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एसजीटी विश्वविद्यालय में सायनर्जी-2017 का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने कहा, हरियाणा को दिशा देने में शिक्षा क्षेत्र का बड़ा योगदान
विश्वविद्यालय से मनुष्य निर्माण में योगदान देने का आह्वान
सरकार सहयोग दे तो एसजीटी युनिवर्सिटी देश के पहले 10 विश्वविद्यालयों में होगा : राम बहादुर राय
गुरुग्राम, 09 नवंबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय तथा शिक्षण संस्थान मनुष्य निर्माण में अपना योगदान दें क्योंकि मनुष्य निर्माण नहीं हुआ तो विकास का कोई मायना नहीं है। वे आज गुरुग्राम जिला के एसजीटी विश्वविद्यालय में सायनर्जी-2017 के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ पर आधारित मां और बेटी के स्टैच्यु का अनावरण किया और केक काटा। उन्होंने सायनर्जी-2017 के तहत लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
इस मौके पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सन 2030 में कैसा हो, यह विजऩ लेकर हम चल रहे हैं और इसके लिए हमने शिक्षाविदो, समाज शास्त्रियों आदि से सुझाव भी आमंत्रित किए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा को दिशा देने में शिक्षा क्षेत्र का बड़ा योगदान है। इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजैक्ट पूरे होने और सडक़े आदि बनने को ही लोग विकास मान लेते हैं लेकिन यह तो फिजिकल अथवा भौतिक विकास है। उन्होंने कहा कि मनुष्य निर्माण नहीं हुआ तो इस विकास का कोई मायना नहीं है। मनुष्य, जिसे इस भौतिक विकास की चीजों को आगे लेकर जाना है, उसका विकास होना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में 47 विश्वविद्यालय हैं जिनमें से 11 सरकारी तथा 36 प्राईवेट हैं। एसजीटी विश्वविद्यालय का वातावरण अच्छा है और यहां पर लगभग 5 हजार विद्यार्थी शिक्षारत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी, जिन्होंने देश के लिए अपने बच्चों और पिता का बलिदान दिया था, उनके नाम पर बना यह एसजीटी विश्वविद्यालय विद्यािर्थयों में ऐसी भावना पैदा करे कि वे समाज को आगे बढाने में रूचि लें। उन्होंने कहा कि अब थ्री आर अर्थात् रीडिंग, राईटिंग और अर्थमैटिक की शिक्षा से ही काम नहीं चलेगा क्योंकि विशुद्ध रूप से करियरिष्ट व्यक्ति के मन में समाज को कुछ देने की भावना नहीं आती। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें मल्टीफेरियस पाठ्यक्रम तैयार करना पड़ेगा जिससे कि हमारे युवाओं में देश-प्रदेश की उन्नति में योगदान देने की जागृत आए और उनके मन में भावना हो कि हमे समाज को कुछ देना है। उन्होंने कहा कि यदि एसजीटी विश्वविद्यालय इस दिशा में काम करेगा तो उसमें सरकार की ओर से विश्वविद्यालय को पूरा सहयोग मिलेगा।
सायनर्जी-2017 में लगाई गई प्रदर्शनी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों ने नए-नए मॉडल प्रदर्शित कर रखे थे जिनको देखकर आंखे खुली रह गई। उन्होंने कहा कि वैसे तो कहा जाता है कि ‘नैसेसिटी ईज मदर ऑफ इन्वेन्शन’ परंतु उनके हिसाब से ‘साईंस ईंज मदर ऑफ इंवेन्शन’ क्योंकि साईंस अर्थात् विज्ञान से ही नए-नए आविष्कार होते हैं।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में शिक्षा के माध्यम से जागृति आती है और जागृति से उनमें रूचि पैदा होती है कि मुझे पढना है। कुछ विद्यार्थियों में देश व प्रदेश को आगे ले जाने की जागृति भी आती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में पहले नौकरियां सिफारिश या रिश्वत से मिलती थी और जो व्यक्ति पहले ही इंवैस्टमेंट करके आएगा, वह पहले अपनी इंन्वैस्टमेंट को पूरा करेगा। यह पूर्ति तनख्वा से नहीं बल्कि ऊपर से यानि भ्रष्टाचार से करने की चेष्ठा करेगा। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए वर्तमान राज्य सरकार ने नौकरी योग्यता के आधार पर देना तय किया और एचसीएस, डाक्टर, इंजीनियर, अध्यापकों आदि की भर्तियां मैरिट पर हुई जिससे बच्चे कोचिंग लेने लगे क्योंकि उनमें यह जागृति आई है कि अब पढने से ही नौकरी मिल सकती है।
इससे पहले मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए एसजीटी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पदमश्री राम बहादुर राय ने कहा कि सन 2030 तक भारत में युवाओं की संख्या 14 करोड़ होने की संभावना है। इन युवाओं को देश के विकास में जोडऩे के लिए एसजीटी विश्वविद्यालय अपना योगदान देना चाहता है परंतु इस कार्य में अधिकारियों का कोई अनावश्यक दखल ना हो। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा, विज्ञान, तकनीकि शिक्षा, मैडिकल आदि की शिक्षा सहित जितने भी आयाम हैं उन सभी आयामों पर विश्वविद्यालय काम कर रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि हरियाणा बनने के बाद प्रदेश को मनोहर लाल के रूप में ऐसे मुख्यमंत्री मिले हैं जो ईमानदार और कर्मठ भी हैं, जिस बात को ठान लेते हैं उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। उन्होंने कहा कि इस युनिवर्सिटी को खड़ा होने में नीतिगत स्तर पर प्रदेश सरकार सहयोग दे तो यह युनिवर्सिटी देश के पहले 10 विश्वविद्यालयों में होगा। उन्होंने माईक्रोसॉफट कंपनी के सीईओ सत्या नडेला के साक्षात्कार का भी उल्लेख किया जिसमें वे इन्फोरमेशन और इंस्पिरेशन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह विश्वविद्यालय इन दोनो क्षेत्रों के लिए प्रयोग स्थली है।
विश्वविद्यालय के डीन डाक्टर एमएस संधुख् डाक्टर टीबी डोगरा ने भी उपस्थित जन समूह को संबोधित किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डाक्टर दलीप सिंह, दसमेश चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी मनमोहन चावला, चेयरपर्सन मधुप्रीत कौर चावला, गुरुग्राम मण्डल के आयुक्त डा. डी सुरेश, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार, पुलिस उपायुक्त समरदीप सिंह व सुमित कुमार, गुरुग्राम उतरी के एसडीएम भारत भूषण गोगिया, भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र चौहान सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।