गुरुग्राम। गुरुग्राम सांस्कृतिक गौरव समिति द्वारा नवरात्र के सुअवसर पर आयोजित नौ दिवसीय व्याख्यानमाला के सातवें दिन परोपकार ही जीवन है विषय पर बोलते हुए भारत विकास परिषद के क्षेत्रीय सेवा प्रमुख डॉ वासुदेव बंसल ने कहा कि हमारी संस्कृति में एक दूसरे के काम आना बहुत अच्छा माना गया है। मेरे पास आवश्यकता से अधिक है तो मैं, जिसको आवश्यकता है, उसको देकर परोपकारी जीवन बना सकता हूं। इससे देश में समता का भाव पैदा होगा और अमीर गरीब की खाई कम होगी।
उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में भारत विकास परिषद के कार्यकर्ताओं ने विवेकानंद आरोग्य केंद्र बनाकर परोपकार का श्रेष्ठतम उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऐसे केंद्र पूरे देश भर में अनेकों स्थानों पर भारत विकास परिषद के कार्यकर्ता चला रहे हैं।
मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के संरक्षक त्रिलोक चंद शर्मा ने कहा कि मनुष्य का जीवन पर उपकारी होना चाहिए। अपने लिए तो पशु ही जीते हैं। परोपकार करते समय मन में अहंकार का भाव पैदा ना हो यह आवश्यक है।
गुरुग्राम सांस्कृतिक गौरव समिति के अध्यक्ष अजय सिंहल ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि परोपकार करते समय मन में स्वार्थ का भाव ना हो। हमने किसी के लिए कुछ अच्छा किया, करते ही उसको भूल जाना, यह ही सच्चा परोपकार है। व्याख्यान से पूर्व गायिका किरण कुमार ने भोजपुरी हिंदी, पंजाबी व हरियाणवी में भजन सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
व्याख्यानमाला का संचालन मोहित त्यागी ने किया। मंचा सीन अतिथियों का अभिनंदन आज के व्याख्यान के आयोजक वेद सैनी व सम्मी अहलावत ने किया। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।