फेसबुक लाइव सेशन में भाग लेने वाले पहले भारतीय मंत्री बने डॉ. जितेन्द्र सिंह
एक घंटे के कार्यक्रम के दौरान प्रश्नों के ऑनलाइन उत्तर देते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भरोसा दिलाया कि केन्द्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण एवं निरीक्षण प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल में भारतीय भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने में नागरिकों की सहायता करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और इस प्रक्रिया में तेजी लायी जाएगी। उन्होंने कहा, “अनेक राज्यों ने पहले ही सीपीजीआरएएमएस मॉडल का अनुसरण कर लिया है और कुछ राज्यों में अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने के प्रावधान हैं।”
डॉ. सिंह ने कहा कि हाल ही में बनाए गए संघशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संघ शासित प्रदेश शिकायत निवारण प्रकोष्ठ ‘आवाज-ए आम’ के आरम्भ के साथ लम्बी छलांग लगाई गई है और इसे जल्द ही सीपीजीआरएएमएस पोर्टल के साथ जोड़ दिया जाएगा।
लाइव प्रोग्राम के दौरान 8,000 से अधिक दर्शकों के साथ बातचीत करते हुए, डॉ जितेन्द्र सिंह ने नागरिकों को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत (डीएआरपीजी) विभाग द्वारा संचालित नागरिक शिकायत निवारण के लिए डेटा-चालित नवाचार पर प्रथम ऑनलाइन हैकथॉन में अपनी प्रविष्टियां प्रस्तुत करने की अपील की। पिछले साल 5 नवंबर को एक डीएआरपीजी कार्यशाला में हैकथॉन को लाइव किया गया था और इसमें 1,329 पंजीकृत टीमों द्वारा 53 से अधिक प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। लोगों की मांग पर हैकाथॉन की अवधि दो दिन तक बढ़ाई गई। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, “प्रतिक्रिया अद्भुत रही है और मैंने जेनएक्स से अपील की है कि वह सार्वजनिक शिकायत तंत्र में सुधार लाने के लिए नवाचारी ऐप्स को डिजाइन करने के लिए कृत्रिम आसूचना के संबंध में अपने विचारों को सामने लाए।”
सत्र में भाग लेते हुए डीएआरपीजी सचिव डॉ. छत्रपति शिवाजी ने कहा कि विभाग का प्रयास प्रभावी और कुशल समाधानों के माध्यम से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने है। उन्होंने कहा, “पथप्रदर्शक नवाचारों से सरकार को आपके द्वार तक आने में मदद मिलेगी; आपको अपनी शिकायतों के निवारण के लिए एक जगह से दूसरी जगह दौड़-धूप करने की आवश्यकता नहीं होगी। ”
डीएआरपीजी के अपर सचिव श्री वी. श्रीनिवास ने कहा कि हैकथॉन के दौरान 13 पुरस्कारों की पेशकश की गई। उन्होंने कहा, “तीन सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों को 1 लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार 50,000 रुपए का द्वितीय पुरस्कार और 25,000 रुपए का तृतीय पुरस्कार दिया जाएगा। इसके अलावा 10,000 रुपए के दस सांत्वना पुरस्कार तथा जांच समिति की ओर से जूरी स्टेज पर पहुंचने वाले सभी प्रतिभागियों को योग्यता प्रमाण-पत्र भी दिए जाएंगे। ये पुरस्कार 7-8 फरवरी, 2020 को मुम्बई में आयोजित होने वाले ई-गवर्नेंस के 23वें राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान मंत्री महोदय द्वारा प्रदान किए जाएंगे।”
माई गोव इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि यह सार्वजनिक शिकायतों पर प्रथम हैकथॉन है और इसने नागरिकों के साथ परस्पर संवाद का अवसर प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, माई गोव पोर्टल के पास एक करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं का आधार है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह के साथ फेसबुक लाइव सत्र में उप महानिदेशक, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) श्रीमती अलका मिश्रा ने भी भाग लिया।