गुरुग्राम। जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई), गुरुग्राम जोनल यूनिट (जीजेडयू), हरियाणा ने नई दिल्ली के मयूर विहार निवासी एवं मेसर्स डीके एंटरप्राइज के मालिक दीपक मित्तल और हरियाणा के हिसार जिले के हांसी निवासी एवं मेसर्स गर्ग एंटरप्राइजेज के मालिक अंकुर गर्ग को गिरफ्तार किया है।
ये दोनों ही व्यक्ति फर्जी एन्वॉयस के घोटाले में शामिल थे और इन दोनों ने विभिन्न निकायों की जटिल वेब चेन की सहायता से लगभग 141 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट को धोखाधड़ी से भेज दिया/लाभ उठाया।
जांच के दौरान यह पाया गया कि आईटीसी के एक अधिकृत डीलर दीपक मित्तल ने विभिन्न नकली या डमी/गैर-अस्तित्व वाली ट्रेडिंग कंपनियों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष (अंकुर गर्ग के जरिए) रूप से सिगरेटों से संबंधित बिक्री चालान (एन्वॉयस) जारी किए हैं, जिससे जीएसटी की चोरी के जरिए राजकोष को नुकसान हुआ है। इन नकली या डमी/गैर-अस्तित्व वाली ट्रेडिंग फर्मों ने बाद में इन फर्जी चालानों को विभिन्न निर्यात कंपनियों को जारी किये, जिन्होंने इन फर्जी चालानों के आधार पर आईजीएसटी रिफंड दावे दाखिल किए हैं। यह पाया गया कि सिगरेटों का कोई निर्यात नहीं हुआ और इन निर्यात फर्मों द्वारा दाखिल किये गए आईजीएसटी रिफंड दावे फर्जी थे। कई मामलों में क्षेत्राधिकार वाले केन्द्र/राज्यों के जीएसटी प्राधिकरणों द्वारा दावे को नकार दिया गया।
अत: दीपक मित्तल और अंकुर गर्ग ने केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम (सीजीएसटी), 2017 की धारा 132 (1) (बी) और (सी) के प्रावधानों के तहत अपराध किए हैं, जो सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के तहत संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध हैं।
इसके बाद दीपक मित्तल और अंकुर गर्ग को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत 26 नवम्बर, 2019 को गिरफ्तार कर लिया गया और उसी दिन गुरुग्राम कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने इन दोनों को 10 दिसंबर, 2019 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में आगे जांच जारी है।