लखनऊ । बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर अपने परिवार पर भरोसा जताते हुए भाई आंनद कुमार और भतीजे आकाश कुमार को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी है। भाई को जहां एक बार फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, तो भतीजे के साथ अपने करीबी रामजी गौतम को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है। बसपा में आनंद और आकाश अब मायावती के बाद नंबर दो की हैसियत में होंगे।
*भाई को साल भर बाद फिर जिम्मेदारी*
बसपा सुप्रीमो ने परिवारवाद के बढ़ते आरोपों के चलते 27 मई 2018 को भाई आनंद कुमार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटाने के साथ यह कहा था कि अब भविष्य में राष्ट्रीय अध्यक्ष के परिवार का कोई भी नजदीकी सदस्य संगठन में किसी भी स्तर पर नहीं रखा जाएगा। मायावती ने सालभर बाद एक बार फिर भाई को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और उनके बेटे आकाश को नेशनल कोआर्डिनेटर जैसी अहम जिम्मेदारी देकर यह साफ कर दिया है उन्हें परिवार पर ही भरोसा है। भतीजे के के साथ अपने विश्ववासपात्र राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे रामजी गौतम को भी नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया है। जिससे वह भतीजे को संगठन की रीति-नीति व कार्यप्रणाली को अच्छी तरह से समझ सकें।
मायावती ने रविवार को लखनऊ की बैठक में यह साफ कर दिया कि पार्टी में उनके बाद भाई आनंद और भतीजे आकाश नंबर दो की हैसियत में होंगे। बसपा सुप्रीमो ने भतीजे को राजनीतिक ककहरा पढ़ाने के लिए लोकसभा चुनाव में पूरे समय अपने साथ रखा। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने जब उन पर प्रतिबंध लगाया तो उन्होंने सतीश चंद्र मिश्र के साथ चुनावी सभा में भतीजे को ही भेजा।
दानिश अली नेता लोकसभा बने
बसपा सुप्रीमो ने इसके साथ ही अमरोहा के सांसद दानिश अली को नेता लोकसभा बनाया है। इसके पहले नगीना के सांसद गिरीश जाटव को नेता लोकसभा बनाए जाने की घोषाण दिल्ली में की गई थी। गिरीश जाटव अब लोकसभा में मुख्य सचेतक होंगे और जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव उप मुख्य सचेतक होंगे। सतीश चंद्र मिश्र को नेता राज्यसभा बनाया गया है।
लोकसभा चुनाव में संतोषजनक सीटें न मिलने से मायावती खफा बताई जा रही हैं। वह 12 सीटों पर होने वाले विधानसभा के उप चुनाव और 2022 में होने वाले चुनाव को लेकर पार्टी में बड़े बदलाव कर रही हैं। इससे पहले जून के शुरुआत में दिल्ली में हुई एक बैठक में बड़ी कार्रवाई करते हुए छह राज्यों के लोकसभा चुनाव प्रभारियों की छुट्टी कर दी थी। इसके साथ ही तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को भी उनके पद से बेदखल कर दिया था। मायावती के निशाने पर प्रदेश के 40 समन्वयक और जोनल समन्वयक हैं।