस भी जारी रहेंगे।

सभी बैंक की सभी ब्रांच सामान्य परिस्थितियों की भांति अपने वर्क आवर्स के अनुसार काम करती रहेंगी । साथ ही इसके लिए आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सभी स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया गया है जबकि गाइडलाइन में इस बात को लेकर के भी चेतावनी दी गई है कि बैंक में काम करने के दौरान या फिर बैंकिंग सेवा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से मेंटेन करना होगा और साथ ही कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी की दृष्टि से भी जिला प्रशासन को आगाह किया गया है।

इनमें से भी और कैपिटल एंड गिफ्ट मार्केट सर्विसेज जो सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के अनुसार नोटिफाइड है सेंटर उसका भी ऑपरेशन से जारी रहेगा ।

साथ ही आईआरडीएआई और इंश्योरेंस कंपनी भी अपना कामकाज कर पाएंगे।

अगर बात की जाए सोशल सेक्टर के फंक्शन की तो इसको लेकर के भी कुछ शर्तों के आधार पर केंद्र सरकार ने ऑपरेशन जारी रखने की अनुमति दी है।
चिल्ड्रन होम्स या फिर डिसएबल चिल्ड्रन के लिए ऑन मेंटली चैलेंज्ड या फिर सीनियर सिटीजन के लिए चलाए जाने वाले सेंटर डेस्टिट्यूट्स या फिर वूमेन या वीडियोस के लिए चलाए जाने वाले सेंटर में ऑपरेशन से जारी रहेंगे।

इनके अलावा ऑब्जरवेशन फॉर्म्स केयर होम्स और जुवेनाइल की फैक्ट्री की दृष्टि से जीव संस्थान चलाए जा रहे हैं वह भी खुले रहेंगे।

गाइड लाइन में यह भी साफ कर दिया गया है कि इस दौरान सरकार की ओर से दिए जाने वाले ओल्ड एज या वीडियो फ्रीडम फाइटर पेंशन ओल्ड एज पेंशन वीडियो पेंशन या प्रोविडेंट फंड सिक्योरिटीज ईपीएफओ ऑर्गेनाइजेशन इन सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा संबंधी पेंशन भी व्यक्ति ले पाएंगे।

इनके अलावा आंगनवाड़ी भी ऑपरेशनल रहेंगे जिनके द्वारा फूड आइटम का वितरण होता रहेगा या फिर बच्चों के लिए न्यूट्रिशन 15 दिनों में एक बार दिया जाता है उसे भी लाभार्थियों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा डोर स्टेप पर पहुंचाने की अनुमति रहेगी । लेकिन यह साफ कर दिया गया है कि बच्चे महिलाएं या फिर छोटे बच्चे वाली मां आंगनवाड़ी नहीं आएंगी।

शिक्षा को लेकर भी गाइडलाइन में कुछ स्पष्टीकरण जारी किए गए हैं इसमें साफ तौर पर ऑनलाइन टीचिंग ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग को इंक्रीज करने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा गया है। इसमें साफ कर दिया गया है कि सभी प्रकार के शिक्षण संस्थान ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट कोचिंग इंस्टिट्यूशन बंद रहेंगे।

सभी शिक्षण संस्थानों के एकेडमिक शेडूल यानी शैक्षणिक सत्र को पूरी तरह मेंटेन रखने को कहा गया है। इसमें उम्मीद जताई गई है कि सभी संस्थान अपने ऑनलाइन टीचिंग के माध्यम से शैक्षणिक सत्र को मेंटेन रखेंगे।

गाइडलाइन में दूरदर्शन और दूसरे एजुकेशनल चैनल्स का मैच में उपयोग बच्चों को पढ़ाने के लिए करने को कहा गया है।

गाइडलाइन में मनरेगा को लेकर विशेष फोकस किया गया है। साफ कर दिया गया है कि मनरेगा से संबंधित एक्टिविटी जारी रहेंगी।

गाइडलाइन में कहा गया है कि मनरेगा वर्कर्स सोशल डिस्टेंसिंग और फेस मास्क पहनने की नियमों का पालन करते हुए काम करने के लिए अपने घरों से निकल पाएंगे।

मनरेगा के लिए सिंचाई और जल संरक्षण वाले काम को प्राथमिकता देने की बात की गई है।

इसमें केंद्र और राज्य सरकारों की दूसरी योजनाएं जिसमें सिंचाई है या जल संरक्षण के क्षेत्र हैं साथ ही अन्य प्रकार के हानी नहीं पहुंचाने वाले ऐसे काम भी एम एन आर ई जी ए के तहत कराए जा सकेंगे।

पब्लिक यूटिलिटीज को लेकर भी गाइडलाइन में बात की गई है।

इसमें ऑयल और गैस सेक्टर को शामिल किया गया है जिसमें सभी प्रकार की रिफाइनरी है ट्रांसपोर्टेशन है इसका डिस्ट्रीब्यूशन शामिल है और इसके स्टोरेज और रिटेल प्रोडक्ट से संबंधित जो भी संस्थान हैं वह सभी काम कर पाएंगे इनमें पेट्रोल डीजल केरोसिन सीएनजी एलपीजी और पीएनजी सामिल है।

पब्लिक यूटिलिटीज में जनरेशन ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ पावर सेंट्रल और राज्य स्तर पर चलाई जाती रहेंगे।

इसमें पोस्टल सर्विसेज जिसमें सभी पोस्ट ऑफिस शामिल किए गए हैं खुले रहेंगे।

पानी से संबंधित सभी प्रकार की सेवा सफाई और वेस्ट मैनेजमेंट सेक्टर ऐसे में निष्फल कॉरपोरेशन ने लोकल बॉडीज लेवल राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी ऑपरेशनल रहेंगे।

टेलीकम्युनिकेशन और इंटरनेट सर्विसेज मुहैया कराने वाली सभी कंपनियां या संस्थान या उनके ब्रांच ऑपरेशनल रहेंगे।

गाइडलाइन में गुड्स और कार्गो लोडिंग अनलोडिंग जिसमें राज्य या फिर अंतर राज्य गतिविधियां शामिल की गई है जारी रखने की अनुमति मिलेगी।
सभी प्रकार के गुड्स यातायात की अनुमति रहेगी।
गुड्स या कार्गो लाने ले जाने के लिए रेलवे या फिर हवाई माध्यम से लाने ले जाने की अनुमति रहेगी। इसमें अलग-अलग राज्यों में राहत सामग्री ले जाने या मेडिकल इक्विपमेंट यादव आई पी पी की ले जाने या फिर मेडिकल पॉइंट भी से किसी भी मरीज को लाने ले जाने की अनुमति हवाई माध्यम से भी रहेगी।
कैन सरकार ने सीपोर्ट यानी बंदरगाहों को भी ऑपरेशनल रखने का फैसला किया है।

You cannot copy content of this page