” बाबा हरदेव को समर्पित होगा 69वाँ वार्षिक समागम “

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बुराड़ी रोड स्थित 400 एकड़ के विशाल मैदान में होगा आयोजन 

‘ मानवीयता – एक समर्पित सफर ‘ 
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19, 20 व  21 नवम्बर 2016 

माता सविन्दर हरदेव जी महाराज की पावन अध्यक्षता

दिल्ली :  शनिवार से यहाँ आरम्भ होने वाला 69वाँ वार्षिक निरंकारी संत समागम निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज को समर्पित किया जाएगा। विषय होगा -’मानवीयता – एक समर्पित सफर’। यह समागम बुराड़ी रोड स्थित 400 एकड़ से भी अधिक फैले हुए विशाल मैदानों में सम्पन्न होगा। यह 3-दिवसीय समागम पहली बार सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज की पावन अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने निरंकारी सद्गुरु के रूप में इस वर्ष 13 मई को सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के ब्रह्मलीन होने के उपरान्त यह जिम्मेदारी सम्भाली। समागम में देश व दूरदेशों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त सम्मिलित होंगे। अनेक भक्तजन समागम स्थल पर पहुँच भी चुके हैं।

 

समागम के प्रबन्ध के लिए संत निरंकारी मण्डल की कार्यकारिणी समिति ही समागम समिति के रूप में कार्य करेगी और इसके महासचिव श्री वी.डी.नागपाल जी को समागम के संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है। केन्द्रीय योजना तथा सलाहकार बोर्ड़ के सदस्य एवं सन्त निरंकारी सेवादल के केन्द्रीय अधिकारी भी इस समिति को अपना सहयोग प्रदान कर रहे हैं। प्रत्येक विभाग की सहायता के लिए कुछ विशेष समितियों का गठन भी किया गया है।

 

दिल्ली सरकार तथा अन्य संस्थाओं के सहयोग से समागम स्थल पर बिजली, पानी, सिवरेज इत्यादि सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए व्यापक प्रंबध किये गये हैं। भक्तों को रेलवे रिजर्वेशन इत्यादि की सुविधा भी समागम स्थल पर ही उपलब्ध कराई जा रही है।

 

दिल्ली के बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों के लिए हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और अन्तर्राज्यीय बस अड्डों पर गाड़ियों के विशेष प्रबन्ध किये गये हैं। उन्हंे वहाँ से समागम स्थल तक निःशुल्क वाहन उपलब्ध होंगे। इसी प्रकार के प्रबंध समागम समपन्न होने पर वापसी के लिए भी किये जायेंगे। इसके लिए संत निरंकारी मण्डल द्वारा अपने वाहनों के अतिरिक्त सैंकड़ांे की संख्या में प्राइवेट तथा दिल्ली परिवहन निगम की बसें किराये पर ली गई हैं.

 

लंगर प्रत्येक ग्राउंड में तैयार और वितरित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त चाय, काॅफी, शीतल पेय और अल्पाहार की वस्तुएं रियायती दरों पर उपलब्ध कराने के लिए समागम स्थल पर 22 कैन्टीनों का प्रबन्ध किया गया है। इन कैन्टीनों में मिनरल वाटर भी उपलब्ध होगा। समागम के दौरान स्व17-nov-6-aच्छता का इतना ध्यान रखा जायेगा कि लंगर का वितरण भी स्टील की थालियों में होगा।

16 प्रकाशन स्टाॅल स्थापित किए जाएंगे

मुख्य सत्संग पंडाल के आस-पास मण्डल के विभिन्न विभागों के कार्यालय होंगे। प्रकाशन निर्माण तथा वितरण विभाग की ओर से विभिन्न मैदानों में 16 प्रकाशन स्टाॅल स्थापित किए जाएंगे जहाँ से श्रद्धालु भक्त मिशन का साहित्य, फोटो, सी.डी., डी.वी.डी., डायरी, केलेण्डर आदि प्राप्त कर सकेंगे। विभाग की ओर से मिशन की पत्रिकाओं के लिए नए सदस्यों को रजिस्टर करने का प्रबन्ध भी किया जाएगा। समागम के उपलक्ष्य में ‘सद्गुरु’ नामक विशेष स्मारिका भी प्रकाशित की जा रही है। इस स्मारिका में मिशन के विद्वान महात्माओं की ओर से हिन्दी, पंजाबी तथा अंग्रेजी में लेख प्रकाशित किए जाएंगे।

