पीएम मोदी में ट्रम्प को भी चुनौती देने की हिम्मत : सुषमा स्वराज

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राज्यसभा में विदेश मंत्री ने विपक्ष को तीखे शब्दबाणों से किया निरुत्तर 

पंडित नेहरु ने स्वयं का मान बढ़ाया था जबकि नरेन्द्र मोदी ने भारत का सम्मान बढ़ाया

कांग्रेस पार्टी की पूर्व सरकार को बताया आज की समस्याओं का जन्मदाता

 

सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक 

नई दिल्ली : भारत की विदेश नीति एवं सामरिक भागीदारों के साथ तालमेल विषय पर राज्यसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए विदेश मंत्री के तथ्यात्मक एवं तीखे शब्दबाणों से कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष निरुत्तर हो गया. उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरु ने अपनी विदेश नीति से विदेशों में केवल स्वयं का सम्मान बढ़ाया था जबकी वर्त्तमान प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत का  सम्मान बढ़ाया है. सुषमा स्वराज ने कहा कि विपक्ष ने चीन सहित सभी पड़ोसी देश एवं अमेरिका या रूस के बारे में भारत के रिश्ते को लेकर पूरी तरह भ्रामक व तथ्यहीन बातें रखीं हैं. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि चीन के साथ सभी विवादों का हल 1890 कन्वेंशन व तीन देशों के बीच 2012 में हुए अग्रीमेंट के आधार पर बातचीत से ही निकाला जाएगा.

 

राज्य सभा में लगभग साधे चार घंटे तक चली बहस में विदेश मंत्री ने विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा व अन्य पार्टियों के 16 सांसदों द्वारा उठाये गए सवालों का करारा  जवाब दिया. उन्होंने कुछ तथ्यों को सदन में रखते हुए कांग्रेस पार्टी को आज की समस्याओं का जन्मदाता बताया.

17 साल तक कोई भारतीय प्रधान मंत्री नेपाल की यात्रा पर नहीं गया

 

विदेश मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता ने चीन के मामले में अपरिपक्वता का परिचय देते हुए चीनी राजदूत से मुलाकत की जबकि होना यह चाहिए थे कि वे पहले भारत सरकार से बात कर पाने देश के पक्ष को जानने के बाद उसका प्रतिरोध जताने के लिए चीनी राजदूतो से मिलते. कांग्रेस पार्टी के इस कदम की तीव्र आलोचना करते हुए उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि नेपाल से सम्बन्ध खराब बताने वाले शायद यह भूल गए कि 17 साल तक कोई भी भारतीय प्रधान मंत्री नेपाल की यात्रा पर नहीं गया जिसमें 11 साल तक कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. वर्तमान पीएम नरेन्द्र मोदी तीन साल में दो बार नेपाल जा चुके हैं और पूर्व प्रधान मंत्री राजिव गाँधी के समय से ही नेपाल से ख़राब हुए संबंधो को पटरी पर लाने की कोशिश की गयी.

श्रीलंका के बंदरगाहों पर चीन का काम कांग्रेस सरकार के जमाने में शुरू हुआ 

श्रीमती स्वाराज ने कहा कि श्रीलंका के डम्बल व डोटा बंदरगाह पर चीन ने 2008 और 2011 में ही काम शुरू कर दिया था जिसमें 2011 में एक को पूरा भी कर लिया था जबकि एक का काम 2014 तक लगभग 85 प्रतिशत पूरा कर लिया था. इसके अलावा ग्वादर पोर्ट के लिये भी चीन ने 2013 में ही सिंगापुर की कम्पनी से अग्रीमेंट क्र लिया था. तब भजपा की सरकार नहीं बल्कि कांग्रेस की सरकार थी. विदेश मंत्री ने तीखे प्रहार करते हुए कांग्रेस से पूछा कि यह चिंता कांग्रेस के नेताओं को अपने शासन काल में क्यों नहीं आई ? उन्होंने इसका पूरा ठीकरा कांग्रस के सर फोड़ा और इस स्थिति के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

 

उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश से आज हमारे रिश्ते बेहतर हैं जबकि श्रीलंका से सम्बन्ध मजबूत हुए हैं. भूटान हमारा प्राकृतिक दोस्त है. भारत हमेशा विषम परिस्थितियों सभी पड़ोसी देशों के लिए खड़ा रहता है. 

उन्होंने सीपीएम नेता सीता राम येचुरी व सपा सांसद रामगोपाल यादव के उठाये सवालों पर कहा कि आज दुनिया सेना को मजबूत करने से नहीं डरती है बल्कि आर्थिक महा शक्ति बनने से डरती है. उन्होंने याद दिलाया कि हमें नहीं भूलना चाहिए चीन हमारे आर्थिक विकास में प्रमुख सहयोगी है. इसलिए हमें समग्र बातचीत कर ही समस्या का हल निकालना पड़ेगा.

 

पाक मामले में बातचीत और आतंकवाद दोनों साथ साथ नहीं

पाकिस्तान के मामले में सुषमा स्वराज ने स्पष्ट कर दिया कि बातचीत और आतंकवाद दोनों साथ साथ नहीं चल सकते. उन्होंने माना कि आतंकी बुरहान बानी के मारे जाने के बाद पाकिस्तान से बातचीत पटरी से उतर गयी.

