नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पूर्व मध्यप्रदेश में आयकर विभाग की छापेमारियों के मामले में नई बात सामने आ रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के लिए बढ़ रही मुश्किलों के बीच अब सीएम और उनके ओएसडी के बीच की बातचीत की रिकॉर्डिंग सामने आ रही है, जिसके आधार पर करोड़ों रुपये के लेन-देन का आरोप लगाया जा रहा है।
तुगलक रोड स्थित निवास से हुई फोन की रिकॉर्डिंग और बातचीत के अंश मीडिया में बाहर आए हैं, जिसमें कथित तौर पर पैसों के कलेक्शन और ट्रांसफर के लेन-देन का जिक्र है। इस बातचीत को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यह आयकर विभाग के पास मौजूद दस्तावेजों पर आधारित है। साथ ही यह मुख्यमंत्री और उनके ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के बीच हुई बातचीत से जुड़ी है। आयकर विभाग के पास मौजूद दस्तावेजों में उम्मीदवारों को करोड़ों रुपये भेजे जाने के सबूत भी हैं।
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव में 11 प्रत्याशियों को 25 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक मोटी रकम भेजी गई। दस्तावेजों में आर के मिगलानी, प्रवीण कक्कड़ और ललित कुमार छजलानी के नामों का जिक्र है। आरोप है कि यह पैसा मध्यप्रदेश के उम्मीदवारों के पास आए हैं, जिनमें कमलनाथ के पांच करीबी सहयोगी हैं। अकेले दिग्विजय सिंह को ही 90 लाख रुपये मिले।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आयकर विभाग के सारे बयान फर्जी हैं। वे खुद बयान देते हैं। वे खुद इसे मीडिया को देते हैं। वे राजनीतिक खेल खेल रहे हैं, तो अच्छा है, इस राजनीतिक खेल का कोई अंत थोड़े ही होने वाला है।