15 निःशुल्क डिस्पेंसरी, 14 एम्बुलेंस

स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से समागम स्थल पर 15 निःशुल्क डिस्पेंसरी चलाई जाएंगी ताकि यदि किसी श्रद्धालु भक्त को जरूरत पड़ जाये तो उचित चिकित्सा वहीं पर उपलब्ध कराई जा सके। यहाँ कुल मिलाकर 95 बेड भी उपलब्ध होंगे। यदि किसी को अस्पताल ले जाना पड़े तो उसे निकटतम सरकारी अस्पताल तक ले जाने का प्रबन्ध भी किया जा रहा है। इसमें दिल्ली नगर निगम की ओर से 6 मोबाइल डिस्पेंसरी का योगदान भी शामिल होगा। इनके अतिरिक्त 9 प्राथमिक सहायता टीम और 14 एम्बुलेंस भी उपलब्ध रहेंगी।

 

60 चिकित्सक करेंगे स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित 

 

गत वर्ष की भाँति इस समागम में भी दूरदेशों से आए 60 चिकित्सक अपना एक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित करेंगे जहाँ केरोथिरेपी द्वारा रीढ़ की हड्डी तथा जोड़ों के दर्द का निःशुल्क उपचार किया जाएगा।

12 ए.टी.एम. की मशीनें

संत निरंकारी मण्डल के अनुरोध पर स्टैट बैंक आॅफ इण्डिया, पंजाब नैशनल बैंक, ओरियेंटल बैंक तथा बैंक आॅफ इण्डिया की ओर से समागम स्थल पर 12 ए.टी.एम. की मशीनें लगाई जाएंगी। ये बैंक 500/- तथा 1000/- रूपये के पुराने नोटों के स्थान पर नए नोट देने के लिए भी विभिन्न मैदानों में अपने काउंटर खोलेंगे।

सत्संग पंडाल के निकट ही संत निरंकारी चेरिटेबल फाउंडेशन का कैम्प होगा जिस में फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे तथा किए जाने वाले समाज कल्याण कार्यो को एक लघु प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शाया जाएगा। यह फाउंडेशन संत निरंकारी मिशन की समाज कल्याण गतिविधियों पर अधिक ध्यान देने के लिए अप्रैल 2010 में स्थापित की गई थी।

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‘निंरकारी प्रदर्शनी‘

दुर्लभ फोटो और माॅडलों पर आधारित ‘निंरकारी प्रदर्शनी‘ समागम का एक मुख्य आकर्षण केन्द्र रहेगी। इस प्रदर्शनी को मिशन का आईना कहा जा सकता है, जिसमें मिशन के इतिहास, विचारधारा और सामाजिक गतिविधियों को दर्शाया गया है। प्रदर्शनी के एक बड़े भाग में सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने संसार में जो सत्य, अमन और एकत्व का संदेश फैलाने में महान योगदान दिया, उसे दर्शाया गया है। इसी तरह एक भाग निरंकारी राजमाता कुलवन्त कौर जी के जीवन और शिक्षाओं के प्रति समर्पित किया गया है। यह प्रदर्शनी समागम के अन्तिम दिन तक प्रातः 9ः00 बजे से रात्रि 9ः00 बजे तक खुली रहेगी।

 

संदेश

 