एच 1 बी वीजा की संख्या कांग्रेस के जमाने में कम हुयी 

एच 1 बी वीजा पर उन्होने कहा कि यह वीजा अमेरिका पहले केवल 65 हजार ही देता था. जब अटल विहारी की सरकार आई तो उनके प्रयास से इसे बढ़ा कर एक लाख 95 हजार कर दिया था . लेकिन जब फिर कांग्रेस की सरकार आई तो अमेरिका ने इसे घटा कर 65 हजार कर दिया. उन्होंने कटाक्ष किया कि कांग्रेस पार्टी के लोग इन तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं.

अमेरिका व रूस दोनों भारत के साथ खड़ा

उन्होंने अपने जवाब में दावा किया कि आज पीएम नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति व उनके प्रयासों के कारन अमेरिका व रूस दोनों भारत के साथ खड़ा है जबकी फिलिस्तीन व इजरायल सामान रूप से भारत का सहयोगी है. दोनों एक दूसरे की समस्याएं सुलझाने के लिए भारत का सहयोग मांग रहे हैं. उन्होंने यमन से 4700 लोगों जिनमें दो हजार विदेशी थे को निकालने में सऊदी अरब सराकर की ओर से मिले सहयोग की भी चर्चा की.

 

कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ल द्वारा चीन के सीपीईसी और वन बॉर्डर वन रोड प्रस्ताव में भारत को शामिल होने का सुझाव देने पर कड़ी आलोचन की और विदेश नीति को लेकर उनकी समझ पर ही सवाल खड़ा क्र दिया जिसे कांग्रेस पार्टी के सांसद अनद शर्मा ने उनका व्यक्तिगत विचार बता कर पल्ला झाडा.

 

पीएम मोदी में ट्रम्प को भी चुनौती देने की हिम्मत : सुषमा स्वराज 2विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने क्या कहा ?

 

इससे पूर्व राज्य सभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि देश के प्रधान मंत्री ने तीन वर्षीं में अब तक दुनिया के 65 देशों की यात्रा की है और एक बार भी संसद में उन्होंने विदेश में हुई बातचीत का व्योरा नहीं रखा. पीएम ने 5 बार अमेरिका दौरा किया लेकिन निवेश के मामले में कुछ भी हासिल नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकत हुयी और उनके साझा बयान में एच 1 बी वीजा का मुद्दा गायब रहा. यह वर्तमान सरकार की विदेश नीति के बारे में चिंता पैदा करने वाली स्थिति है.

राज्यसभा में गुरूवार को भारत की विदेश नीति और सामरिक भागीदारों के साथ तालमेल विषय पर हो रही अल्पकालीन चर्चा का आरम्भ करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा :

 

-पीएम मोदी अकेले विदेश यात्रा पर जाते हैं और लेकिन विदेश में हुई बातचीत के बारे में संसद को कुछ भी नहीं बताते हैं

-उन्होंने आशंका व्यक्त की कि पीएम कैबिनेट को नहीं बताते हैं

-पीएम ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से दुनिया ने भारत का लोहा माना लेकिन पाकिस्तान और पडोसी देश ने क्यों नहीं माना ?

-वन बॉर्डर वन रोड के चीन के प्रस्ताव से अलग क्यों हुए ?

-चीन के बॉर्डर पर गतिरोध बना हुआ है , सरकार इसका कोई हल नहीं निकाल पाई है

-एन एस ए डोभाल चीन गए लेकिन उस बातचीत का भी विरोधाभाष सामने आया

– याद दिलाया कि १९६२ में चीन की लड़ाई के समय अटल विहारी वाजपेयी ने तब के पीएम जवाहर लाल नेहरु को पत्र लिख कर संसद का सत्र बुलाने की मांग की थी और उन्होंने संसद का सत्र बुला कर इस पर चर्चा की

-रूस के साथ आज रिश्ता बिगड़ रहा है

-नेपाल, बंगलादेश, और श्रीलंका से भी रिश्ते खटास भरे हैं

 

भाजपा सांसद डॉ पी विनय सहस्त्र्बुधे ने क्या कहा ?पीएम मोदी में ट्रम्प को भी चुनौती देने की हिम्मत : सुषमा स्वराज 3

चर्चा में भाजपा के सांसद डॉ पी विनय सहस्त्र्बुधे ने तीन साल में पीएम मोदी के कार्यकाल के दौरान विदेश नीति के मामले में उठाये गए क़दमों की चर्चा की. उन्होंने कहा :

-पीएम मोदी ने अपने शपथग्रहण समारोह में सभी पडोसी राज्यों के प्रमुखों को आमंत्य्रित किया . यह सकारात्मक कदम था

-उन्होंने कहा कि विदेश नीति नितन्तर सक्रिय रहने वाला विषय है

-वर्त्तमान सरकार की कोशिश से ही अब भारत के बारे में विदेशों में छवि बदली है

चर्चा में सपा सांसद रामगोपाल यादव, जद यू नेता शरद यादव, बसपा नेता सतीश चन्द्र मिश्रा, सी पी एम् सांसद सीता राम येचुरी, सांसद स्वप्न दास गुप्ता , सी पी ई सांसद डी राजा, डी एम् के सांसद कनिमोझी, कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला, कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजबा सहित कई सांसदों ने अपने विचार रखे.     

 

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