जीआईए हाऊस में श्रम कानूनों पर जागरूकता कार्यशाला आयोजित
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा ,शांति, सामंजस्य और सुरक्षा से आएगी औद्योगिक शांति
औद्योगिक इकाइयों को स्वयं ही कानून का पालन करने पर बल दिया
गुरुग्राम : औद्योगिक विकास में हरियाणा पुूरे देश मेंं प्रथम स्थान पर है। हरियाणा की पहचान किसान जवान और पहलवान से है। अब हरियाणा की पहचान पूरे देश में उद्योगों से हो रही है। उक्त विचार हरियाणा के श्रम एवं रोजगार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ महावीर सिंह ने व्यक्त किए। डा. महावीर सिंह श्रम विभाग हरियाणा द्वारा आयोजित श्रम कानूनों पर जागरूकता कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
महरौली रोड स्थित जीआईए हाऊस में आयोजित एनसीआर स्तर के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रम विभाग रोजगार के प्रधान सचिव डाक्टर महाबीर सिंह ने कहा कि कृषि, उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ है। जिसमें मजदूरों की कुल संख्या का लगभग 57 फीसद श्रमिक कृषि उद्योगों से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के साथ -साथ बौद्धिक विकास भी आवश्यक है। श्रम और उद्योगों में सामंजस्य पर बल देते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा आपसी तालमेल से ही उद्योगों और श्रमिकों का भला हो सकता है। कार्यक्रम मेें उपस्थित उद्योगपतियों और श्रमिकों को अतिरिक्त प्रधान सचिव ने तीन मूल मंत्र भी दिए। जिनमें शांति, सामंजस्य और सुरक्षा है।
इन मंत्रों पर पर अमल करते हुए प्रदेश में औद्योगिक शांति और प्रबंधन व श्रमिकों के बीच बने तनाव को समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग की सबसे बड़ी इकाई श्रमिक है। इसलिए श्रमिक वेलफेयर की आवश्यकता है। श्रम विभाग की सभी सेवाएं आनलाईन है जिन्हें 45 दिन में निपटाने के लिए श्रम विभाग बाघ्य होगा। गुरूग्राम में कुल 14 हजार उद्योग हैं । जिनमें से 1457 उद्योग ही कारखाने अधिनियम मेे पंजीकृत है। कारखाने अधिनियम के प्रावधानों के अनुूसार कोई भी कारखाना अधिनियम में बिना पंजीकरण के नही चल सकेगें। श्रम कानूनो की पालना स्वयं से ही करे। विभाग व कानून के डर से ना करें।
इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हरियाणा के लेबर कमिश्रर विजय सिंह दहिया ने एक प्रेजेंटैंशन के माध्यम से बताया कि श्रम विभाग का मुख्य कार्य श्रम कानूनो की परिपालना, औद्योगिक शांति, लेबर वेलफेयर आदि हैं जो श्रमिकों के लिए काम करते हैं। उन्होंने बताया कि 11 सेवाएं आनलाईन कर दी गई है। कारखानों में दुर्घटनाओं को कम करने या खत्म करने के लिए कारखाना अधिनियम के तहत पहले पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसके लिए श्रम विभाग पूरे प्रदेश में एक मुहिम चलाकर लोगों को जागरुक करेंगे।
नरेश नरवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि श्रम विभाग आपकी सुविधा और सहयोग के लिए है। परंतु उद्योग स्वंय भी श्रम कानूनो की परिपालना करके औद्योगिक शांति में सहयोग दें। कार्यक्रम में ईएसआई के क्षेत्रीय निदेशक डीके मिश्रा व पीएफ के कमिश्रर सिद्वार्थ ने अपने विभागों संबंधित जानकारियों दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जीआईए के अध्यक्ष जेएन मंगला, ने कहा कि औद्योगिक शांति के साथ साथ श्रमिक वेलफेयर हम सब का कर्तव्य है कि इसके लिए हमें श्रम विभाग के सहयोग से प्रयास करने होंगे।
जीआईए के महासचिव दीपक मैनी नें मंच के माध्यम से उद्योगपतियों की समस्याओं को उठाया। इनसे पूूर्व आईटीआई के प्रिंसिपल रविन्द्र कुमार ने अप्रिंटिस एक्ट के बारे में जानकारी दी। कार्यक्र्रम में जीआई के पूर्व अध्यक्ष वीपी बजाज, सहसचिव विनोद जैन, कोषाध्यक्ष विनोद गुप्ता, फरीदाबाद इंडस्ट्रियल एसोसिएशन से कर्नल कपूर, लेबर लॉ एडवाईजर एसोसिएशन के संयोजक एडवोकेट आरएल शर्मा अध्यक्ष एसएस थ्रीयान सलाहकार मनोरमा राणा व जेआर गुुलिया मुख्य रूप से उपस्थ्ति रहें। कार्यक्रम के दौरान श्रम विभाग के एडीशनल डायरेक्टर अरविंद गुप्ता, ज्वाइंट डायरेक्टर अनुराग गहलावत के साथ साथ श्रम विभाग के सभी अधिकारी व उद्योगपति उपस्थित रहे।