यह समागम संत निरंकारी मिशन के पूर्व सद्गुरु निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की प्रेममयी स्मृति को समर्पित होगा। बाबा हरदेव सिंह जी का प्रेम, करूणा, नम्रता, सहनशीलता, क्षमाशीलता और एकता जैसे मानवीय मूल्यों को प्रोत्साहित करने में गौरवशाली योगदान रहा। अतः समागम का विषय – ‘मानवीयता – एक समर्पित सफर’ रखा गया। इस विषय के अनुरूप ही समागम के अन्तिम दिवस पर आयोजित कवि सम्मेलन का भी विषय है- ’’कर्ज़ चुकाया जा नहीं सकता हरदेव तेरे एहसानों का’’। अर्थात् सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी ने मानवता के प्रति परोपकार किये हैं उनके ऋण से हम कभी मुक्त नहीं हो सकते।

 

प्रत्येक धर्मावलम्बियों को एक सांझा मंच

बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने विश्वभर को विश्वास दिलाया किसंत निरंकारी मिशन की आध्यात्म्कि विचारधारा सभी की आवश्यकता हैऔर जीवन के प्रत्येक पहलू में प्रासंगिक है। यह मिशन प्रत्येक धर्मावलम्बियों को एक सांझा मंच प्रदान करता है। यह संसार में परस्पर विश्वास एवम् आपसी सद्भाव को प्रोत्साहित करता है। जिससे वातावरण व मनों में शान्ति स्थापित हो सके। मिशन, प्रत्येक मानव को ईश्वर के परम अस्तित्व तथा सत्य से अवगत कराने के लिए तथा ईश्वर का बोध प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। जिससे अज्ञानता का अंधकार समाप्त हो सके और व्यर्थ के भ्रमों से मुक्ति प्राप्त हो सके। परमात्मा के विभिन्न नामों से ऊपर उठकर प्रत्येक धर्म में आस्था रखने वालों को उनके धर्म उपदेशकों ने एक सर्वशक्तिमान परमात्मा की स्तुति के लिए ही संदेश दिए। इस प्रकार संसार में घृणा, ईष्र्या और धर्म के नाम पर होने वाली हिंसा, जाति, रंग और वर्ण के आधार पर सभी भेदभाव समाप्त हो जायंेगे।

 

अगस्त 2012 में प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय निरंकारी संत समागम बर्मिंघम में आयोजित किया गया जिसका विषय था – ‘एकत्व में सद्भाव-आईये इसके लिए कार्य करें’। इसके बाद भारत एवम् दूरदेशों में होने वाले अन्य समागम भी इसी विषय पर केन्द्रित रहे। बाबा हरदेव सिंह जी की अध्यक्षता में अगस्त 2015 में कैलगरी (कनाडा) में एक युवा सम्मेलन आयोजित किया गया जिसको विषय दिया गया – ’दीवारों से मुक्त संसार, आईए मानवता को जोड़ने के लिए पुलों का निर्माण करें’।

बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने 29 जून से 3 जुलाई 2016 तक टोरंटों (कनाडा) मेंद्वितीय अन्तर्राष्ट्रीय निरंकारी संत समागम की योजना बनाई थी। समागम को विषय दिया गया था ’मानवीयता’। अतः उनकी आकांक्षा थी कि मानव प्रेम, करूणा, सहनशीलता जैसे दिव्य गुणों से युक्त होकर जीवन व्यतीत करे।

 

मिशन का सभी दिशाओं में आश्चर्यजनक विस्तार

बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के समय में मिशन का सभी दिशाओं में आश्चर्यजनक विस्तार हुआ। दिल्ली व अन्य स्थानों में होने वाले समागमोंमें सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुभक्तों की निरंतर बढ़ती हुई संख्या इस बात का प्रमाण था कि मिशन का संदेश संयोजित रूप से घर-घर पहुँच रहा है। प्रत्येक स्थान से सत्य के जिज्ञासु मिशन की ओर आकर्षित हो रहे थे।

बाबा जी के ब्रह्मलीन होने तक मिशन के दिल्ली व ग्रेटर दिलली में 35 सेक्टर व देश में कुल 74 जोन बन चुके थे। देशभर में लगभग 3000 व दूरदेशों में 200 शाखायें स्थापित हो चुकी थीं।

 

