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-संडे को फन-डे नहीं जागरुकता दिवस के रूप में मनाने निकले युवा, बच्चे
-वाहन चालकों को फूल देकर किया नियमों के पालन का अनुरोध
-हेलमेट पहनने पर दिया अधिक जोर
गुरुग्राम। एक तो संडे और ऊपर से गर्मी का प्रकोप, ऐसे में कोई भी अपने घर से तब तक नहीं निकलना चाहेगा, जब तक कि कोई मजबूरी न हो। उन युवाओं, बच्चों को न तो कोई जरूरी काम था और न ही उनकी मजबूरी थी, जो कि कड़ी धूप और गर्मी के बीच सड़कों पर खड़े होकर लोगों को ट्रैफिक के नियमों की न केवल जानकारी दे रहे थे, बल्कि नियमों का पालन करने के लिए उन्हें फूल देकर वायदा भी ले रहे थे।
एक आवाज संस्था की हम बात कर रहे हैं, जिसके बैनर तले काफी संख्या में युवाओं ने रविवार को यातायात नियमों के पालन के प्रति जागरुकता का कमान संभाली।
खास बात यह है कि इस मुहिम में बेटियों की भी भागीदारी रही। कार्टरपुरी गौशाला स्थित गुरुकुल के इन बच्चों ने हाथों में नारे व जागरुकता का संदेश लिखे बैनर और सफेद फूल ले रखे थे। पालम विहार चौक के पास मुख्य सड़क पर आकर उन्होंने वहां से गुजरने वाले वाहनों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाया। इनका अधिक फोकस उन दुपहिया वाहन चालकों पर भी रहा, जो कि बिना हेलमेट के अपने वाहनों को चला रहे थे। उनको रुकवाकर उन्हें तस्वीरों के माध्यम से जागरुक किया। ये तस्वीरें उन हेलमेट की थी, जो कि दुर्घटनाएं होने के बाद क्षतिग्रस्त हुए थे। उनको पहनने वाले चोट लगने से बच गए थे।
यह अपनी तरह का एक अनोखा प्रयास रहा। एक आवाज संस्था के राजकुमार सैनी, नरेंद्र मोहन गेरा, सुनील पैडमैन, शंकर सोनी आदि ने इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करके बच्चों के माध्यम से जागरुकता फैलाई। राजकुमार सैनी ने बताया बेटी वो है जिसके अनेक रूप है। वो बहन बन कर भाई को, पत्नी बनकर अपने पति को, और मां बनकर अपने बच्चों को समझा सकती है कि यातायात नियमों का पालन करके कल को सुरक्षित रखा जाता है।
आपका कल तभी सुरक्षित है, जब आप यातायात नियमों का पालन करते हैं। पैडमैन सुनील ने बताया कि समाज के हितों वाले कार्र्याें में युवाओं और बच्चों को लगाकर वे उन्हें भविष्य के समाजसेवी के रूप में तैयार करने के साथ-साथ उनको खुद को यह सीख भी दे रहे हैं कि वे इन सब बातों पर अमल अपने जीवन में करें। उन्होंने कहा कि यह मुहिम लगातार जारी रहेगी। हर रविवार को उनकी टोली कुछ नया और कुछ विशेष करती रहेगी।