मेवात कंजूमर कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैंसला

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: इंसोरेंस कंपनी को साडे 9 लाख रूपये अदा करने के लिए आदेश

: सडक हादसे के बाद डंफर जलने का मुआवजा कंपनी ने देने से मना कर दिया था

यूनुस अलवी

 
मेवात । मेवात की कंजूमर कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैंसला सुनाते हुऐ इंसोरेंस कंपनी को साडे 9 लाख रूपये अदा करने के आदेश दिऐ हैं। दो महिने के अंदर पैसे अदा ना करने पर 18 फीसदी ब्याज भी लगेगा। उपभोक्ता अदालत के फैंसले से जहां पीडित खुश है वहीं लोगों का अदालत के प्रति भी विश्वास बढा है।
   पीडित के वकील अबदुल रहमान ने बताया कि उनके मुवक्किल अंजुम ने एक 6 टायरों का डंफर वर्ष 2011 में खरीदा था। वह हर साल अपना इंसोरेंस कराता रहा। वर्ष 2015 में नूंह अलवर रोड पर आकेडा पुलिस चौकी के नजदीक एक सडक हादसे में डंफर को आग लग गई थी। नेश्रल इंसोरेंस कंपनी को इसकी जानकारी दी गई। जहां सर्वेयर ने कई प्वाईटों पर ऑब्जेक्शन लगा दिया। डंफर मालिक ने उसका साडे 9 लाख रूपये का कंपनी से इंसोरेंस कराया था। इंसोरेंस कंपनी ने कहा कि आग ड्राईवर की कमी के कारण लगी है इस वजह से वह पूरा पैसा नहीं दे सके। इस वजह से कंपनी ने पीडित को केवल दो लाख 52 हजार रूपये देने की बात कही जिसको पीडित अंजुम ने लेने से मना कर दिया। इसके बाद पीडित अंजुम ने इसकी कंपनी के उच्च अधिकारियों से शिकायत की लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया।
  आखिकार पीडित अंजुम को जब कहीं से इंसाफ नहीं मिला तो उसने 11 मार्च 2016 को मेवात कंजूमर कोर्ट में मामला डाल दिया। करीब एक साल 10 महिने तक चली कार्रवाई में कंपनी और पीडित ने अपने-अपने पक्ष रखे। जिसमें पीडित के पक्षों को अदालत ने मजबूत मानते हुऐ दो दिन पहले दिऐ अपने फैंसले में इंसोरेंस कंपनी को दो महिने के अंंदर साडे नो लाख रूपये अदा करने के आदेश दिऐ हैं। दो महिने में पैसे ना देने पर 18 फीसदी ब्याज लगाने के भी आदेश दिए हैं।
   डंफर मालिक द्वारा इंसोरेंस कंपनी से साडे नो लाख रूपये का इंसोंरेस कराया था। अदालत ने पूरा इंसोरेंस तो मंजूर किया है साथ ही डंफर के जलने के बाद बजे स्ग्रेप की कीमत एक लाख मानी है और 5 हजार रूपये पीडित के दूसरे खर्चे माने हैं। इसलिए अदालत ने 60 दिन के अंदर कुल 8 लाख 44 हजार रूपये अदा करने के आदेश दिए हैं।
 
क्या कहता है पीडित
 
पीडित अंजुम का कहना है कि वह चारों तरफ से हार थक गया था, उसे कंजूमर कोर्ट के बारे में इतनी जानकारी नहीं थी कि यहां से भी उसे इंसाफ मिल सकता है। आज अदालत ने फैंसला सुनाया है उससे वह काफी खुश ही नहीं बल्कि कंजूमर कोर्ट के प्रति उसका विश्वास भी बढा है। 
 
क्या कहते हैं कंजूमर कोर्ट के अध्यक्ष
 
कंजूमर कोर्ट मेवात के अध्यक्ष राजबीर सिंह दहिया का कहना है कि मेवात के लोगों में कंजूमर कोर्ट के प्रति अभी जागरूकता नही है। उनकी अदालत में मात्र दो दर्जन के आस-पास ही मामले हैं जबकि प्रदेश के अन्यें जिलों की कंजूमर कोर्ट में हजारों मामले हैं। उन्होने लोगों से आहवान किया है कि किसी भी आदमी के साथ ऐसी ज्यादती होती है तो वे बिना झिझक अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। यहां कैस डालने पर कोई खर्चा भी नहीं लगता है और लोगों को जल्द इंसाफ मिलता है।

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