मिशन का दूरदेशों में भी काफी प्रचार-प्रसार हुआ। बाबा जी के द्वारा विश्व की प्रतयेक कल्याण यात्रा के दौरान कुछ नये क्षेत्रों व देशों को शामिल किया जाता रहा। इसी प्रकार ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा के अलावा आॅस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, ताइवान, हांगकांग, फिल्पाईनस, इण्डोनेशिया, मलेशिया, स्पेन, आॅस्ट्रिया, जर्मनी, इटली, स्वीडन, केन्या, युगांडा, नाइजीरिया और मध्य पूर्व के कई देशों में भी भक्तों को बाबा जी के आशीर्वाद प्राप्त हुए।

 

समाज कल्याण

 

यह बाबा हरदेव सिंह जी का ही आशीर्वाद है कि आज मिशन के दिल्ली, आगरा, चेन्नई व कलकत्ता में चार अस्पताल और देश भर में 154 डिस्पेन्सरी व10 प्रयोगशालायें धर्मार्थ रूप से कार्य कर रहा हैं। 23 फरवरी 2015 को बाबा जी के 61वें जन्मदिवस के अवसर पर दिल्ली में एक निरंकारी हेल्थ सिटी के निर्माण कार्य का उद्घाटन बाबा जी के कर कमलों द्वारा किया गया। उन्होंने 26 जनवरी 2016 को मुम्बई के विले पार्ले में मिशन के पहले ब्लड बैंक का भी उद्घाटन किया।

विधवा एवं जरूरतमंद महिलाओं के लिये दिल्ली व देश के अन्य स्थानों में मिशन के 76 सिलाई व कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किये गये हैं। शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा में एक कालेज के अलावा मिशन के 24 विद्यालय भी हैं। योग्य व प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा व व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में आगे बढ़ने के लिये छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।

बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का कहना था कि रक्त नालियों में नहीं नाड़ियों में बहना चाहिए। इस प्रकार मिशन के अनुयायी भक्ति का एक अंग मानते हुये अत्यन्त उत्साह के साथ स्वेच्छा से रक्तदान करते हैं। 31 मार्च, 2016 तक मिशन ने 4567 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 7,88,601 यूनिट रक्तदान कर मिशन देश की रक्तदान करने वाली एक अग्रणी संस्था बन गया। 24 अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2016 तक मिशन ने 494 शिविरों में 79,006 यूनिट रक्तदान किया।

बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के आशीर्वाद से मिशन के द्वारा सन् 2009 से बाबा जी के पावन जन्म दिवस 23 फरवरी के अवसर पर प्रति वर्ष वृक्षारोपण व सफाई अभियान का आयोजन किया जा रहा है। 2 अक्तूबर, 2014 को भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा ’’स्वच्छ भारत अभियान’’ प्रारम्भ करने पर मिशन के द्वारा प्रतिवर्ष अतिरिक्त स्वच्छता अभियान चलाये जा रहे हैं जिसके अन्तर्गत मुख्य रूप से राष्ट्रीय स्मारकों, समुद्र तटों, नदी के किनारों, सरकारी संस्थाओं अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों व सार्वजनिक उपयोग के सामान्य क्षेत्रों में सफाई की जा रही है।

 

समाज सुधार

 

सन् 1973 में मसूरी कान्फ्रेन्स में बाबा गुरवचन सिंह जी ने नशीले पदार्थों के उपयोग पर रोक तथा अन्तर्जातीय व दहेज मुक्त विवाह, आदि सामाजिक सुधारो पर काफी ज़ोर दिया। इसी आंदोलन को बाबा हरदेव सिंह जी ने पूरे साहस के साथ आगे बढ़ाया। नशीले पदार्थों का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की सामाजिक बुराईयों की जड़ है अतः मिशन के अनुयायियों को इससे परहेज़ करने की सलाह दी गई। इसी प्रकार बाबा जी ने विवाह व अन्य सामाजिक कार्यों में भी सादगी अपनाने की सलाह दी। दहेज मुक्त विवाह को प्रोत्साहित करने के लिये मिशन ने बड़ी संख्या में सामूहिक विवाह कार्यक्रमों का आयोजन प्रारम्भ किया।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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