नयी दिल्ली । राफेल सौदे सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह में लगातार गतिरोध बना रहा तथा शुक्रवार को लोकसभा एवं राज्यसभा की बैठक एक एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। राफेल मुद्दे पर सत्ता पक्ष की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी मांगने के लिए कहा गया वहीं कांग्रेस ने इस सौदे की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग की।
राफेल सौदे में शीर्ष अदालत के फैसले की पृष्ठभूमि में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष पर राजनीतिक फायदे के लिए देश को गुमराह करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी इस मामले में सदन और देश से माफी मांगें। सिंह ने गांधी पर निशाना साधते हुए उन पर सरकार को बदनाम करने का प्रयास करने तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आज के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष को इस सदन से और देश से माफी मांगनी चाहिए।
सिंह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘‘इनके (कांग्रेस के) ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। इनके शासन में मंत्री तक भ्रष्टाचार के मामलों में जेल गये।’’ उन्होंने कहा कि ये (कांग्रेस) तो यही चाहते हैं कि ‘‘हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे।’’ इस दौरान भाजपा के सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे। वहीं तेलुगु देशम पार्टी के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग को लेकर तथा अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी पर बांध के निर्माण का विरोध करते हुए आसन के समीप नारेबाजी कर रहे थे। हंगामे के बीच ही सरकार ने ‘भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018’ और ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2018’ पेश किये।
इस दौरान कांग्रेस के सदस्य आसन के समीप खड़े होकर राफेल सौदे पर संयुक्त संसदीय समित (जेपीसी) जांच की अपनी मांग दोहराते रहे। भाजपा के सदस्य भी अपने स्थानों से आगे आकर नारेबाजी कर रहे थे।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी।
गृह मंत्री सिंह के बयान के बाद सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपनी बात रखने की अनुमति मांगी लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब तक कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों पर वापस नहीं जाएंगे, तब तक वह अनुमति नहीं दे सकतीं।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामा थमते नहीं देख सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही विपक्ष के कुछ सदस्यों ने अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के पास आकर नारेबाजी शुरू कर दी, वहीं भाजपा के सदस्य शीर्ष अदालत के फैसले की पृष्ठभूमि में नारे लगा रहे थे।
संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन में कहा कि शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष गांधी को और कांग्रेस को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए। सदन में आज कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उपस्थित नहीं थे। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन में उपस्थित थीं।
हंगामे के बीच लोकसभा में दो विधेयक पेश
लोकसभा में विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के बीच ही सरकार ने शुक्रवार को दो विधेयक पेश किये जिनमें एमसीआई विधेयक का संशोधन करने वाला विधेयक और केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक हैं।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। इस दौरान भाजपा सदस्य राफेल सौदे में अदालत के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, वहीं तेलुगूदेसम पार्टी के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे की मांग को लेकर तथा अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी पर बांध के निर्माण का विरोध करते हुए आसन के समीप खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे।
हंगामे के बीच ही स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने ‘भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018’ पेश किया। विधेयक में 1956 के एमसीआई कानून में संशोधन का प्रावधान है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2018’ पेश किया जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 का और संशोधन करने का प्रस्ताव है।