केंद्रीय भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम मंत्री ने मानेसर स्थित आइकैट सेंटर 2 के नवनिर्मित परीक्षण ट्रैक का उदघाटन किया
हाइब्रिड /इलेक्ट्रिक वाहनों से बड़े पैमाने पर उत्पन्न होने वाले ई-कचरा की चुनौती के प्रति अगाह किया
निदेशक, दिनेश त्यागी के अनुसार आइकैट में विश्वस्तरीय आधारभूत संरचनाएं व परीक्षण सुविधाएं उपलब्ध
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
गुरूग्राम। केंद्रीय भारी उद्योग एवं लोक उपक्रम मंत्री अरविंद गणपत सांवत ने कहा कि इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईकैट) को प्रदूषण नियंत्रण के लक्ष्य को हासिल करने के साथ साथ लिथियम बैटरी के खतरे और देश की बड़ी जनसंख्या के लिए रोजगार उत्पन्न करने जैसे पहलुओं की ओर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सिक्के के दो पहलू होते हैं इसलिए हाइब्रिड/ इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट करने से उत्पन्न होने वाली स्थितियों को ध्यान में रख कर तकनीक विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने संस्थान के विशेषज्ञों का ध्यान भविष्य में बड़े पैमाने पर पैदा होने वाले ई कचरा की ओर भी दिलाया और कहा कि आईकैट के पास वह क्षमता व दक्षता है जिससे ऑटो उद्योग से संबंधित अन्य क्षेत्रों में भी अनुसंधान कर माकूल समाधान मुहैया कराया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री अरविंद गणपत सावंत शुक्रवार को गुरुग्राम के मानेसर स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईकैट) में आयोजित होने वाले “न्यू जेन मोबिलिटी सम्मिट ” के लिए कार्टेन रेजर प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईकैट) भारत सरकार की एक प्रीमियर संस्था है जो देश में उभर रहे नए ऑटो सेक्टर के लिए टेस्टिंग सुविधा, नई प्रतिस्पर्धात्मक तकनीक एवं आर एंड डी के क्षेत्र में काम करने के लिये विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस है।
इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत में ग्राहक व उद्योग की स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार वाहनों के तकनीकी विकास पर जोर देने की जरूरत है और उनकी नजरों में आइकैट जैसी संस्था इसमें बखूबी सक्षम है। उनका कहना था कि हाइब्रिड /इलेक्ट्रिक वाहनों की ऐसी तकनीक विकसित करने पर अधिक जोर देना होगा ताकि प्रदूषण जैसी स्थिति से भी बचा जा सके और रोजगार जैसे अन्य पहलू भी उपेक्षित नहीं हों।
केंद्रीय भारी उद्योग व लोक उपक्रम मंत्री ने बेहद साफगोई के साथ माना कि दुनिया के अन्य देशों में ऑटो उद्योग बुरी तरह मंदी के शिकार हैं और भारत इससे अछूता नहीं है लेकिन इसके लिए कीमतों में बेतहाशा वृद्धि भी जिम्मेदार है। उनका कहना था कि कई देशों में उत्पादन ठप है इसलिए सभी आवश्यक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तकनीकि सुविधाएं व हाइब्रिड सेंटर विकसित किए जाने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने यह कहते हुए आगाह किया कि कई देशों में इस तरह की तकनीक विकसित की जा रही है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि जो समाधान अन्य देशों के लिए प्रासंगिक हैं वे भारत के संदर्भ में भी प्रासंगिक हों। उन्होंने हाल ही में अपने जर्मनी दौरे के अनुभव भी साझा किए।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि भारत में तकनीकि प्रगति के लिए मुख्य उद्योगों को सहायक उद्योगों को साथ लेकर आगे बढना होगा। भारत के पास बहुत बड़ी जनशक्ति है, जिसके लिए नौकरी की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी जबकि भारत में हाइब्रिड /इलेक्ट्रिक वाहनों से उत्पन्न होने वाले ई-कचरा के लिए निस्तारण प्रबंधन भी बड़ी चुनौती के रूप में सामने आने वाला है। इसकी चिंता भी आईकैट जैसी संस्था को करनी होगी।
