नयी दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उच्च सदन में सपा के नीरज शेखर की टोकाटोकी पर नाराजगी जताते हुये सदस्यों के गैर जरूरी व्यवधान के कारण सदन के सुचारु संचालन में असमर्थता जतायी।
बृहस्पतिवार को राज्यसभा की बैठक शुरु होने पर नायडू ने शेखर के रवैये पर उस समय नाराजगी जतायी जब सभापति सभी सदस्यों से बजट सत्र में कामकाज के लिये सिर्फ चार दिन शेष बचे होने का हवाला देते हुये लगातार बाधित चल रही बैठक को सुचारु बनाने की अपील कर रहे थे।
नायडू ने सदन को बताया कि सभी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिये सहमति जतायी है। उन्होंने सुझाव दिया कि बृहस्पतिवार को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करा ली जाये और विभिन्न सदस्यों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर शुक्रवार को गैर-कामकाजी दिवस पर चर्चा करायी जा सकती है।
नायडू के वक्तव्य के दौरान ही शेखर ने अपने स्थान पर बैठे हुये कोई टिप्पणी की। सभापति ने जब उन्हें बीच में टिप्पणी करने से रोका तो शेखर ने तत्काल इसके जवाब में कहा कि उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की है।
इस पर नायडू ने गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि इस स्थिति में वह सदन के संचालन में असमर्थ हैं। स्थिति को संभालते हुये संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने शेखर को बीच में टोकाटोकी करने से रोकते हुये उनके इस रवैये पर खेद जताया।
गोयल ने नायडू से अनुरोध किया कि शेखर अब शांत हो गये हैं इसलिये वह सदन का संचालन करें। इस पर नायडू ने गोयल से पूछा कि क्या शांत होकर शेखर ने ‘रहम’ किया है।
स्थिति की गंभीरता को समझते हुये नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने माफी मांगी और सभी सदस्यों से व्यवधान उत्पन्न नहीं करने की अपील की। नायडू ने उच्च सदन में सपा के नेता रामगोपाल यादव से कहा ‘‘अगर आप इस तरह से रवैये के साथ सदन की कार्यवाही चाहते हैं तो मैं सदन संचालन में असमर्थ हूं।’’
इससे पहले नायडू ने सदन के सुचारु संचालन की अपील करते समय कुछ सदस्यों के हंसने पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा ‘‘हम अपने ऊपर ही हंस रहे हैं और पूरा देश देख रहा है।’’