हरियाणा में देशी शराब का न्यूनतम खुदरा मूल्य 140 रुपये प्रति बोतल

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चंडीगढ़, 5 मार्च :  हरियाणा में देशी शराब का न्यूनतम खुदरा मूल्य 140 रुपये प्रति बोतल निर्धारित किया गया है और सभी खुदरा लाइसेंसधारकों के लिए शराब की बिक्री के लिए बिल जारी करने को अनिवार्य किया गया है।

श्री कौशल ने आज यहां हरियाणा की आबकारी नीति की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी। श्री कौशल ने आज देशी शराब (सीएल) और भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) का मूल कोटा 950 लाख प्रुफ लीटर से बढ़ाकर 1000 लाख प्रुफ लीटर और भारत में बनी विदेशी शराब (आईएमएफएल) का मूल कोटा 550 लाख प्रुफ लीटर से बढ़ाकर 600 लाख प्रुफ लीटर करने के साथ वर्ष 2018-19 के लिए राज्य की आबकारी नीति घोषित की।

उन्होंने कहा कि बहरहाल, सीएल और आईएमएफएल के खुदरा आउट्लेट्स की संख्या वर्ष 2017-18 के अनुसार ही रहेगी। उन्होंने कहा कि सीएल पर निर्यात शुल्क 1.5 से कम करके 0.50 किया गया है।

श्री कौशल ने कहा कि नई नीति के तहत लाइसेंस धारक को उसके सीएल कोटे को उसके सीएल कोटे का अधिकतम 10 प्रतिशत आईएमएफएल कोटे में परिवर्तित करने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि सीएल पर इस वर्ष आबकारी शुल्क 28 रुपये से बढ़ाकर 44 रुपये प्रति पीएल किया गया है, जबकि आईएमएफएल पर इसे 44-200 रुपये प्रति पीएल से बढ़ाकर 49-210 रुपये प्रति पीएल किया गया है। उन्होंने कहा कि बहरहाल, एल-4 और एल-5 की स्वीकृति वाले रेस्टोरेंट्स और तीन स्टार रेटिंग के या इससे अधिक की रेटिंग के होटलों में बार लाइसेंस की वार्षिक फीस में कोई वृद्घि नहीं की गई है।

उन्होंने बताया कि आवंटन के उद्देश्य के लिए जोन में अधिकतम छ: रिटेल आउटलेट्स होंगे जिन्हें भारतीय निर्मित विदेशी शराब/देशी शराब की संयुक्त रूप से या केवल भारतीय निर्मित विदेशी शराब अथवा केवल देशी शराब की अधिकतम 6 दुकानें खोलने की स्वतंत्रता होगी। उप-दुकानों पर नीति भी मोटे तौर पर पिछले वर्ष के समान रहेगी। उन्होंने बताया कि जोनों का आबंटन ई-निविदा के द्वारा किया जाएगा। गोल्फ़ क्लबों और अन्य श्रेणियों को बार लाइसेंस प्रदान करने संबंधी शर्त में ढील दी गई है ताकि उन्हें प्रदेश में कहीं पर भी खोलने की अनुमति दी जा सके। उन्होंने बताया कि जापानी कंपनी के अनुरोध पर, आईएमटी मानेसर में पब लाइसेंसों की अनुमति होगी।
उन्होंने बताया कि एक संस्थागत उपाय के रूप में देशी शराब के लिए कांच की बोतलों का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए डिस्टिलरियों द्वारा 20 प्रतिशत कोटा कांच की बोतलों में उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, एल-2 और एल-14 ए के आवेदकों के लिए आधार कार्ड नंबर को अनिवार्य किया गया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीएल और आईएमएफएल या बीयर की प्रत्येक बोतल की बिक्री पर 1 रुपया प्रति बोतल का खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाएगा, जबकि बीयर, सीएल और आईएमएफएल की प्रत्येक बोतल की बिक्री पर क्रमश: 3 रुपये, 5 रुपये और 7 रुपये ग्रामीण क्षेत्रों में विकास गतिविधियों के लिए पंचायती राज संस्थाओं को हस्तानांतरित किया जाएगा। पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला समितियों के लिए 70:20:10 के अनुपात में इस फंड का वितरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त लोगों के हितों को ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि बैक्विट हॉल जैसे वाणिज्यक स्थलों पर समारोहों के दौरान एक दिन के समारोह के लिए शराब सर्व करने का लाइसेंस ऑनलाइन दिया जाएगा।

इस अवसर पर आबकारी एवं कराधान आयुक्त श्रीमती आशिमा बराड़ भी उपस्थित थी।

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