गुडग़ांव : नाबालिका से दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर देने के मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजरानी गुप्ता की अदालत ने आरोपी को दोषी पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर दोषी करार देते हुए उम्रकैद व एक लाख 60 हजार रुपए आर्थिक दण्ड की सजा सुनाई है। नाबालिका के अधिवक्ता बलदेव मेहरा से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 की 25 जून को खांडसा गांव की एक नाबालिका ने सैक्टर 37 थाना पुलिस को बयान दर्ज कराए थे कि वह अपने परिवार के साथ गांव में रहती है। उसके घर में ही उसके पिता के मामा का पुत्र आशीष भी पिछले कई वर्षोंसे रहता है और वह टैंपो चालक है।
आशीष बिना उसकी मर्जी के पिछले 2-3 माह से डरा-धमका कर दुष्कर्म करता आ रहा है। आशीष ने उसे बहला-फुसलाकर नैनीताल जाने के लिए राजी कर लिया कि वे वहां पर शादी कर लेंगे। गत दिवस वे नैनीताल के लिए घर से निकल पड़े थे, लेकिन नैनीताल की बस में जगह नहीं
मिली तो वह खांडसा चौक स्थित अपने दोस्त की दुकान पर ले गया और वहां उसने उसके साथ फिर दुष्कर्म किया। आशीष ने उसे कोई टेबलेट भी खिला दी, जिससे उसकी तबियत खराब हो गई और वह अपने घर चली आई थी और इस पूरी घटना की जानकारी उसने अपने माता-पिता को दे दी थी। माता-पिता ने उसे सिविल अस्पताल में दाखिल करा दिया था। पुलिस ने भादंस की धारा 328, 506 व पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था। उपचार के दौरान चिकित्सकों ने बताया कि नाबालिका को किसी जहरीले पदार्थ का सेवन कराया गया है।
नाबालिका ने उपचार के दौरान ही दम तोड़ दिया था, जिस पर पुलिस ने हत्या की धारा 302 भी इस मामले में जोड़ दी थी। पुलिस ने भागदौड़ कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तभी से वह जिला जेल में बंद था। मामला अदालत में चला। अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए, उनसे आरोपी पर लगे आरोप सिद्ध होना पाते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व एक लाख 60 हजार रुपए आर्थिक दण्ड की सजा सुनाई है।