Astrology 14th November 2016 देखें आज का पंचांग –14/11/2016 Posted By: thepublicworld Font Size A+ A- D 14/11/2016 का पंचांग ——————————————– संदीप पाराशर 8901157999 ——————————————— श्री विक्रमी संवत् :- 2073 संवत् नाम :- सौम्य शाके :- 1938 मास :- कार्तिक पक्ष :- शुक्ल तिथि :- पूर्णिमा ( 22:52 :51 ) तिथि संज्ञा :- भद्रा वार :- सोमवार नक्षत्र :- भरणी (16:27 :50) तदुपरांत कर्तिका नक्षत्र स्वामी :- योग :- वरियान (23:39:29 ) करण :- विष्टि (09:22:17) बव (19:23:51) बालव (05 : 23) ऋतु :- शरद सूर्य :- दक्षिणायन अग्निवास. 22 : 52 तक पाताल तदुपरांत पृथ्वी ————————————- सूर्योदय : 06 : 43 : 19 ———————————— सूर्यास्त : 17 : 27 : 47 ————————————- चंद्रोदय : नहीं ————————————– दिनमान : 10 : 44 : 28 ————————————— रात्रि मान : 13 : 10 : 35 —————————————- सूर्य नक्षत्र : विशाखा = राशि तुला —————————————- चंद्र नक्षत्र : राशि मेष (21: 40 02) ————————————- ❌ध्यानार्थ :- त्यागने योग्य समय ❌ भद्रा वास. 00 : 50 तक ❌राहुकाल : 08 : 03 : 52 से 09 :24 : 26 ❌दुष्टमुहूर्त. 12 : 27 : 02 – 13: 10 : 00 -,,,, ❌ 14 : 37 : 16 — 15 : 20 : 50 ❌कंटक. 08: 52 : 12 — 09 : 35 : 10 ❌यमघण्ट. 11 : 44 : 04 —- 12 : 27 : 02 ❌कुलिक. 14 :35 : 56 — 15 : 18 : 54 ❌गुलिक काल 13 : 26 : 07 — 14 : 46 : 40 ————————————- ? अभिजित मुहुर्त : 11 : 44: 04 से 12 :27 : 02 ? ————————————— चौघडिया मुहुर्त : दिन अमृत 06: 43: 14 – 08: 03: 55 शुभ काल 08: 03:55 – 09:24 : 35 अशुभ शुभ 09: 24 : 35 – 10:45 : 15 शुभ रोग 10:45 :15 – 12:05 : 55 अशुभ उद्वेग 12:05 : 55 – 13:26 : 35 अशुभ चर 13: 26 : 35 – 14:47 : 15 शुभ लाभ 14:47 : 15 – 16: 07 : 55 शुभ अमृत 16: 07 : 55 – 17: 28 : 35 शुभ रात्रि चर 17 : 28 : 35 – 19 : 08 : 01 शुभ रोग 19: 08 : 01 – 20:47 : 27 अशुभ काल 20:47: 27 – 22 : 26 : 53 अशुभ लाभ 22 : 26 : 53 – 00 :06 : 19 शुभ उद्वेग 00 :06 : 19 – 25 :45 : 44 अशुभ शुभ 25 :45 : 44 – 27 : 25 : 10 शुभ अमृत 27 : 25 : 10 – 29 :04 : 36 शुभ चर 29 :04 : 20 – 06 :44 : 02 शुभ ————————————— आज के दिन शंकर भगवान के दृश्य करना, व्रत रखना , ब्राह्मण को दान देना , गाय की सेवा, रात को दीप दान करने का विशेष महत्व होता है भविष्य पूर्ण अनुसार इस दिन दिया हुआ दान हुआ मरण उपरांत दुगना चौगुना होकर मिलता है. यह योग तरह 70 साल बाद बना है. ———————————————– महाकाल भैरव भगवान जी आपकी मनोकामना पूर्ण करे Share this:FacebookXLike this:Like Loading... Related Table of Contents Toggle 14/11/2016 का पंचांग——————————————– संदीप पाराशर 8901157999 ——————————————— श्री विक्रमी संवत् :- 2073 संवत् नाम :- सौम्य शाके :- 1938 मास :- कार्तिक पक्ष :- शुक्ल तिथि :- पूर्णिमा ( 22:52 :51 ) तिथि संज्ञा :- भद्रा वार :- सोमवार नक्षत्र :- भरणी (16:27 :50) तदुपरांत कर्तिका नक्षत्र स्वामी :- योग :- वरियान (23:39:29 ) करण :- विष्टि (09:22:17) बव (19:23:51) बालव (05 : 23) ऋतु :- शरद सूर्य :- दक्षिणायनअग्निवास. 22 : 52 तक पाताल तदुपरांत पृथ्वी ————————————- सूर्योदय : 06 : 43 : 19 ———————————— सूर्यास्त : 17 : 27 : 47 ————————————- चंद्रोदय : नहीं ————————————– दिनमान : 10 : 44 : 28 ————————————— रात्रि मान : 13 : 10 : 35 —————————————- सूर्य नक्षत्र : विशाखा = राशि तुला —————————————- चंद्र नक्षत्र : राशि मेष (21: 40 02)————————————-❌ध्यानार्थ :- त्यागने योग्य समय ❌ भद्रा वास. 00 : 50 तक ❌राहुकाल : 08 : 03 : 52 से 09 :24 : 26 ❌दुष्टमुहूर्त. 12 : 27 : 02 – 13: 10 : 00 -,,,, ❌ 14 : 37 : 16 — 15 : 20 : 50 ❌कंटक. 08: 52 : 12 — 09 : 35 : 10 ❌यमघण्ट. 11 : 44 : 04 —- 12 : 27 : 02 ❌कुलिक. 14 :35 : 56 — 15 : 18 : 54 ❌गुलिक काल 13 : 26 : 07 — 14 : 46 : 40 ————————————- ? अभिजित मुहुर्त : 11 : 44: 04 से 12 :27 : 02 ? ————————————— चौघडिया मुहुर्त : दिन अमृत 06: 43: 14 – 08: 03: 55 शुभ काल 08: 03:55 – 09:24 : 35 अशुभ शुभ 09: 24 : 35 – 10:45 : 15 शुभ रोग 10:45 :15 – 12:05 : 55 अशुभ उद्वेग 12:05 : 55 – 13:26 : 35 अशुभ चर 13: 26 : 35 – 14:47 : 15 शुभ लाभ 14:47 : 15 – 16: 07 : 55 शुभ अमृत 16: 07 : 55 – 17: 28 : 35 शुभ रात्रि चर 17 : 28 : 35 – 19 : 08 : 01 शुभ रोग 19: 08 : 01 – 20:47 : 27 अशुभ काल 20:47: 27 – 22 : 26 : 53 अशुभ लाभ 22 : 26 : 53 – 00 :06 : 19 शुभ उद्वेग 00 :06 : 19 – 25 :45 : 44 अशुभ शुभ 25 :45 : 44 – 27 : 25 : 10 शुभ अमृत 27 : 25 : 10 – 29 :04 : 36 शुभ चर 29 :04 : 20 – 06 :44 : 02 शुभ ————————————— आज के दिन शंकर भगवान के दृश्य करना, व्रत रखना , ब्राह्मण को दान देना , गाय की सेवा, रात को दीप दान करने का विशेष महत्व होता है भविष्य पूर्ण अनुसार इस दिन दिया हुआ दान हुआ मरण उपरांत दुगना चौगुना होकर मिलता है. यह योग तरह 70 साल बाद बना है.———————————————–महाकाल भैरव भगवान जी आपकी मनोकामना पूर्ण करे