खास खबर :
: नियमों को ताक पर रख कर फैंसले लिए जा रहे हैं
: एसडीए के चेयरमैन और एमडीए के सीईओ कम डीसी में तनी
: सीईओ के करीब एक करोड के चैक पर चेयरमैन मंजूरी देने से मना कर दिया था
: कर्मचारी एमडीए के और सेवा कर रहे हैं अधिकारियों की, खुरशीद राजाका उठाऐ सवाल
यूनुस अलवी
मेवात : मेवात विकास एजैंसी (एमडीए) जो 1980 में मेवात के विकास के लिए खोला गया था आज यह अधिकारियों की सेवा एजैंसी बनकर रह गई है। एमडीए को सरकार की ओर से लिमिटिड धन राशी आती है। वर्ष 1980 से अब तक करीब 564 करोड रूपये एमडीए को मिला है जिसमें से तकरीबन तीन सौ करोड रूपये एमडीए द्वारा संचालित स्कूलों और भवनों के निर्माण पर खर्च किए गऐ हैं बाकी पैसे कहां है ये कहीं नजर नहीं आता है। वैसे एमडीए भ्रष्टाचार के लिए अक्सर बदनाम रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री आईके गुजराल के मेवात आगमन पर उनके स्वागत के लिए करीब एक लाख रूपये के फूल खरीदे गए थे। जिसकी काफी लंबी जांच चली जिसमें एक कर्मचारी को दौषी पाया जिसको करीब चार महिने पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर जैल भेज दिया है।
एमडीए के माध्यम से तत्कालीन चेयरमैन एंव पूर्व डीआईजी एसए खान के समय मेवात में कुछ छोटे-छोटे नालों को निर्माण किया गया था लेकिन अभी तक इनमें एक बूंद पानी नहीं छोडा गया। करीब 60 लाख रूपये की लागत से 20 साल पहले मेेवात के मढी सहित कई गावों में खारा पानी को मीठा पानी बनाने के सयंत्र लगाऐ थे, जिनसे लोगों को एक बूंद मीठा पानी भी नसीब नहीं हुआ।
मेवात विकास अभिकरण (एमडीए) क्या है?
मेवात विकास अभिकरण (एमडीए) जो सरकारी संस्था है, जिसे मेवात डव्लमेंट बोर्ड (एमडीबी) द्वारा संचालित किया जाता है जिसका चेयरमैन प्रदेश के मुख्यमंत्री होते हैं। मेवात विकास अभिकरण (एमडीए) के माध्यम से जिले के पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका, नूंह, तावडू, नगीना, हथीन (पलवल) खानपुर घाटी और मढी गांव स्थित मेवात मॉडल स्कूल सहित करीब 8 स्कूलों को संचालित किया जाता है। जिसपर सालाना करीब 22 करोड रूपये का खर्चा आता है। फिलहाल खुरशीद राजाका एमडीए के चेयरमैन है तथा मेवात के डीसी इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं। हाल ही में सरकार ने एमडीए का डिप्टी सीईओ नियुक्त किया है। जिसका गुडगांव के किसी एचसीएस अधिकारी के पास चार्ज है।
एमडीए सीईओ कम डीसी के करीब एक करोड आरओ लगाने को चेयरमैन ने नामंजूर किया
पलवल जिला का खंड हथीन भी मेवात विकास अभिकरण के अधीन आता है। एसडीए के सीईओ कम डीसी मेवात ने कुछ दिन पहले हथीन खंड में खारा पानी से मीठा पानी बनाने के 6 आरओ लागने के लिए चेयरमैन खुरशीद राजाका को मंजूरी के लिए भेजा था जिसको चेयरमैन ने नामंजूर कर दिया था। खुरशीद राजाका का कहना है कि डीसी ने उसकी प्रमीशन लिए बगैर ही एक करोड के आरओ लगाने का चैक काटकर भेज दिऐ थे। चेयरमैन ने गलत तरीका बताते हुऐ चैक वापिस कर दिया और उसपर कई सवाल उठाते हुऐ सीईओ से ही जवाब तलब कर लिया।
गाडी एक ड्राईवर चार
एमडीए के चेयरमैन खुरशीद राजाका ने बताया कि अधिकारियों ने एमडीए को मेवात विकास एजैंसी की बजाए अपने लिए विकास की एजैंसी बनाकर रख दिया है। एमडीए के करीब 25 कर्मचारी है तो डीसी, एसडीएम और कमिश्रर आदि के पास रहते हैं लेकिन वेतन एमडीए से लेते हैं जिससे एमडीए को करीब एक करोड सालाना का नुकसान पड रहा है। वहीं डीसी के पास एक गाडी है लेकिन उनहोने दो ड्राईवर सरकार से और दो ड्राईवर एमडीए से ले रखे हैं जो गलत है। चैयरमैन का कहना है कि जब अधिकारियों के पास डुअल चार्ज है तो कानूनी तरीके से कर्मचारियों को अपने पास रखे इसका बाकायदा आदेश जारी होना चाहिए पर अधिकारी बिना आदेश के ही कर्मचारियों को अपने पास रख रहे हैं। उन्होने बताया फिलहाल कई को वापिस बुला लिया गया है।
क्या कहते हैं डीसी कम सीईओ एमडीए
मेवात के डीसी एवं एमडीए के सीईओ अशोक शर्मा का कहना है कि खुरशीद राजाका 30 अप्रैल के बाद से अब एमडीए के चेयरमैन नहीं हैं इसलिए उनको चेयरमैन नहीं लिखा जा सकता। वहीं शर्मा ने कहा कि पलवल के डीसी के कहने पर हथीन खंड में 6 आरओ लगाने थे लेकिन तत्कालीन चेयरमैन खुरशीद राजाका ने अपनी छोटी सौच के चलते उनको मंजूरी नहीं दी। वहीं उन्होने कहा कि एमडीए को सरकार ही बजट देती है इस लिए कर्मचारी उनके पास काम करें या एसडीएम के पास इससे क्या फर्क पडता है। वहीं उन्होने अपने पास चार ड्राईवर होने की बात को गलत बताया। अशोक शर्मा का कहना है कि वे मेवात में काफी काम करना चहाते हैं लेकिन जब तक खुरशीद राजाका एमडीए के चेयरमैन रहे उनकी छोटी सौच के चलते वे हर काम में अडचन डालते रहे।