चंडीगढ़। जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की संलिप्तता वाले पत्रकार हत्या मामले में शुक्रवार को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी मानते हुए अपना फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में कोर्ट अपना फैसला 17 जनवरी को सुनाएगी। इस मामले के मद्देनजर हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हरियाणा विशेषकर पंचकूला, सिरसा (डेरा मुख्यालय) और रोहतक जिलों में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस, दंगा रोधी पुलिस और पुलिस बल की कई कंपनियां तैनात की गई हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पंचकूला अदालत परिसर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
हरियाणा पुलिस ने अदालत जाने वाले मार्ग पर अवरोधक लगाए हैं। जिला पुलिस प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि लोगों को अनावश्यक रूप से एकत्र होने की अनुमति नहीं दी जाए और अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। पुलिस ने बताया कि हरियाणा में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय के निकट अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है। उल्लेखनीय है कि राम रहीम की दोषसिद्धि के बाद अगस्त 2017 में हरियाणा के सिरसा और पंचकूला में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे।
51 वर्षीय राम रहीम अपनी दो महिला अनुयायियों के बलात्कार के मामले में इस समय रोहतक की सुनारिया जेल में 20 साल कारावास की सजा काट रहा है। पंजाब में डेरा के बड़ी संख्या में अनुयायी होने के मद्देनजर बठिंडा और फिरोजपुर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पंचकूला में विशेष सीबीआई अदालत ने मंगलवार को राज्य की अपील स्वीकार कर ली थी और एक पत्रकार की हत्या के मामले की 11 जनवरी को सुनवाई में राम रहीम की वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेशी को अनुमति दी थी। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में सुनवाई के लिए गुरमीत राम रहीम शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश होंगे।
2002 के इस मामले में राम रहीम को मुख्य षड़यंत्रकर्ता नामित किया गया है। छत्रपति के समाचार पत्र ‘पूरा सच’ ने एक पत्र प्रकाशित किया था जिसमें यह बताया गया था कि डेरा मुख्यालय में राम रहीम किस प्रकार महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। इसके बाद छत्रपति को अक्टूबर 2002 में गोली मार दी गई थी। गंभीर रूप से घायल होने के कारण पत्रकार की बाद में मौत हो गई थी और 2003 में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले को 2006 में सीबीआई को सौंप दिया गया था।