हरियाणा राज्य महिला आयोग में विधवाओं के लिए अलग सेल : मनोहर लाल

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सीएम ने की विधवा पेंशन में 200 रु की वृद्धि की घोषणा 
 
हरियाणा राज्य महिला आयोग में विधवाओं के लिए अलग सेल : मनोहर लाल 2गुरुग्राम, 28 नवंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने हरियाणा राज्य महिला आयोग में विधवाओं के लिए अलग सैल बनाने की घोषणा के साथ आने वाली एक जनवरी से विधवाओं की मासिक पेंशन 1600 रूपए से बढाकर 1800 रूपए तथा एक जनवरी 2019 से 2000 रूपए करने की घोषणा की। 
श्री मनोहर लाल गुरुग्राम के होटल लीला अंबियंस में लुंबा फाउंडेशन की स्थापना की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने लुंबा फाउंडेशन द्वारा विधवा महिलाओं के कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि लार्ड लुंबा ने अपनी विधवा मां की परेशानियों को देखते हुए उनकी स्मृति में इस  फाउंडेशन की स्थापना सन् 1997 में की थी। उन्होंने कहा कि भारत में विश्व की सबसे ज्यादा लगभग 4 करोड़ 60 लाख विधवा महिलाओं की संख्या है और समाज को वापिस लौटाने की दिशा में लुंबा फाउंडेशन द्वारा इन महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।
राज्य सरकार की महिलाओं व विधवा कल्याण के प्रति कटिबद्धता दर्शाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में लगभग 6 लाख विधवाओं को हर महीने 1600 रूपए प्रति महिला की पेंशन दी जा रही है जो भारत के राज्यों में सर्वाधिक है। इसके अलावा, उन्हें 21 वर्ष से कम आयु के दो बच्चों की शिक्षा के लिए 700 रूपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता भी दी जा रही है। 
विधवाओं को संबल देने के लिए हरियाणा में गत 21 नवंबर को हुई कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक फैसले किए गए जिसमें निर्णय लिया गया कि हरियाणा राज्य चयन आयोग द्वारा की जाने वाली भर्तियों में विधवा उम्मीदवार को 5 प्रतिशत अंको का लाभ दिया जाएगा। इसी प्रकार का लाभ उन बच्चों को भी मिलेगा जिनके पिता की मृत्यु उनके 15 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले हो गई थी। इस फैंसले से विधवाओं और पिता को खो चुके बच्चों को नौकरी प्राप्त करने में मदद मिलेगी। अब तक इस प्रकार का लाभ प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा आंगनबाड़ी हैल्परों को मिल रहा था। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वर्तमान भाजपा सरकार ने अक्तुबर 2014 में कार्यभार संभाला तब प्रदेश में केवल एक ही महिला थाना था परंतु अब प्रदेश के सभी 22 जिलों में महिला थाने खोले जा चुके हैं। इनसे महिलाओं विशेषकर विधवाओं को आपराधिक मामलों में पुलिस की आसानी से मदद मिल पाएगी। श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में युद्ध और आतंकवादी घटनाओं में शहीद हुए व्यक्तियों के आश्रितों को नौकरी देने की नीति बनाई गई है। उन्होने बताया कि पिछले तीन वर्षों में सरकार द्वारा इस नीति के अंतर्गत शहीदों के 116 आश्रितों को रोजगार दिया गया जिनमें  31 विधवा, 27 पुत्रियां तथा 89 पुत्र शामिल हैं। 
उन्होंने बताया कि इसी महीने की पहली तारीख से राज्य सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिको की विधवाओं की पेंशन 4 हजार रूपए मासिक से बढाकर 10 हजार रूपए मासिक कर दी है। इससे हरियाणा की लगभग 5 हजार विधवाओं को लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इसी महीने की पहली तारीख से सरकार ने 1957 के हिंदी आंदोलन के प्रतिभागियों तथा उनकी विधवाओं के लिए 10 हजार रूपए मासिक पेंशन का प्रावधान किया है। इसी आंदोलन की वजह से 1966 में हरियाणा एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था। उन्होंने यह भी कहा कि वरिष्ठ पत्रकारों तथा उनकी विधवाओं और आपातकाल में यातनाएं सह चुके व्यक्तियों व उनकी विधवाओं को भी 10 हजार रूपए मासिक पेंशन दी जाएगी। 
इससे पहले इग्लैंड की पूर्व प्रथम महिला एवं द लुंबा फाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमति चैरी ब्लेयर ने स्वागत करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन फाउंडेशन की स्थापना की 20वीं वर्षगांठ मनाने तथा रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन के साथ सांझेदारी से एक नई परियोजना शुरू करने के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि नई परियोजना के अंतर्गत भारत के 30 राज्यों में प्रत्येक में एक हजार विधवाओं को टेलरिंग, सिलाई, हेयर एण्ड स्टाईल आदि के क्षेत्रों में 3 से 6 महीने का प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त किया जाएगा तथा गरीब विधवाओं के दो हजार बच्चों को शिक्षा दिलवाने में सहयोग दिया जाएगा। 
इस अवसर पर लुंबा फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष लार्ड राज लुंबा, फाउंडेशन की ट्रस्टी वीणा लेडी लुंबा, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री विजय सांपला, फाउंडेशन के संरक्षक संजीव खन्ना, ट्रस्टी अरूणा अभय ओसवाल, बलबीर सिंह कक्कड़, हरजीव सिंह, इंडियन डायसपोरा क्लब के संस्थापक रजत कपूर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 

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