हत्या, अपहरण सहित 55 मामले का आरोपी अखिलेश गुरुग्राम में गिरफ्तार, मुठभेड़ में घायल

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झारखंड का मोस्ट वांटेड गेगेस्टर है अखिलेश सिंह, 5 लाख का ईनाम

कई राज्यों में करोड़ों की संपत्ति  का मालिक है अखिलेश 

अखिलेश ने पुलिस अधिकारी, जज, जेलर, एवं व्यवसायी किसी को भी नहीं बख्शा

साथ में पत्नी भी गिरफ्तार, हथियार व ज़िंदा कारतूस भी बरामद 

कई आई डी , पेन कार्ड  व अन्य कागजात भी बरामद 

गुरुग्राम पुलिस क्राइम ब्रांच ने सुशांत लोक के आलिशान फ्लैट में दबोचा

गुरुग्राम पुलिस, अदालत में पेश कर पूछताछ के लिये रिमांड पर लेगी : संदीप खिरवार 

 

सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक 

हत्या, अपहरण सहित 55 मामले का आरोपी अखिलेश गुरुग्राम में गिरफ्तार, मुठभेड़ में घायल 2गुरुग्राम । कई राज्यों में सक्रिय झारखंड के खूंखार गैंगस्टर अखिलेश सिंह को पुलिस मुठभेड़ के बाद हरियाणा के गुड़गांव में गिरफ्तार कर लिया गया है . लगभग पांच दर्जन फिरौती, ह्त्या व अपहरण के मामले को अंजाम देने के इस आरोपी को पकड़ने में गुरुग्राम पुलिस की क्राइम ब्रांच की अहम् भूमिका रही. करोड़ों की अवैध संपत्ति के मालिक इस सजायाफ्ता अपराधी को झारखंड पुलिस से मिली सूचना एवं संकेत के आधार पर गुरुग्राम के एक गेस्ट हाउस में दबोचा जा सका. बेल जम्पर अखिलेश सिंह पर जमशेदपुर पुलिस की ओर से गिरफ्तारी की सूचना देने वालों के लिए 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। इसे गुरुग्राम पुलिस अदालत में पेश कर पूछताछ के लिये रिमांड पर लेगी.

गुरुग्राम पुलिस मुख्यालय में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ने बताया कि  जमशेदपुर पुलिस अखिलेश सिंह की गिरफ्तारी की कोशिश में जुटी थी. पुलिस को सूचना थी कि अखिलेश सिंह दिल्ली के असपास के शहरों में ही कहीं छिपा है क्योंकि पूर्व में की गयी जांच पड़ताल में यह जानकारी मिली थी कि दिल्ली एन सी आर के शहर नोएडा में इसके फ्लैट हैं जबकि गुडगाँव में भी इसकी संपत्ति होने की संभावना है. गुरुग्राम पुलिस को यहाँ की पाश कालोनी सुशांत लोक के एक आलीशान फ्लैट में उसके छिपे होने की सूचना मिली. गुरुग्राम पुलिस ने उस जगह दबिश देने के लिए एस आई राज कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया . झारखंड पुलिस और क्राइम ब्रांच गुरुग्राम ने संयुक्त रूप से मंगलवार देर रात डीएलएएफ इलाके में स्थित बी-520बी सुशांत लोक में छापामारी की। 

पुलिस आयुक्त के अनुसार पुलिस के वहां पहुंचते ही अखिलेश ने पुलिस पर गोलियां चला दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में दो फायर किये जिससे अखिलेश के पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया । श्री खिरवार के अनुसार घायल अवस्था में उसे गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। 

