मोटे ब्याज का लालच देकर सैकड़ों लोगों को करोड़ों का चेपा लगा दिया
गुरुग्राम के न्यूकॉलोनी इळाके का मामला
आरोपी त्रिभुवन प्रणामी को रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ की तैयारी में गुरुग्राम पुलिस
गुरुग्राम : बैंक धोखा दे सकता है लेकिन परनामी नहीं…. जी हां.. यह वही जुमला है जिसके सहारे लोगों में विश्वास पैदाकर एक शातिर दिमाग व्यक्ति ने सैकड़ों लोगों को करोड़ों का चेपा लगा दिया और अब पुलिस की गिरफ्त में है। इस शख्स का नाम त्रिभुवन परनामी है जिसने मोटे ब्याज देने की गारंटी का लालच देकर सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। दिल्ली- एनसीआर मुंबई और जयपुर जैसे कई शहरों में ठगी का गोरखधंधा चलाने वाला ये आरोपी त्रिभुवन परनामी बैंक से ज्यादा ब्याज देने का वायदा कर लोगों से अपनी कंपनी में इंवेस्ट कराता था। पुलिस की माने तो ये आरोपी अबतक करीब दो सौ लोगों से डेढ़ सौ करोड़ के आस पास की रकम ले चूका है। फिलहाल पुलिस इस आरोपी को रिमांड पर लेकर गहन पूछताछ करने की तैयारी में है।
गुरुग्राम पुलिस के पीआरओ रविन्द्र कुमार के अनुसार साइबरसिटी गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर संदीप खिरवार को अमित नाम के एक शख्स ने लिखित शिकायत देकर अपने साथ हुई ठगी की जानकारी दी थी। पुलिस ने मामले की गहन तफ्तीश की तो पता चला कि आरोपी त्रिभुवन प्रणामी कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है ।जांच में परत दर परत चौकाने वाले तथ्य सामने आए। तथ्यों के आधार पर पुलिस ने आऱोपी के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरु की। उन्होंने बताया कि पुलिस की आरंभिक जांच में दो सौ करोड़ से ज्यादा के फ्रॉड के संकेत मिले हैं। फिलहाल पुलिस सभी शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर रही है ताकी लोगों के साथ हुए फ्रॉड के खेल का सही खुालासा हो सके।
गौरतलब है कि मोटे ब्याज के लालच में अपनी गाढ़ी कमाई को अब तक सैकड़ों लोग गवां चुके हैं। यह शख्स कम समय में अधिक ब्याज पाने की लालसा रखने वाले लोगों को अपना निशाना बनाता था। इस आरोपी के मायाजाल में फंस कर कई लोगों की गाढ़ी कमाई खाक में मिल चुकी है। कई लोग लालच की वजह से घर से बेघर हो गए है क्योंकि उन्होंने अपने घर बेच कर भी इनके झनस में आकर लैस ब्याज ले लेगा दिए और अब दर दर की ठोकरें कहा रहे हैं। पुलिस की सख्ती के बाद ये आरोपी पुलिस की पकड़ में आया है ।
बताया जाता है कि इस खेल में कई और लोग शामिल हैं जिन पर शिकंजा कसने की कोशिश में पुलिस जुटी हुई है । अपना सब कुछ गवां चुके इन सैकड़ों लोगों को अब अपने पैसे मिलने का इंतजार है जो सम्भव है दर्जनों साल के इंताजर के बाद भी मिलने की संभावना क्षीण है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के मामले अदालतों में काफी लंबे चलते हैं। मामले में आरोपी से रिकवरी पर बहुत कुछ निर्भर करेगा।दूसरा पहलू यह भी है कि अगर उसकी कामनी रिज़र्व बैंक से अनुमति प्राप्त नही है तो उनके निवेश भी गैरकानूनी है। इसलिए न्याय की आस में उन्हें वर्षों इंतजार करना पड़ेगा।