लखनऊ, 27 फरवरी। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली में भड़की हिंसा से उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी सतर्क हो गई है। उत्तर प्रदेश में दोबारा हिंसा न भड़के इसके लिए पयार्प्त इंतजाम किए जा रहे हैं। संवेदनशील शहरों के साथ ही दिल्ली राज्य की सीमा से सटे जिलों पर खास निगरानी रखी गई है। मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है, जो सुरक्षा प्रबंध संभाल रहे हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, विभिन्न वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जुमे की नमाज से पहले की स्थिति पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भेजा गया है। जब तक दिल्ली की स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जाती, इन अधिकारियों को नामित जिलों में शिविर लगाने के लिए कहा गया है। साथ ही इन सभी जिलों में एहतियातन पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार कि एडीजी बरेली जोन अविनाश चंद्र को मुरादाबाद भेजा गया है, जबकि एडीजी आगरा जोन अजय आनंद को अलीगढ़ का प्रभार दिया गया है। इसके अलावा आईजी मुरादाबाद रमित शर्मा को संभल का प्रभार दिया गया है जबकि आईजी रेलवे, विजय प्रकाश, फिरोजाबाद की निगरानी करेंगे। आईजी पीटीसी मेरठ लक्ष्मी सिंह मुजफ्फरनगर की देखरेख करेंगे और डीआईजी एसआईटी जे. रविंद्र गौड़ बिजनौर की कमान संभालेंगे।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दिल्ली में हिंसा का असर राज्य पर न हो, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका ध्यान रखा जाए। ज्ञात हो कि उत्तर पूवीर् दिल्ली में हिंसा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य के संवेदनशील जिलों में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी है। दिल्ली सीमा से सटे नोएडा, गाजियाबाद, बागपत और बुलंदशहर के अलावा संवेदनशील अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और संभल को लेकर उप्र शासन ने पहले ही तैयारी कर ली है।