सरपंचों के प्रतिनिधि मंडल की बेइज्जती करने पर मुख्यमंत्री को मांफी मांगनी होगी : सरपंचगण

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सरपंचों का रविवार को भी मांगों को लेकर धरना जारी रहा

 

यूनुस अलवी

मेवात : पंचायतों में ई-प्रणाली षुरू किऐ जाने से नाराज मेवात के सैंकडों गावों के सरपंचों ने नूंह, पुन्हाना, फिरोजपुर झिरका आदि खंडों के बीडीपीओ कार्यालय पर रविवार को भी धरना दिया। सरपंचों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो ये धरना अनिष्चितकालीन चलता रहेगा। इस मौके पर सरपंचों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं सरपंचों ने कहा कि वे ई-प्र्र्रणाली का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि सरकार द्वारा बिना तैयारी के इसे ष्षुरू किया गया है। एक-एक पंचायत सचिव के पास दस-दस गांव हैं गांवों में नेट की कोई सुविधा नहीं है। आॅन लाईन करने के लिए कोई आॅपरेटर नहीं हैं।

सरपंचों का कहना है कि सरकार पंचायतों को ई-प्रणाली से जोड तो रही है लेकिन पिछले 15 सालों से गांवों में बीपीएल सर्वे तक नहीं हुई है, सरपंच एक राषन कार्ड तक नहीं बना सकता है। सरपंचों का कहना है कि सरपंचों के पास कोई अधिकार नहीं है वेतन के नाम पर केवल तीन हजार रूपये देती है। पिछले 14 महिने से पंच और सरपंचों का वेतन तक नहीं मिला है।

तैयब सरपंच, अरषद सरपंच, लियाकत सरपंच आदि ने प्रदर्षन करते हुऐ कहा कि मुख्यमंत्री ने सरपंचों के प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर बेइज्जती की है वह प्रदेष के सभी सरपंचो की बंइज्जती है। मुख्यमंत्री को इसके लिए मांफी मांगनी होगी। वहीं सरपंचों ने कहा कि सरपंचों के साथ मुख्यमंत्री के पास जाने वाले 9 ग्राम सचिवों को सस्पेंड करना गलत है। मुख्यमंत्री द्वारा सस्पेंड किऐ गऐ ग्राम सचिवों का प्रदेष के सभी सरपंच तब-तक साथ देते रहेगें जब तक उनको बहाल नहीं कर दिया जाता है। उन्होने कहा ग्राम सचिवांे को भत्ता के नाम पर 20 रूपया महिना दिया जाता है। जो ग्राम सचिवों के सम्मान के साथ भददा मजाक है। उन्होने सरकार से मांग करते हुऐ कहा कि ग्राम सचिवों को ग्रेड 1900 से बढकर 2400 किया जाऐ वहीं सरपंचों को वेतन, भत्ता बढया जाऐ।

इस मौके पर साबिर सरपंच मालब, अजीज सरपंच, तालीम सरपंच, नसरू कोंतलाका सरंपच, फजल सरंपच बाबूपुर, राहुल सरपंच, आरिस सरपंच, वसीम नलहड, मंकेष सरपंच सहित काफी सरपंच मौजूद थे।

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