उनका कहना था कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तो बढावा दिए जाने की आवश्यकता है, लेकिन इसके लिए अन्य सुविधाएं भी साथ ही विकसित करनी होंगी। वाहनों की कीमतों पर भी नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी। हमें तात्कालिक नहीं बल्कि भविष्य की भी चिंता करनी चाहिए। हाइब्रिड/इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग किये जाने वाली लिथियम बैटरी की स्थितियों में तापमान के अनुसार होने वाले बदलाव की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने इस पर गंभीरता से रिसर्च करने की सलाह दी। बड़े पैमाने पर लिथियम की बैटरी इम्पोर्ट होने की संभावना जताते हुए उनका कहना था कि आईकैट को केवल एक क्षेत्र में ही स्वयं को सीमित नहीं करना चाहिए बल्कि संबंधित विविध पहलुओं पर भी काम करना चाहिए जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुसार सभी के जीवन में अच्छे दिन आ सके। नीति आयोग की ओर से इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों की भी चर्चा की। उन्होंने आईकैट द्वारा ऑटो क्षेत्र में किये गए तकनीकि योगदान के लिए निदेशक दिनेश त्यागी की प्रशंसा की और भविष्य में नई ऊंचाइयां हासिल करने की शुभकामनाएं देते हुए इस संस्था को अपने मंत्रालय के अधीन सर्वोत्तम सरकारी संस्थान की उपमा दी। भारी उद्योग मंत्री ने संस्था के परफॉरमेंस पर प्रसन्नता जाहिर की।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने मानेसर स्थित आइकैट सेंटर 2 के नवनिर्मित टेस्ट ट्रैक का उद्घाटन किया और वहां मौजूद टोयोटा कंपनी की हाइब्रिड/इलेक्ट्रिक दो अलग-अलग मॉडल की कारों का परीक्षण भी देखा। परीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री के साथ आईकैट निदेशक, दिनेश त्यागी भी मौजूद थे। इसके साथ ही उन्होंने नवनिर्मित एडमिनिस्ट्रेटिव तथा आॅडिटोरियम ब्लाॅक का भी उद्घाटन किया।
निदेशक दिनेश त्यागी के अनुसार यहां मौजूद विश्वस्तरीय आधारभूत सुविधाओं का निर्माण 10 माह की न्यूनतम अवधि में किया गया है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मंत्री ने निर्माणाधीन ऑडिटोरियम और नवनिर्मित परीक्षण ट्रैक की तकनीक को समझने के लिए विस्तार से जानकारी ली और निरीक्षण के बाद आवश्यक सुझाव भी दिए।
इस अवसर पर प्रौद्योगिकी प्रशंसा अभियान भी आयोजित किया गया, जिसमें पारंपरिक ईंधन वाहनों की तुलना में हाईब्रिड इलैक्ट्रिक वाहनों के तकनीकि लाभ की तुलनात्मक जानकारी विस्तार से दी गई।
कार्यक्रम में आईकैट के निदेशक दिनेश त्यागी ने बताया कि आईकैट में 27 से 29 नवंबर तक न्यू जैन मोबिलिटी सम्मिट का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सम्मिट की रूपरेखा और उसके प्रयोजन को विस्तार से रेखांकित किया। श्री त्यागी ने नई तकनीक से होने वाले कुछ खतरे की ओर भी ध्यान इंगित किया और इस पर रिसर्च का आश्वासन दिया। उन्होंने आईकैट की कार्यप्रणाली व भविष्य की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने आश्वस्त किया कि नई तकनीक से एनर्जी दक्षता में बड़ा बदलाव आने वाला है और इसका असर स्पष्ट दिखाई देगा। उन्होंने इन वाहनों के उपयोग के दौरान सुरक्षा के पहलुओं की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताया। उनका कहना था कि सुरक्षा के मामले में भी वाहन उपयोगकर्ताओं को जागरूक बनाने की जरूरत है। उनका इशारा इन वाहनों में उपयोग होने वाली लिथियम बैटरी की ओर था जिसकी स्थिति वातावरण के बदलते तापमान के साथ तेजी से बदलती है जो कभी कभी घातक सिद्ध हो सकती है। हाइब्रिड/इलेक्ट्रिक वाहनों में मैकेनिकल और अन्य स्थितियों में होने वाले बदलाव पर भी फोकस किया और सावधानी बरतने पर बल दिया।
समारोह में आईकैट की वरिष्ठ महाप्रबंधक प्रमिला टिक्कू ने भी एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से परंपरागत ईंधन वाले वाहनों और हाइब्रिड /इलैक्ट्रिक वाहनों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया। विभिन्न एक्स ई वी के तकनीकि आकलन को विस्तार से समझाया। साथ ही देश के 22 सबसे प्रदूषित शहरों की जानकारी देते हुए आज की आवश्यकताओं को रेखांकित किया। लिथियम बैटरी की वर्किंग, सुरक्षा व उसकी लाइफ के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर आईकैट के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में एक सिवेनियर भी लांच की गई।