राव नरबीर की फटकार के बाद एमसीजी कमिश्नर ने किया शहर का दौरा, वर्षा जल निकासी की व्यवस्था का लिया जायजा

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डीसी भी मुआयना करने जाने वाले थे लेकिन अचानक दौर किया था रद्

सुभाष चौधरी

गुरुग्राम । नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त विनय सिंह ने शनिवार को शहर के विभिन्न स्थानों का दौरा किया। उनके साथ एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर वाई एस गुप्ता तथा चीफ इंजीनियर एनडी वशिष्ठ उपस्थित थे। माना जा रहा है कि निगम के अधिकारियों की यह सक्रियता पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर की ओर से लगाई गई फटकार के बाद हुई है। शहर की ड्रेन व्यवस्था को भगवान भरोसे छोड़ने वाले निगम के अधिकारी अब फील्ड में जाकर अपनी खामियों को छिपाने की कोशिश में जुट गए हैं।राव नरबीर की फटकार के बाद एमसीजी कमिश्नर ने किया शहर का दौरा, वर्षा जल निकासी की व्यवस्था का लिया जायजा 2उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हरियाणा के लोक निर्माण तथा वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने गत 17 जून और 18 जून को दिल्ली- जयपुर नेशनल हाईवे के साथ बनी ड्रेन तथा बहरामपुर सड़क के दोनों ओर बनी ड्रेनों का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान बहरामपुर रोड के दोनों तरफ पानी निकासी के लिए बनी ड्रेनों की खस्ता हाल देखकर वे अधिकारियों पर जम कर बरसे थे। राव नरबीर ने इन ड्रेनों की सफाई के लिए नगर निगम को 20 जून तक का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि उस दिन वह फिर से इन ड्रेनों की सफाई का जायजा लेंगे। निरीक्षण के दौरान लोक निर्माण मंत्री ने बहरामपुर रोड पर स्थित सीमेंट- कंक्रीट रीमिक्स प्लांटो में पेयजल के बड़े पैमाने पर हो रहे उपयोग को लेकर उनके मालिकों से भी जवाब तलब किया था। उन्होंने बेहद सख्त सख्त लहजे में प्लांट मालिकों को चेताया था कि वे बहरामपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीटेड अर्थात शोधित पानी का ही अपने प्लांट में इस्तेमाल करें और शुद्ध पेयजल का प्रयोग ना करें। उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि यदि भविष्य में शुद्ध पेयजल का इस्तेमाल रिमिक्स प्लांट में होता पाया गया तो प्लांट का चालान किया जाएगा और उसे सील भी किया जाएगा।राव नरबीर की फटकार के बाद एमसीजी कमिश्नर ने किया शहर का दौरा, वर्षा जल निकासी की व्यवस्था का लिया जायजा 3लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर की ओर से उठाए गए सख्त कदम की वजह से अभी हाल ही में जॉइन करने वाले निगमायुक्त सक्रिय हुए हैं। मंत्री के कड़े रुख और उनकी ओर से दिया गए बयान का मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित होना निगम के अधिकारियों के लिए परेशानी का कारण बन गया हैं । उन्हें अपना फेस बचाने के लिए अब फील्ड में निकल कर अपनी सक्रियता की खाना पूर्ति करनी पड रही है। हर वर्ष की भांति इस बार भी निगम के अधिकारी वर्षा जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा करते रहे हैं लेकिन हकीकत में ड्रेन व अन्य नाले की हालत बदतर रहती है और आकस्मिक परिस्थिति में शहर का चक्का जाम हो जाता है। पिछले वर्ष भी हीरो होंडा चौक पर वर्षा पानी का जमाव इतना अधिक हो गया था कि निगम व जिला प्रशासन इससे निपटने में नाकाम रहा था और हरियाणा सरकार जबरदस्त थू थू हुई थी।।इस बार फिर लोक निर्माण मंत्री इस बात की आशंका के मद्देनजर सक्रिय हुए और निरीक्षण करने निकले लेकिन निगम के अधिकारियों की लापरवाही व खानापूर्ति स्पष्ट दिखी। एक दिन पूर्व जिला उपायुक्त ने भी शहर में वर्षा जल निकासी की व्यवस्था का मुआयना 21 जून को करने की घोषणा की थी लेकिन ऐन वक्त उपयुक्त ने अपना कदम पीछे खींच लिया और कहा कि किसी और दिन वे शहर का दौरा करेंगे। अब माजरा समझ में आया कि आखिर जिला उपायुक्त ने आखिर क्यों अपना दौरा रद्द किया। लोगों का कहना है कि जिला उपायुक्त निगम के अधिकारियों की और किरकिरी नहीं कराना चाहते थे इसलिए वे नहीं निकले।इसी आलोक में आज निगम आयुक्त अपने अमले के साथ फील्ड में निकले और पूरे शहर का दौरा कर अपनी औपचारिकता पूरी कर ली।बड़ा सवाल यह है कि आखिर बरसात का मौसम ने के बाद ही निगम का अमला क्यों सक्रिय हुआ जबकि ड्रेन व नाले की सफाई तो नियमित काम है और यह वर्षा शुरू होने से पूर्व ही करनी चाहिए थी। कई वर्षों से गुरुग्राम जैसे शहर में जल जमाव के कारण होने वाले यातायात जाम से हरियाणा सरकार की लगातार किरकिरी होती रही है। हर बार घटना से सबक सीखने और आगे व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा किया जाता रहा लेकिन इस बार भी हरियाणा सरकार के मंत्री राव नरबीर के दौरे से यह सिद्ध हो गया है कि निगम का पूरा अमला इस मामले में केवल खानापूर्ति करता रहा है।आज निगम की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि निगम आयुक्त विनय सिंह और एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर वाई एस गुप्ता ने मदनपुरी रोड़, न्यू कॉलोनी मोड़, लक्ष्मण विहार, सेक्टर-4, डिस्पोजल सेंटर रेलवे लाइन, सेक्टर-5, शीतला माता मंदिर, अतुल कटारिया चौक, शनि मंदिर ओल्ड दिल्ली रोड़, सेक्टर-14, ओल्ड डीएलएफ, सिल्वर जुबली पार्क सेक्टर-31, जीएच-1 सोसायटी, घाटा, सेक्टर-28 बांध आदि स्थानों का दौरा किया। इन स्थानों पर निगमायुक्त ने बरसाती पानी की निकासी के लिए नगर निगम द्वारा किये जा रहे ड्रेनेज और सीवरेज सफाई के कार्य का निरीक्षण किया।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बरसात के मौसम में कहीं पर भी जलभराव ना हो इसके पुख्ता प्रबंध करें।अब कोई इनसे पूछे आज आषाढ़ के माह में ये किस बरसाती मौसम की बात कर रहे हैं। मौसम विभाग मई के अंतिम सप्ताह से ही मानसून के आने की सूचना दे रहा है आए गुरुग्राम नगर निगम के अधिकारी जून के अंतिम सप्ताह में सफाई की बात कर रहे हैं। क्या बेहतर मजाक करते हैं निगम के अधिकारी गुरुग्राम की जनता के साथ इसका नायब नमूना है यह। और वह भी तब जब सरकार के मंत्री व बादशाह पुर विधानसभा के विधायक राव नरबीर ने खुद ड्रेन की व्यवस्था का जायजा लेकर निगम के अधिकारियों की गैरजिम्मेदारी पर सख्त लहजे में नाराजगी जाहिर की।जाहिर है निगम में बैठे अधिकारियों की चमड़ी इतनी मोटी हो चुकी है कि इन पर किसी भी स्थिति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। ये केवल खानापूर्ति करने में विश्वास करते हैं और नेताओं व जनता की आखों में धूल झोंकना इनकी फितरत बन गयी है।आज निगम की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आज निगमायुक्त के साथ अधिकारियों की टीम ने सफाई व्यवस्था का जायजा लेते हुए सफाई कर्मचारियों के हाजरी प्वाइंटो पर भी पहुंचे।उन्होंने खुद हाजरी को चैक किया तथा जो कर्मचारी गैर-हाजिर मिले उनका वेतन काटने की करवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कोई भी सफाई कर्मचारी गैर-हाजिर नहीं रहना चाहिए।निगम आयुक्त के इस दौरे से हालात में कितना बदलाव आएगा यह तो जब झमाझम बारिश होगी तभी पता चलेगा लेकिन बहरहाल शहर के लोगों की नजर में अपनी सक्रियता तो उन्होंने दिखा दी साथ ही चंडीगढ़ के बड़े अधिकारी भी उनकी इस कोशिश से खुश हो जाएंगे।

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