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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल के सबरीमला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की तो उसमें नया मोड़ आ गया।
दरअसल, सबरीमला मंदिर का संचालन करने वाले त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड ने मंदिर में सभी महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया।
कोर्ट ने जब उसके रूख में बदलाव का जिक्र किया तो बोर्ड के वकील ने कहा कि अब उसने फैसले का सम्मान करने का निर्णय किया है। बोर्ड की ओर वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा, ‘संविधान का अनुच्छेद 25(1) सभी नागरिकों को अपने धर्म को मानने का समान अधिकार देता है।