उपायुक्तों की अध्यक्षता में इन्फ्रोरसमेंट कमेटी का गठन
चण्डीगढ़, 20 सितंबर : हरियाणा के मुख्य सचिव डी.एस.ढेसी ने कहा कि प्रदेश की बॉयोमास पॉलिसी बनाई जा रही है और इसे शीघ्र लागू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने प्रदेश के सभी उपायुक्तों, कृषि व किसान कल्याण विभाग, पर्यावरण व प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के सम्बंधित अधिकारों को चालू खरीफ मौसम के दौरान पराली व धान के अवेशषों को न जलाने के प्रति लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए विशेष अभियान चलाने तथा अवशेष जलाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध दृढ़ता से निपटने के निर्देश भी दिए हैं।
श्री डी.एस.ढेसी आज यहां विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित एक बैठक में प्रदेश के उपायुक्तों तथा कृषि व किसान कल्याण विभाग, पर्यावरण व प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड, खाद्य एवं आपूर्ति, पशुपालन एवं डेरी तथा राजस्व विभाग के जिला अधिकारियों को पर्यावरण बनाए रखने व प्रदुषण पर नियंत्रण करने के लिए पहले से ही सक्रिय होने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में जिला स्तर पर उपायुक्तों की अध्यक्षता में इन्फ्रोरसमेंट कमेटी का गठन किया गया है, जो सभी सम्बंधित विभागों के साथ मिलकर जिला कार्य योजना तैयार करके उस पर कार्य करेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि जो पचायतें अपने-अपने क्षेत्रों में पराली व धान के अवशेष न जलाने का वादा करेंगी, उन्हें पर्यावरण विभाग से अवार्ड दिया जाएगा।
बैठक में पर्यावरण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खण्डेलवाल, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राम निवास, कृषि व किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री अभिलक्ष लिखी के अलावा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव डी.एस.ढेसी ने कहा कि अक्तूबर मास में अनेक त्यौहारों के मद्देनजर प्रदुषण नियंत्रण पर विशेष ध्यान दिया जाए। दिवाली एवं दशहरे के त्यौहारों को पटाखा रहित मनाने के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग के माध्यम से जागरुकता अभियान ब्लॉक अनुसार चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत आमजन को जागरूक किया जाएगा। दीवाली पर पटाखों के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पहले ही आ चुकी है। इसके अतिरिक्त, उन्हें सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरसक 21 सितम्बर से प्रदुषण के सम्बंध में अपनी सैटेलाइट रिपोर्ट देना आरम्भ कर देगी।
उन्होंने निर्देश दिए कि हरियाणा में पराली व धान के अवशेषों को जलाने पर दृढ़ता से अंकुश लगाया जाए। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में लोगों को धान के अवशेष न जलाने के प्रति जागरूक करने के लिए पहली बार ग्राम पंचायतों के सरपंचों की मदद ली जाएगी और उन्हें इस सम्बन्ध में उत्तरदायी भी बनाया जाएगा। इसके अलावा, एडीओ, पटवारियों और ग्राम सचिवों को भी अपने-अपने क्षेत्रों के उत्तरदायी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों से पराली व धान के अवशेषों को जलाने के मामलों की रिपोर्ट करने में असफल रहने वाले एडीओ, पटवारियों और ग्राम सचिवों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि उपायुक्तों को यह भी निर्देश दिए कि पिछले तीन सालों से लगातार जिन गांवों से पराली व धान के अवशेषों को जलाने की रिपोर्ट लागातार प्राप्त हो रही हैं, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए और इनके आंकडें मुख्यालय को भेंजे जाएं। उन्होंने विशेष रूप से सिरसा, फतेहाबाद, जींद, करनाल जिलों के उपायुक्तों को समय-समय पर समीक्षा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि
कृषि व किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री अभिलक्ष लिखी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि लोगों को पराली व धान के अवशेषों को जलाने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में धान का क्षेत्र ज्यादा है उनमें पराली व धान के अवशेषों को सहेज कर रखा जाएगा और उसका प्रयोग गौशालाओं के पशुओं के चारे में किया जाए। इसके अतिरिक्त, हरेडा द्वारा बॉयोमास सम्बंधित परियोजना भी शुरू की जा रही है। इसके अतिरिक्त, इन अवशेषों को ईंट भट्टïों के लिए किस तरह से उपयोग किया जा सकता है, पर भी ध्यान दिया जाए।