गुरुग्राम 25 दिसंबर । हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुशासन दिवस के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह के दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कार्यक्षमता बढ़ाने को लेकर अपने विचार सांझा किए।
मुख्यमंत्री आज गुरूग्राम जिला में सुशासन दिवस के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने आज रोहतक, पलवल, करनाल, फतेहाबाद व यमुनानगर के अधिकारियों व कर्मचारियों से बातचीत की और उनकी शंकाओं का समाधान किया। यमुनानगर में कार्यरत पटवारी चेलाराम ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे ज्यादा कम्प्यूटर नही जानते, ऐसे में वे किस प्रकार डिजीटाइजेशन से जुड़े। इस पर मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि हमारे भीतर सीखने की चाह होनी चाहिए। जब हम सीखना चाहते है तो हमारी मनोस्थिति स्वयं परिवर्तित हो जाती है, इसलिए वे धीरे-धीरे सीखते हुए आगे बढ़े और अपनी कार्यक्षमता बढ़ाएं।
इसी प्रकार, रोहतक में पुलिस विभाग के इंस्पेक्टर बलवंत ने मुख्यमंत्री से पूछा कि काम करने के बावजूद भी कई बार लोग हमारी आलोचना करते हैं, ऐसे में वे किस प्रकार अपनी कार्य क्षमता बढ़ा सकते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटि छवाय, बिन पानी बिन साबुन , निर्मल करे सुभाय‘। मुख्यमंत्री ने कहा कि आलोचना दो प्रकार की होती है एक सही और दूसरी गलत। यदि आलोचना ठीक है तो अपनी कार्यशैली में सुधार करों और आलोचक का धन्यवाद करो और यदि आलोचना गलत है तो उसे नजरंदाज कर दें।
फतेहाबाद जिला से ग्राम सचिव रमेश ने मुख्यमंत्री से पूछा कि यदि राजनीतिक लोगों का हस्तक्षेप हो तो हम कैसे ठीक काम करें। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि काम नियमो के अनुरूप हो तो उसके सुझाव को मान लें अन्यथा उसे व्यवहार कुशलता के साथ मना कर दें। पलवल जिला के गांव सालागढ़ से गणित विषय की अध्यापिका संतोष ने मुख्यमंत्री से पूछा कि अध्यापक नए तरीके अपनाकर कैसे अच्छा परिणाम दे सकते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें नए प्रयोग करते रहना चाहिए। अगर इसके परिणाम अच्छे आएं तो इसे आगे बढ़ा लें अन्यथा छोड़ दें।
करनाल जिला के कल्पना चावला मैडिकल काॅलेज से प्रोफेसर डा. मीनाक्षी ने पूछा कि सोशल मीडिया पर आई जानकारी को कैसे हैंडल करें। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर जानकारी को अपने विवेक से परखें । सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट बना सकते हैं तथा सरकारी योजनाआंे व पाॅलिसियों को शेयर कर सकते हैं क्योंकि आप भी सरकार का हिस्सा हैं। सोशल मीडिया पर अगर कोई व्यक्तिगत दुर्भावना से गलत सूचना प्रेषित करता है तो उसके खिलाफ पुलिस को सूचित करें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के लिए रेगुलेटरी मैकेनिज्म की जरूरत है।