नयी दिल्ली । राज्यसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस, सपा, राकांपा सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने उन्नाव में बलात्कार की एक पीड़िता को जलाने की घटना को लेकर हंगामा किया और सदन में इसे उठाने की मांग की। इस वजह से बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी।
भोजनावकाश के बाद उच्च सदन की बैठक फिर शुरू होने पर विभिन्न दलों के सदस्यों ने यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया। लेकिन उपसभापति हरिवंश ने इसकी अनुमति नहीं दी और उन्होंने माकपा सदस्य के के रागेश को कराधान विधि (संशोधन) अध्यादेश, 2019 को निरस्त करने के लिए सांविधिक संकल्प पेश करने को कहा।
रागेश ने सदन में व्यवस्था बनाए जाने की मांग की और कहा कि वह हंगामे में अपनी बात नहीं कह सकेंगे। इसके बाद उपसभापति ने दो बजकर करीब पांच मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। आधे घंटे के बाद बैठक फिर शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्नाव की घटना की निंदा करते हुए कुछ सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका दिया। इसके बाद सदन में कामकाज सुचारू रूप से चलने लगा।
जिस समय उन्नाव घटना को लेकर हंगामा हुआ, उस समय सदन में कार्यसूची के अनुसाररागेश के संकल्प और कराधान विधि (संशोधन) विधेयक, 2019 पर एक साथ चर्चा होनी थी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुबह शून्यकाल में ही भी हंगामा हुआ था और विपक्ष के कई सदस्य गैरसूचीबद्ध विषय उठाने की मांग कर रहे थे। इस वजह से सदन की बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी।