इस विषय में राज्यों को विश्वास में लेने की जरूरत
नई दिल्ली : मुगल शासनकाल में भी गाय की रक्षा किये जाने का दावा करते हुए करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि गोहत्या पर प्रतिबंध के विषय में राज्यों को विश्वास में लेने की जरूरत है. लगभग पचास साल पहले गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग के लिए प्रदर्शन करने के दौरान मारे गए लोगों की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में श्री सिंह ने कहा कि गोहत्या और गोमांस भक्षण पर वैदिक काल से ही प्रतिबंध रहा है.
बाबरनामा में उल्लेख
उनके अनुसार मुगल शासन में भी बहादुरशाह जफर, अकबर और जहांगीर के काल में इस पर रोक थी. बाबरनामा का जिक्र करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें यह लिखा है कि कोई तबतक हिंदुस्तान पर शासन नहीं कर सकता जबकि आप गोहत्या पर रोक न लगाएं. गृहमंत्री ने कहा कि इस विषय पर राज्यों को विश्वास में लेने की जरूरत है. हालाँकि कई राज्य पहले से ही गोहत्या पर रोक लगा चुके हैं.
केंद्र सरकार गाय की रक्षा करने के पक्ष में
उन्होंने कहा कि गाय केवल सांस्कृतिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह आस्था का मुद्दा भी है. इसे आर्थिक, ऐतिहासिक और वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य से भी देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं सरकार की ओर से आपको बताना चाहता हूं कि हम चाहते हैं कि गाय की रक्षा होनी चाहिए. हमने सीमा पर बांग्लादेश को होने वाली गायों की तस्करी रोकने की कोशिश की है. लेकिन सीमा बहुत बड़ी है और हम आंशिक सफलता ही हासिल कर पाए हैं.
राजनाथ सिंह ने और क्या कहा ?
- हमने गायों की तस्करी पर पूर्ण रोक लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं और इसकी कोशिश करेंगे.
- मैं महसूस करता हूं कि इसमें कुछ वक्त लगेगा.
- सिंह ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 48 में उल्लेख है कि सरकार गोहत्या पर रोक लगाने के लिए काम करेगी.
- उन्होंने कहा कि हमें समझना चाहिए कि भारत एक संघीय देश है और राज्यों को विश्वास में लेने की जरूरत है.
- कई राज्य पहले ही गोहत्या पर रोक लगा चुके हैं और हाल ही में झारखंड ने ऐसा किया है.
- दिल्ली में सात नवंबर, 1966 को गोहत्या का मुद्दा उठाने के दौरान मर गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि मेरा विश्वास है कि उन्होंने एक बड़े लक्ष्य के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया/
- मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देता हूं. पचास साल बाद भी उन्हें याद करने के लिए मैं आपकी सराहना करता हूं.
- उनकी टिप्पणियां तब आयी हैं जब कुछ समय पहले प्रधानमंत्री ने कुछ लोगों को गोरक्षकों के लबादे में अपराधी करार दिया था और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी.
सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासिचव भैयाजी जोशी ने क्या कहा ?
- गोरक्षा आंदोलन ने लंबा सफर तय किया है.
- आज ऐसी सरकार है जिसके गृहमंत्री गोरक्षकों के बीच बैठे हैं एवं 50 साल पहले इस मुद्दे पर मर गए लोगों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
- गायों की आनुवांशिक श्रृंखला को परिभाषित करने के लिए अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा आयोजित एक बैठक, जहां 25 देशों के 300 वैज्ञानिक आमंत्रित थे, का हवाला देते हुए कहा कि उसमें निष्कर्ष निकला कि गाय और इंसान में 80 फीसदी जीन एकसमान हैं.
- जोशी ने कहा कि 50 साल पहले गोरक्षक अपना विचार संसद के सामने रखने आए थे और तत्कालीन गृहमंत्री ने उनके साथ ऐसा बर्ताव किया जो अमानवीय था.