दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने लिए फैसला
गुरुग्राम में जुटे चार राज्यों के 48 पुलिस अधिकारी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी किया संबोधित
संगठित अपराध व मादक पदार्थों एवं अवैध हथियारों की तस्करी पर रोक लगाने पर किया मंथन
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
गुरुग्राम , 2 मई : संगठित अपराधियों, गिरोहों की गतिविधियों, मादक पदार्थों व अवैध हथियारों की तस्करी को एनसीआर क्षेत्र विशेषकर सीमावर्ती इलाकों में रोकने हेतू चार राज्यों की अंतर-राज्य अपराध समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गयी. इस बैठक में ‘अंतर-राज्यीय अपराध सूचना सचिवालय’ को गुरुग्राम में स्थापित करने का निर्णय लिया गया। यह हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और नई दिल्ली की पुलिस के बीच समन्वय स्थापित करने का तंत्र होगा. इससे सामान्य डेटाबेस बनाने, अपराध और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए वास्तविक जानकारी को सांझा करने में सहायतामिलेगी. इस बैठक में उत्तरप्रदेश राज्य से 11, राजस्थान से 10, दिल्ली से 9 व हरियाणा से 18 कुल 48 पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस बैठक की मेजबानी गुरुग्राम पुलिस द्वारा पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार के निर्देशन में की गयी .
यह निर्णय पहली अंतर-राज्य अपराध समन्वय समिति की बैठक में लिया गया जिसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस बैठक को आयोजित करने का विचार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अनौपचारिक बैठक के दौरान लिया गया था। इस तरह की त्रैमासिक बैठकों का आयोजन निश्चित रूप से अपराधियों और अन्य अवैध गतिविधियों के अंतरराज्यीय गिरोह को पकडऩे के लिए लाभदायक होगा।
इस बैठक का एजेंडा हरियाणा पुलिस महानिदेशक श्री बी एस संधू ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों के साथ-साथ नई दिल्ली के पुलिस आयुक्त के साथ मिलकर तैयार किया था।
बैठक में हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) श्री मोहम्मद अकील, एडीजीपी, अंबाला रेंज, श्री आर.सी. मिश्रा, उत्तर प्रदेश के एडीजीपी (कानून और व्यवस्था, आनंद कुमार, उत्तर प्रदेश के एडीजीपी अपराध चंद्र प्रकाश, राजस्थान जयपुर रेंज एडीजीपी हेमंत प्रियादर्श और दक्षिणी दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था) पी कामराज, हरियाणा के आईजीपी सीआईडी अनिल कुमार राव भी उपस्थित थे।
बैठक के उपरांत एक संयुक्त वक्तव्य में हरियाणा के एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) श्री मोहम्मद अकील ने बताया कि सभी पुलिस अधिकारियों ने विभिन्न अंतर-राज्य अपराधों पर व इस तरह के अपराधियों पर नकेल कसने और उन्हें पकडने की रणनीति तैयार करने पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आपसी समन्वय के साथ कानून व्यवस्था के लिए अपराध शाखा, सीआईए और एसटीएफ अधिकारियों के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेेत्रों के एसएचओ के बीच नियमित बैठकें भी आयोजित की जाएंगी ताकि अपराधों पर अंकुश लगाने के साथ-साथ कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके। यह भी निर्णय लिया गया कि सभी स्तरों पर पुलिस अधिकारियों के मोबाइल और लैंडलाइन नंबरों को भी बेहतर समन्वय बनाने और अंतर-राज्य अपराध को रोकने के लिए संाझा किया जाएगा। इस कडी में सोशल मीडिया का उपयोग करने के उद्देश्य से, व्हाट्सएप पर