एक सवाल के जवाब में गुरुग्राम पुलिस आयुक्त ने खुलासा किया कि मुठभेड़ के बाद इसके पास से कई आई डी और अन्य कागजात मिले हैं जिसकी तफ्तीश जारी है. जब उनसे यह पूछा गया कि क्या यह गुरुग्राम अक्सर आता रहा है तो श्री खिरवार ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि गुरुग्राम एक बड़ा शहर है और यह उसका ट्रांजिट पॉइंट हो सकता है. इसकी जांच चल रही है. गुरुग्राम में फर्जी नाम लेकिन अपने सही फोटो के आधार पर एल पी जी कनेक्शन लेने के प्रश्न पर उनका कहना था कि इसकी भी जाँच चल रही है अभी पुष्टि नहीं हुई है. फरीदाबाद में दो गाड़ियाँ खरीदने के मामले पर उनका कहना था कि यह भी जाँच का विषय है जो उसके पास से बरामद कागजातों से पता चलेगा. 

जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी उस पर निशाना साधा : सुमित कुमार 

गुरुग्राम क्राइम ब्रांच के डीसीपी सुमित कुमार के अनुसार उसके साथ उसकी पत्नी मौजूद थी. जब पुलिस ने दबिश दी तो उसकी पत्नी ने एस आई राजकुमार से उनकी सर्विस रिवाल्वर छीनने की कोशिश की और अपने पति को बचाने का प्रयास किया. पुलिस अपने साथ अखिलेश की फोटो भी ले गयी थी जिससे उसकी पहचान हो सकी. जब उसे पुलिस के आने का अन्देशा हुआ तभी भागने की फिराक में उसने पुलिस पार्टी पर गोली चला दी और जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी उस पर निशाना साधा जिसमें उसे दो गोलियां लगी हैं. उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.  

मनी लौन्डरिंग में भी शामिल होने के संकेत मिले हैं : अनूप टी मेथ्यु 

 प्रेस वार्ता में मौजूद जमशेदपुर के एस एस पी अनूप टी मेथ्यु ने बताया कि अखिलेश ने पुलिस अधिकारी, जज, जेलर, एवं व्यवसायी किसी को भी नहीं बख्शा है. जो भी इसके रास्ते में आया उसकी आवाज हमेशा के लिए समाप्त करने की कोशिश की और अब तक 56 से  अधिक हत्या अपहरण एवं अन्य संगीन वारदात को अंजाम दे चुका है.  

एस एस पी अनूप टी मेथ्यु के अनुसार अखिलेश के गैंग में 50 से अधिक आपराधी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इसका पिता झारखण्ड पुलिस में एस आई था और एक साधारण पुलिस अधिकारी के बेटे के पास अकूत संपत्ति है जो इसने अवैध तरीके से बनाई है. जमशेदपुर पुलिस इसकी जाँच कर रही है. उनके अनुसार इसके खिलाफ मनी लौन्डरिंग में भी शामिल होने के संकेत मिले हैं. इस पर कार्रवाई के लिए ई डी को छह माह पूर्व लिखा गया है. जांच में पता चला है कि इसके पास 17 पेन कार्ड और 14 वोटर आई कार्ड हैं. मजे की बात यह है कि ये सभी अलग अलग नाम से हैं लेकिन सबमे फोटो अखिलेश सिंह की ही है. अपनी पत्नी का नाम बदल बदल कर संपत्ति खरीद की है. जाँच में पता चला है कि जबलपुर व हैदराबाद जैसे शहरों में करोड़ों की संपत्ति है. 

जमशेदपुर में एक जेलर की हत्या के बाद चर्चा में आया

उनके अनुसार यह वर्ष 2001 से अपराध जगत में स्थापित हो गया था . अखिलेश सिंह का नाम जमशेदपुर में एक जेलर की हत्या के बाद चर्चा में आया था। तब अखिलेश सिंह ने उस वक्त जेलर की हत्या कर दी थी, जिस दिन जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में भारत-वेस्ट इंडीज का मैच चल रहा था। इस घटना के बाद वह अपराध की दुनिया के बेताज बादशाह बन बैठा और हत्या व अपहरण की घटनाओं का मास्टर माइंड बन बैठा. इसने जमशेदपुर में कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कई साल तक जेल में रहने के बाद वह जमानत पर छूटा और उसी दौरान इसने कोर्ट परिसर में ही दो मर्डर कर दिए. इससे इसकी जमानत हाई कोर्ट ने रद्द कर दी और तभी से यह फरार था. हत्या के मामले में इसे उम्र कैद की सजा हुई थी जो अब भी बरकरार है. 

