कर्मचारियों के शिष्टमंडल ने केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रोष प्रकट किया
सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
नई दिल्ली : एजीएमयूटी संवर्ग भारतीय प्रशासनिक सेवा महासंघ, दिल्ली प्रशासनिक अधीनस्थ सेवा (डीएसएस), दानिक्स अधिकारी महासंघ, दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), अभियंता तथा दिल्ली सरकारी कर्मचारी कल्याण महासंघ के एक शिष्टमंडल ने केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डीओएनईआर), राज्य मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय, लोक शिकायत एवं पेंशन, आणविक ऊर्जा एवं अंतरिक्ष डॉ जितेंद्र सिंह से आज यहां मुलाकात की। शिष्टमंडल का नेतृत्व सुश्री मनीषा सक्सैना, एजीएमयूटी संवर्ग भारतीय प्रशासनिक सेवा महासंघ ने किया।
मुलाकात के दौरान शिष्टमंडल ने 20 फरवरी, 2018 को दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित मार-पीट तथा दुर्व्यवहार की घटना पर गहरा रोष व्यक्त किया। सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के भारतीय प्रशासनिक सेवा महासंघ तथा भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय राजस्व सेवा, भारतीय वन सेवा जैसी अन्य सेवाओं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के विभिन्न अधिकारियों/कर्मचारियों के महासंघों द्वारा पारित प्रस्ताव भी मंत्री को प्रस्तुत किए।
मुलाकात के दौरान शिष्टमंडल ने निवेदन किया कि वे अपने कार्य का निर्वाह करते समय किसी के द्वारा भी किसी सरकारी अधिकारी पर किए गए आक्रमण की कड़ी भ्रर्त्सना करते हैं। शिष्टमंडल के प्रतिनिधियों ने कहा कि किसी अधिकारी के साथ शारीरिक अथवा मौखिक आक्रमण की कोई भी घटना उनकी शारीरिक सुरक्षा से समझौता है तथा उनको निरूत्साहित करती है तथा उनके कार्य के लिए एक सम्मानजनक वातावरण अनिवार्य है। शिष्टमंडल ने ऐसी ही पूर्व में घटित घटनाओं का भी उल्लेख किया जिसमें पहले भी अधिकारियों पर हमले किए गए थे। उन्होंने कहा कि इससे अधिकारियों का मनोबल गिरता है और उन्हें जबरन स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ती है अथवा ऐसे व्यवहार के कारण वे स्थानांतरण की मांग करते हैं। शिष्टमंडल ने मांग की कि प्रशासन में काम करने के दौरान स्पष्ट मार्ग निर्देश होने चाहिए।
इसके जवाब में डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सभी अधिकारियों के लिए सुरक्षा तथा सम्मानजनक कार्य वातावरण की व्यवस्था करना सरकार का कर्तव्य है ताकि यह अधिकारी अपनी योग्यता का बिना किसी डर के श्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि कार्मिक तथा प्रशिक्षण विभाग की यह जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि नौकरशाह और अधिकारियों से सम्मानजनक तरीके से पेश आया जाए और उन्हें कार्यानुकूल वातावरण प्राप्त हो। मंत्री ने आश्वासन दिया कि अधिकारियों द्वारा दिए गए प्रस्ताव में उठाए गए मुद्दों पर सम्बंधित प्राधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव शिष्टमंडल के सदस्यों से मिलेंगें तथा विचार-विमर्श करेंगे कि किस प्रकार मार्गनिर्देशों का बेहतर अनुपालन किया जाता है तथा ऐसे प्रावधान शामिल किए जाते हैं कि अधिकारियों के लिए काम करने का माहौल सुरक्षित एंव सम्मानजनक हो।