राम मंदिर के डिजाइन की तरह दिखेगा अयोध्या रेलवे स्टेशन का बाहरी हिस्सा
लखनऊ। उत्तर रेलवे तीर्थनगरी नगरी अयोध्या के रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के काम में लगा है और इसका बाहरी हिस्सा राम मंदिर के डिजाइन की तरह दिखेगा।
उम्मीद है कि इस रेलवे स्टेशन को चालू वित्त वर्ष में नया रूप मिल जाएगा।
रेलवे स्टेशन के बाहर तीन शिखर बनाए जाएंगे जो राम मंदिर के डिजाइन की तर्ज पर होंगे। इससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को ट्रेन से उतरने पर राम नगरी में आने का आभास होगा।
अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद रेलवे ने संबंधित कार्य के लिए पूर्व में स्वीकृत 80 करोड़ रुपये के बजट को बढ़ाकर अब 104 करोड़ रुपये का कर दिया है। उत्तर रेलवे ने रेलवे बोर्ड से बजट मंजूरी के लिए प्रस्ताव भी भेज दिया है।
उत्तर रेलवे के मंडल प्रबंधक संजय त्रिपाठी ने रविवार को बातचीत में कहा, ‘उत्तर रेलवे ने दो साल पहले अयोध्या स्टेशन को नए सिरे से विकसित करने की तैयारी शुरू की थी। इसके लिए पिछले साल 80 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी मिल गई थी। आधुनिकीकरण का कार्य बहुत तेजी से चल रहा है और पूरी उम्मीद है कि इसी वित्त वर्ष में राम नगरी अयोध्या में भव्य रेलवे स्टेशन तैयार हो जाएगा ।’
इस रेलवे स्टेशन को अच्छा बनाने की तैयारी तो पहले से ही थी लेकिन शीर्ष अदालत से राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो जाने के बाद रेलवे ने अपने अयोध्या स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने के साथ ही राम मंदिर के डिजाइन पर विकसित करने का निर्णय किया है। रेलवे बोर्ड को इस परियोजना का विवरण भेजा जा चुका है।
त्रिपाठी ने कहा कि अयोध्या रेलवे स्टेशन का स्वरूप राम मंदिर की तरह होगा जिसके शीर्ष पर मंदिर का शिखर होगा। स्टेशन की दीवारों पर मंदिर में लगाए जाने वाले पत्थरों के डिजाइन के पत्थर लगाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अयोध्या स्टेशन को राम मंदिर की तर्ज पर विकसित करने की जिम्मेदारी ‘राइट्स’ को दी गई है। पहले 80 करोड़ रुपये का बजट था जिसे बढ़ाकर 104 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
त्रिपाठी ने कहा कि अयोध्या स्टेशन के तीनों प्लेटफॉर्मों को जोड़ने के लिए दो पैदल पुल बनाए जाएंगे। बुजुर्गों और महिलाओं की सुविधा के लिए लिफ्ट और स्वचालित सीढ़ियां लगाई जाएंगी। इसके अलावा स्टेशन परिसर और प्लेटफार्मों का विस्तार किया जाएगा जिससे 80-90 हजार लोग स्टेशन पर आसानी से आ-जा सकेंगे। पूरे स्टेशन क्षेत्र में एलईडी लाइट लगाई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि यहां दो दर्जन पेयजल बूथ, श्रद्धालुओं के बैठने के लिए 150 से अधिक स्टील बेंच, प्रतीक्षालय, विश्रामालय बनाने के अलावा रेलकर्मियों के लिए आवास भी बनाए जाएंगे।