पुलिस अधिकारियों के उचित समूह भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा, चारों राज्यों की वास्तविक जानकारी को सांझा करने के लिए एक-एक वरिष्ठ नोडल अधिकारी भी नियुक्त करेंगे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा ने अवैध हथियारों के निर्माण एवं आपूर्ति में संलिप्त अपराधियों के नेटवर्क को तोडऩे के लिए सभी सीमावर्ती राज्यों विशेषकर उत्तर प्रदेश से सहयोग मांगा है। यदि पुलिस सामूहिक रूप से अवैध हथियारों के निर्माण, परिवहन और खरीद को रोकने में सफल होती है तो यह निश्चित रूप से यह पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने गैरकानूनी खनन और ओवरलोडिंग की समस्या को रोकने में राजस्थान से भी सहयोग मांगा है।
बैठक में अंतर-राज्यीय अपराध और अपराधियों की वास्तविक समय में जानकारी उपलब्ध करवाकर सांझा करने पर बल दिया गया। इन राज्यों के बीच अपराधियों पर नकेल कसने के लिए यह पारस्परिक समन्वय और समन्वय बढ़ाने में की प्रक्रिया लगातार संचालित रहेगी। उन्होंने बताया कि इन राज्यों की अगली त्रैमासिक बैठक उत्तर प्रदेश के नोएडा में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
आज की बैठक में हरियाणा के आईजीपी, कानून एवं व्यवस्था ए एस चावला, हरियाणा एसटीएफ के आईजीपी सौरभ सिंह, रोहतक रेंज के आईजीपी नवदीप सिंह विर्क, गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार, करनाल रेंज के आईजीपी सुभाष यादव, बीकानेर के आईजीपी बिपीन कुमार पांडे, दक्षिणी दिल्ली रेंज के विशेष पुलिस आयुक्त पी. रंजन, जयपुर एसओजी के आईजीपी एमएन दिनेश, दिल्ली यातायात की संयुक्त आयुक्त गरिमा भटनागर और राज्यों के अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस बैठक में जिन बिन्दुओ पर विचार-विमर्श किया गया :-
1. खुंखार, गैंगस्टर व अन्य जघन्य प्रवर्ती के लोग जो फिरौती तथा अपहरण जैसे जघन्य अपराधों को अन्जाम देने उपरान्त एक-दूसरे राज्यों में भूमिगत हो जाते है के सम्बन्ध में पूर्ण विवरण सहित विचार-विमर्श ।
2. अंतरराज्यीय अपराधियों, उदघोषित अपराधियों तथा बेलजम्पर अपराधियों को पकड़ने में सहयोग ।
3. सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त नाकाबंदी व गश्त ।
4. विशेष कार्य बल (STF) का आपसी समन्वय ।
5. वाहन चोर गिरोह के बारे में सूचना का आदान-प्रदान करना ।
6. लावारिस मृत शरीरों की पहचान करने में आपसी सहयोग ।
7. मानव तस्करी के केसों में पुलिस सहायता ।
8. अवैध तरीके से खनन, पशुओं (गौ तस्करी), लकड़ी वाहनों व मिलावटी खादय पदार्थो की तस्करी ।
9. शराब व नशीले पदार्थो की तस्करी ।
10. जाली करन्सी का चलन।
11. अवैध हथियारों की तस्करी, फर्जी हथियार/वाहन लाईसैंस के मामले ।
12. उग्रवादियों, माओवादियों, अवैध बांग्लादेशी, रोहिंगयास इत्यादि पर आसूचना का आदान-प्रदान ।
13. सीमावर्ती क्षेत्रों में यातायात का सुचारू रूप से संचालन ।
14. अन्तर्राज्यिय ओवरलोडिंग वाहनों पर अंकुश ।
15. अन्तर्राज्यिय सम्बन्धित मामले जैसे:- खेती/जल विवाद का आपसी निपटान ।
16. सीमावर्ती क्षेत्रों में लिंग परीक्षण/कन्या भ्रूण हत्या ।
17. सीमावर्ती क्षेत्रों में यातायात का सुचारू रूप से संचालन ।
18. कावड़ यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था तथा यातायात का सुचारू रूप से संचालन ।
19. नोएडा, दिल्ली व गुरुग्राम में सूचना प्रौधोगिकी के विस्तार से ऑनलाइन धोखाधड़ी तथा साईबर अपराध की रोकथाम ।
20. पुलिस व आम जनता की भलाई के लिए अपनाई जा रही योजनाओं का आदान-प्रदान किया जावे ।