जयपुर । एसएमएस मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्रिंसीपल डॉ. सुधीर भंडारी के एक आदेश ने डॉक्टर्स, रेजीडेंट और मेडिकल स्टूडेंट्स को सकते में ला दिया है। आदेश में कहा गया है कि कॉलेज के सभी डॉक्टर्स, रेजीडेंट्स और यूजी स्टूडेंट्स को नीला ब्लेजर पहनकर कॉलेज और अस्पताल आना होगा। खास बात ये है कि ब्लेजर रेमंड कंपनी का ही होना चाहिए।
आदेश में यह भी हवाला दिया गया है कि रेमंड कंपनी के अधिकारी अधीक्षक कार्यालय के पास मौजूद रहेंगे, जिन्हें डॉक्टर्स अपना नाप दे सकेंगे। मेडिकल कॉलेज इतिहास में पहली बार ऐसा आदेश निकाला गया है। वहीं, इस आदेश से नाराजगी के स्वर उठने लगे हैं, क्योंकि प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में आज तक इस तरह यूनिफार्म निर्धारित नहीं की गई है। हालांकि अभी ये डॉक्टर्स और स्टूडेंट्स की स्वेच्छा पर निर्भर है कि वह पहनें या नहीं।
16 जनवरी को सभी सम्बद्ध अस्पतालों को पत्र में लिखा गया है। इसमें एसएमएस मेडिकल कॉलेज, एसएमएस अस्पताल, जेके लोन, महिला, कांवटिया, जनाना, गणगौरी, मनोरोग, टीबी, आरआरसी, एसआर गोयल, सेठी कॉलोनी और बनीपार्क स्थित महर्षि रमण हॉस्पिटल का जिक्र किया गया है। यानि कि इन सभी अस्पतालों के डॉक्टर्स, रेजीडेंट और स्टूडेंट्स को ब्लेजर सिलाना होगा।
अभी एसएमएस मेडिकल कॉलेज में 1200 स्टूडेंट, 1000 रेजीडेंट और 1500 से अधिक डॉक्टर्स हैं यानी कि कुल 3700 ब्लेजर सिले जाएंगे। एक ब्लेजर की कीमत 3000 रुपए निर्धारित की गई है। यानि कि एक सेशन में ही एक करोड़ 11 लाख रुपए के ब्लेजर सिले जाएंगे।