डा. मुकेश शर्मा के नेतृत्व में सिलोखरा के नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल ने जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर विकास कार्य शुरु कराने की लगाई गुहार
गुड़गांव : सिलोखरा की 12 एकड़ पंचायती भूमि पर गांव के विकास से संबंधित कार्य कराने की पिछले लंबे अर्से से मांग कर रहे सिलोखरा के नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा । जिला उपायुक्त के प्रतिनिधि के रुप में एसडीएम ने ज्ञापन लेते हुए उनकी मांगों से मुख्यमंत्री को अवगत कराने का आश्वासन दिया ।
गांव के नागरिकों ने कहा कि जिला उपायुक्त डॉ विनय प्रताप सिंह ने मौके पर आकर तालाब के जीर्णोद्धार का शुभारंभ करने के साथ लिखित रूप में आश्वासन दिया था कि गांव के विकास से संबंधित सभी कार्य शीघ्र कराए जाएंगे लेकिन महीनों का समय बीतने और लंबा आंदोलन चलाने के बावजूद जिला उपायुक्त ने विकास कार्य शुरु नहीं कराए और इस संबंध में जब गांव के नागरिक उनसे बार-बार मिलने का प्रयास कर रहे हैं तो इससे भी वे किनारा कस रहे हैं । यही कारण रहा कि मंगलवार को भी डीसी नहीं मिले और ज्ञापन लेने के लिए एसडीएम को भेज दिए गांव के नागरिकों ने यह भी कहा कि सरकार और प्रशासन द्वारा आश्वासन के बावजूद महीनों से विकास कार्य शुरु नहीं कराए जा रहे हैं जबकि मुख्यमंत्री सामुदायिक भवन बनाने की स्वयं घोषणा कर चुके हैं। मुख्यमंत्री लगातार गुड़गांव आ रहे हैं लेकिन वे सिलोखरा के विकास को क्यों दरकिनार कर रहे हैं। गांव के नागरिकों के साथ समस्त 360 गांव की पंचायत इसका कारण जानना चाहती है ।
कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता डा. मुकेश शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल से गुहार लगाई कि सरकार शीघ्र ही सिलोखरा में विकास कार्य शुरु कराए।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि अगर सिलोखरा के विकास के लिए सुरक्षित 12 एकड़ भूमि पर विकास के अलावा किसी अन्य प्रोजेक्ट की स्वीकृति प्रदान की गई तो सिलोखरा के नागरिक पुनः आंदोलन चलाने के लिए विवश होंगे
डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि सिलोखरा के विकास की मांग को लेकर पिछले करीब सालभर से लंबा आंदोलन चलाने और गत जुलाई से अगस्त माह तक लगातार 37 दिन धरना देने के बाद मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रुप में गत 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर धरना स्थल पर पहुंचे प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रो. रामविलास शर्मा ने सिलोखरा सहित 360 गांव के धरनारत नागरिकों और महिलाओं को भरोसा दिया कि उनकी सभी मांगों को पूरा कराया जाएगा, लेकिन अब तक सिलोखरा में विकास शुरु नहीं हो सके। इसको लेकर गांव के नागरिक उद्वेलित हैं। डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि गांव के नागरिकों की मांग है कि गांव की समस्त 12 एकड़ भूमि पर स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत गांव में धर्मस्थली व तालाब का जीर्णोद्धार कराने के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक भवन, खेल स्टेडियम, बालिका विद्यालय आदि का निर्माण कराया जाए। डा. शर्मा ने कहा कि इन विकास कार्यों को कराने के लिए गांव के नागरिकों के साथ महिलाओं ने भी लंबा आंदोलन चलाया है।
पर्व, त्यौहारों पर भी महिलाओं ने धरना जारी रखा और इस आंदोलन मेें गुडग़ांव के 360 गांवों की सरदारी का पूर्ण सहयोग व समर्थन मिला। अब लोगों को इंतजार है कि शीघ्र विकास कार्य शुरु हों जबकि सरकार और प्रशासन द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है डॉ शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा वर्षों पूर्व सिलोखरा की 12 एकड़ जमीन को चरागाह, तालाब और गांव के विकास के लिए सुरक्षित रखने का आदेश दिया गया था और अगर इस जमीन को किसी अन्य प्रोजेक्ट में प्रयोग करने का प्रयास किया गया तो यह अदालत की अवमानना होगी और इसके खिलाफ गांव के नागरिक 360 गांव के सहयोग से पुनः आंदोलन चलाने को विवश होंगे अतः प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से हम मुख्यमंत्री से मांग कर रहे हैं कि उक्त जमीन पर गांव के विकास से संबंधित कार्य शीघ्र शुरु कराए जाएं तिनिधिमंडल में पूर्व सरपंच ओमप्रकाश शर्मा, धर्मवीर शर्मा, रामपत यादव, अतर सिंह शर्मा, शेर सिंह, रामेहर यादव, भरत सिंह ठेकेदार, चंद्रभान सैनी, अशोक शर्मा, सुंदर यादव, मामचंद सैनी, रणवीर यादव, भूप सिंह शर्मा, रामपाल शर्मा, राजेश शर्मा व राधेश्याम शर्मा आदि नागरिक शामिल रहे।