बिजली विभाग का श्ड्यूल बदले जाने से लोगों कि मुसीबत बढी

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ग्रामीण इलाकों में मच्छर फुल और बिजली गुल

यूनुस अलवी
मेवात: अप्रैल से सितंबर तक मच्छरो का लारवा फैलने का समय होता है। इसी वजह से बिजली विभाग ग्रामीण इलाकों में हर साल मार्च के बाद अपना स्ड्यूल बदलता देता है और रात के समय पूरी बिजली देता है, जिससें लोगों को मच्छरों से छुटकारा मिल सके। शहरी और जगमग गावों को छोडकर बिजली विभाग द्वारा 29 मार्च 2017 को ग्रामीण फीडरो के लिये जारी किये गये स्ड्यूल के मुताबिक  दोपहर 12 बजे से दिन के दो बजे तक, शाम 6 बजे से रात 1 बजे तक और सुबह साढे तीन बजे से छ: बजे तक यानि कुल साडे ग्यारह घंटे ग्रामीण इलाकों को बिजली दी जाती है। बिजली विभाग के इस आदेश से मेवात इलाके में रात 1 से 3.30 एएम तक बिजली गुल रहती है। इलाके के लोगों ने विभाग के इस नये शड्यूल पर नाराजगी जाहिर करते हुऐ इसे तुरंत बदलने कि मांग की है।
 
    मेवात इलाके के गांव मानोता के सरपंच रशीद अहमद, खुर्शीद अहमद जमालगढ के पूर्व सरपंच इमदाद खान व मोजुदा सरपंच जैतुनी बैगम, टीकरी से मुशताक सरपंच का कहना है कि देहात के लोग रात के 11 बजे सो जाते हैं और करीब 6 बजे तक सोते हैं और रात एक से साडे तीन बजे लोग गहरी नींद में होते हैं। ऐसे समय में बिजली का गुल हो जाना लोगों को मुसीबत बन गया है। उनका कहना है कि आजकल किसान खेंतों कि कटाई, निकलाई और भुश कि ढुलाई में व्यास्थ रहता है और जब उसके आराम करने का समय होता है उस समय बिजली ना होने से हारा थका किसान आराम भी नहीं कर पाता है।
 
      डोंडल निवासी अरशद सरपंच, जमालगढ के कादिर खान, ब्लॉक समिति मेंबर सलमान खान और सहाब खान का कहना है कि बिजली विभाग में बैठे अफसरों को किसान और गरीब लोगों की कोई फिक्र नहीं है। उन्होने सरकार और बिजली विभाग से मांग करते हुऐ कहा कि ग्रामीण इलाको में शाम छ: बजे से सुबह पांच बजे तक का श्ड्युल होना चाहिये। उन्होने कहा कि अगर सरकार को कतौती ही करनी है तो दिन के समय करनी चाहिये जिससे रात के समय लोग आराम कर सकें। बिजली ना आने कि वजह से छोटे बच्चों, बुजुर्ग, मरीजों, महिलाओं, खेतों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों को भारी परेशानी उठानी पडती है। फिलहाल मेवात में मच्छरों कि भरमार है। जिसकी वजह से मेवात में मलेरिया अकसर फैलता रहता है। 

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