इसकी काली कमाई का खुलासा करते हुए श्री मेथ्यु ने बताया कि जमशेदपुर में स्टील प्लांट से निकलने वाले स्क्रैप पर प्रत्येक व्यापारी से यह प्रति टन 100 रु रंगदारी टैक्स वसूलता है. इससे प्रत्येक माह यह 50 लाख से एक करोड़ तक की अवैध उगाही कर लेता है और इसी से इसने अकूत संपत्ति खड़ी कर ली है. 

अखिलेश द्वारा अंजाम दिए गए वारदात : 

– 2 नवंबर 2007 को साकची आम बागान के पास श्री लेदर्स के मालिक आशीष डे की हत्या कर दी 

– 15 मार्च 2008 को साकची में रवि चौरसिया पर फायरिंग की 

– 20 मार्च 2008 को साकची में पूर्व जज आरपी रवि पर फायरिंग की 

– 16 मई 2008 को साकची में श्रीलेदर्स के मालिक आशीष डे के घर पर फायरिंग की 

– 25 जुलाई  बिष्टुपुर में कांग्रेसी नेता नट्‌टू झा के कार्यालय पर गोली चली 

– 17 अगस्त 2008- बर्मामाइंस में अपराधी परमजीत सिंह के भाई सत्येंद्र सिंह की ससुराल में फायरिंग

– 28 अगस्त 2008- साकची में ठेकेदार रंजीत सिंह पर फायरिंग

– 17 सितंबर 2008- एमजीएम अस्पताल मोड़ पर बंदी परमजीत सिंह पर फायरिंग

– 4 अक्टूबर 2008-बिष्टुपुर में बाग-ए-जमशेद के पास टाटा स्टील के सुरक्षा अधिकारी जयराम सिंह की हत्या

– 2008- बिष्टुपुर में कीनन स्टेडियम के पास ट्रांसपोर्टर अशोक शर्मा की हत्या

 

बताया जाता है कि पिछले माह अखिलेश सिंह के पिता चंद्रगुप्त सिंह के उपर भी दो अपराधियों ने फायरिंग की थी। फायरिंग की घटना तब हुई थी, जब वह अपने घर के बाहर कुछ लोगों के साथ बैठे थे। फायरिंग में चंद्रगुप्त सिंह के करीबी को गोली लगी थी। चंद्रगुप्त सिंह झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. कहा जा रहा है कि रिटायर होने के बाद वह राजनीति में सक्रिय हैं लेकिन अभी तक के साक्ष्य के आधार पर एस एस पी मेथ्यु के अनुसार इसका किसी राजनेता से कोई सम्बन्ध होने की पुष्टि नहीं हुई है. 

एस एस पी के अनुसार जेलर उमाशंकर पांडेय हत्याकांड में अखिलेश को आजीवन कारावास की सजा हुई है। वह सशर्त जमानत पर जेल से छूटा और दो हत्या में उसका नाम आया। कोर्ट परिसर स्थित बार भवन में झामुमो नेता उपेंद्र सिंह की हत्या हो गई। इसके एक सप्ताह बाद उपेंद्र के सहयोगी अमित राय की हत्या सोनारी शिवगंगा अपार्टमेंट स्थित घर के पास ही कर दी गई। तभी से यह फरार है. 

इस पर कोर्ट में 36 मामले चल रहे हैं। जेलर उमाशंकर पांडेय और दरोगा अरविंद सिंह मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कई मामले में वह बरी हो गया है।

 

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