धर्मेन्द्र यादव
फरीदाबाद : 500 और 1000 के नोट बंद करने केऐतिहासिक फेंसले की मार अब बाजारों में दुकानदारों को सताने लगी है, बाजार में दुकान खोलकर बैठे दुकानदार दो दिन से अर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं क्योंकि सुबह से भगवान की पूजा कर दिन भर आने वाले ग्रहकों की मन्नतें मांंगते है, दुकानदारों की मन्नत तो पूरी हो रही है और ग्राहक भी आ रहे हैं मगर दुकानदार उन्हें वापिस भेज रहे हैं जिसका कारण बंद हुए 500 और 1000 के नोट हैं क्योंकि आज हर ग्राहक के पास 500 और 1000 के नोट है मगर दुकानदार उन्हें लेने से इंकार कर रहे हैं।
छुट्टे लेकर आओ
ग्राहक दुकान पर आता है और बोलता है- सेठ जी सामान देना, सेठ जबाब में कहता है 500 और 1000 का नोट तो नहीं है,. ग्राहक तुरंत मुर्झाये हुए चेहरे से कहता है हां सेठ जी है तो बडा नोट, नहीं चलेगा,, छुट्टे लेकर आओ। कुछ ऐसा ही दृश्य फरीदाबाद के बाजारों में देखने को मिल रहा है जहां दुकानदार भगवान रूपी ग्राहक को वापिस भेज रहा है और मोदी के फेंसले को कोष रहा है।
दर्जनों ग्राहक लौटे
इस बारे में दुकानदारों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वो सुबह से दुकान खोलकर कर बैठे हैं अब तो कई दर्जनों ग्राहकों को नोटों के चक्कर में वापिस कर चुके हैं, अगर कुछ दिन ऐसी ही हालत रही तो दुकानदारों की आर्थिक स्थिति खराब हो जायेगी। वहीं दुकानदारों ने मोदी के इस फेंसले को तुगलकी फरमान करार दिया है।
वहीं ऑटो चालक की माने तो उनका भी धंधा चौपट हो रहा है सवारी ऑटो में सफर करने के बाद 500 और 1000 का नोट दे रही है जिसे वो नहीं ले रहे हैं, पिछले दो दिनों में उनका बहुत नुक्सान हुआ है।