नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने न्यायाधीशों के तौर पर शुक्रवार को शपथ ली। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने दोनों न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह शीर्ष अदालत के अदालती कक्ष संख्या एक में आयोजित हुआ। उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 31 है। न्यायमूर्ति माहेश्वरी एवं न्यायमूर्ति खन्ना के शपथ लेने के साथ ही यहां कुल न्यायाधीशों की संख्या 28 हो गई है।
न्यायमूर्ति माहेश्वरी जहां कर्नाटक उच्च न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीश रहे हैं वहीं न्यायमूर्ति खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे। सरकार ने इन दोनों की शीर्ष अदालत में नियुक्ति को बुधवार को अधिसूचित किया था। उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने 10 जनवरी को न्यायमूर्ति माहेश्वरी एवं न्यायमूर्ति खन्ना को प्रोन्नत कर शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश की थी।
कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश गोगोई, न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एन वी रमण एवं न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा शामिल थे। राजस्थान एवं दिल्ली उच्च न्यायालयों के प्रमुख न्यायाधीशों क्रमश : न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग एवं न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन के नामों पर भी कॉलेजियम ने 12 दिसंबर 2018 को विचार किया था लेकिन चर्चा अधूरी रह गई और कॉलेजियम के एक सदस्य न्यायमूर्ति एम बी लोकूर 30 दिसंबर, 2018 को सेवानिवृत्त हो गए थे।
कॉलेजियम में उनका स्थान न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने लिया। नये कॉलेजियम ने 10 जनवरी को न्यायमूर्ति नंदराजोग एवं न्यायमूर्ति मेनन की शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के तौर पर पदोन्नति को नजरअंदाज कर दिया। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने कई अन्य न्यायाधीशों के स्थान पर न्यायमूर्ति खन्ना को पदोन्नत करने की उच्चतम न्यायालय की सिफारिश के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन किया और फैसले को मनमाना करार दिया।