चंडीगढ़, 3 फरवरी। 34वें सूरजकुंड मेले में सहभागी देश के रूप में भाग ले रहे उज्बेकिस्तान से आए सांस्कृतिक कलाकार जहां अपने देश की संस्कृति से भारत के लोगों को रू-ब-रू करवा रहे हैं वहीं मेले में पहुंचे वहां के कारीगर अपने देश की बेहतरीन चीजों का प्रदर्शन कर लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
मुुख्य चौपाल के समक्ष लगाए गए उज्बेकिस्तान के स्टॉलों पर सामान को देखने व खरीददारी करने के लिए हर रोज हजारों लोग पहुंच रहे हैं। इस स्टॉल पर उपलब्ध हस्त निर्मित सामान को खरीदकर लोग अपने घर को उज्बेकिस्तान की थीम पर सजा सकते हैं।
उज्बेकिस्तान के स्टॉल पर वहां की बेहतरीन कारीगर कुमारी निलोफर ने बताया कि वे पिछले दो साल से यहां पर अपने देश के बेहतरीन हथकरघा की विशेषताओं से भारतवासियों को रूबरू करवाते आ रहे हैं। इस बार मेले के सहभागी देश के तौर पर उन्हें यहां आने का मौका मिला है और यहां के लोगों का जबरदस्त प्यार व रूझान उन्हें मिला है। निलोफर ने बताया कि इस बार मेले में उज्बेकिस्तान से 60 लोग अपना हुनर दिखाने यहां पहुंचे हैं जिनमें से 41 कलाकार हैं जो अपनी प्रतिभा के दम पर उज्बेकिस्तान की संस्कृति को प्रदर्शित कर रहे हंै।
इसी तरह, सूरजकुंड मेले में लगे स्टॉल नम्बर 191 पर पश्चिम बंगाल राज्य से आए राजकुमार अपनी हस्तकला से आभूषण बनाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। इस स्टॉल पर महिलाओं की खासी भीड़ देखने को मिल रही है।
राजकुमार ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से मेले में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। वे खुद अपने हाथों से समुद्री सीप व वास्तविक मोतियों को इक_ïा कर उनसे चांदी के आभूषण तैयार करते हैं। महिलाओं के सौंदर्य को निखारते ये कुदरती आभूषण अपने आप में बड़े ही खास मायने रखते हैं।