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डाक्टरों की लापरवाही से सडक हादसे में घायल युवक की मौत
पागल कुत्ते के काटने वाले मरीजो का नहीं किया इलाज
यूनुस अलवी
मेवात: मेवात इलाके का अल-आफिया अस्पताल लोगों को सुविधाऐं देने की बजाऐ लापरवाही का केंद्र बन गया है। यहां आने वाले मरीजों का इलाज करना तो दूर डाक्टर लोगों से सीधे मूंह बात करने को भी तैयार नहीं हैं। डाक्टरों की लापरवाही का नजारा शुक्रवार को देखने को मिला जहां गांव नसीर बास के लोगों ने मांडीखेडा के डाक्टरों पर लापरवाही के चलते युवक की मौत का इलजाम लगाया। वहीं गांव गुजर नंगला से पागल कुत्ता के काटने के आऐ मरीजों को इंजेक्शन लगाने की बजाए डाक्टरों ने उनको भगा दिया। लोगों ने आरोपी डाक्टरों के खिलाफ कार्यवाई करने की मांग की है।
गांव नसीरबास निवासी ममरेज और तारीफ खान ने बताया कि उनके चाचा के लडका 20 वर्षीय निसार पुत्र इसलाम का शुक्रवार को अहमदबास के नजदीक डंफर से ऐक्सीडेंट हो गया था। घायल निसार को तुरंत मांडीखेडा के अल-आफिया अस्पताल में दाखिल कराया गया। ममरेज और तारीफ का कहना है कि वे शुरू से आखिर तक घायल निसार के पास ही थे। डाक्टरों ने घायल निसार को मरहम पटटी बांधी और ग्लूकोज गलाकर कोई ऐक्सरे या और कोई चैकप नहीं किया। यह मामला करीब सुबेह 12 बजे का है।
अस्पताल में ही घायल निसार ने बाथरूम तक जाकर पैशाब भी किया लेकिन कुछ देर बाद निसार ने कहा कि उसके पैट में दर्द हो रहा है। ममरेज और तारीफ खान का कहना है कि उन्होने इसकी शिकायत आपातकाल में बेठे डाक्टरों से की। वहां से मरीज को देखने के लिए कोई डाक्टर नही आया और निसार ने तडफ-तडफ कर अपनी जान दे दी। पीडित लोगों का कहना है कि निसार की मौत डाक्टरों की लापरवाही से हुई है। अगर डाक्टर उसका ठीक से चैकप करते और इलाज करते तो निसार को बचाया जा सकता था। वहीं मरीज के परिजनों ने अस्पातल में डाक्टरों की लापरवाही की कठोर निंदा करते हुऐ ऐसे डाक्टरों की जांच कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
वहीं जब इसबारे में अस्पताल के एसएमओ डाक्टर सैनी से बात की गई तो उन्होने बताया कि वह छुट्टी पर वहीं जब मेवात के सीएमओ को फोन किया तो उनका फोन स्विच था। जब इस बारे में मेवात के डीसी अशोक शर्मा के संज्ञान में मामला लाया गया तो उन्होने बताया कि मेवात के सीएमओं को उन्होने बुला रखा है सारे लापरवाही के मामले की उनसे जानकारी ली जाऐगी। डीसी ने कहा अगर डाक्टरों की लापरवाही मिली तो उनको बख्शा नहीं जाऐगी।
पागल कुत्ता के काटने का नहीं करते इलाज
शुक्रवार को नगीना खंड के गांव गुजरनंगला और पास के ही गांव खेडी कलां के तीन बच्चों को पागल कुत्ते ने काट खाया जब वे अपना इलाज कराने के लिए मांडीखेडा के अल-आफिया अस्पताल पहुंचे तो डाक्टरों ने उनका इलाज करने की बजाए उनको भगा दिया। वहीं गांव गुजरनंगला निवासी इसराईल बिना इंजेक्शन लगवाए जाने से इंकार कर दिया हंगामा देख डाक्टरों ने इसमाईल के 6 साल के लडके निजाम को इंजेक्शल लगाना पडा।
गांव गूजरनंगला निवासी इसमाईल ने बताया कि शुक्रवार को उसके 6 साल के लडके निजाम, गांव के ही 17 साल के मुनफेद और पास के ही गांव खेडी कला निंवासी साकिर के 8 साल के लडके को पागल कुत्ते ने काट खाया वे तीनों सरकारी अस्पताल अल-आफिया में आऐ जां डाक्टरों ने उनका इलाज करने से मना कर दिया। इसमाईल का कहना है कि और तो अपने बच्चों को लेकर चले गऐ लेकिन उसने बिना इंजेक्शन लगवाऐ जाने से मना कर दिया। आखिरकार डाक्टरों ने बिना पर्ची बनाऐ उसके लडके को इंजेक्शन तो लगा दिया लेकिन कुत्ते के काटने की जगह कोई दवाई नहीं लगाई और ना ही कोई पटटी बांधीं। इसमाईल का कहना है कि जब उसने कहा कि वह मीडिया का बुलवाता है तब जाकर उसके लडके का कार्ड बनाया गया। इसमाईल का कहना है कि ऐसे लापरवाह डाक्टरों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।