नई दिल्ली : ऑस्ट्रिया के चांसलर के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पत्रकार वार्ता को संबोधित किया . इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक है और विशेष भी है। इकतालीस साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा किया है। ये भी सुखद संयोग है कि ये यात्रा उस समय हो रही है जब हमारे आपसी संबंधों के 75 साल पूरे हुए हैं। पीएम ने कहा ” सबसे पहले मैं गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य-सत्कार के लिए चांसलर नेहमर का आभार प्रकट करता हूँ। मुझे ख़ुशी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही ऑस्ट्रिया आने का अवसर मिला। ”
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र और rule of law जैसे मूल्यों में साझा विश्वास, हमारे संबंधों की मजबूत नींव हैं। आपसी विश्वास और शेयर्ड interests से हमारे रिश्तों को बल मिलता है। आज मेरे और चांसलर नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई। हमने आपसी सहयोग को और मज़बूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है। हमने निर्णय लिया है कि संबंधों को स्ट्रैटेजिक दिशा प्रदान की जाएगी। आने वाले दशक के लिए सहयोग का खाका तैयार किया गया है। यह केवल आर्थिक सहयोग और निवेश तक सीमित नहीं है। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, इनोवेशन, renewable energy, हाइड्रोजन, water and waste मैनेजमेंट, artificial intelligence, क्वांटम जैसे क्षेत्रों में एक दूसरे के सामर्थ्य को जोड़ने का काम किया जायेगा । दोनों देशों की युवा शक्ति और ideas को कनेक्ट करने के लिए start-up ब्रिज को गति दी जायेगी। मोबिलिटी और माइग्रेशन पार्टनरशिप पर पहले से समझौता हुआ है। यह legal माइग्रेशन और स्किल्ड वर्क force की movement में सहयोग देगा। सांस्कृतिक और शैक्षणिक संस्थाओं के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि ये hall, जहाँ हम खड़े हैं, बहुत ही ऐतिहासिक है। उन्नीसवीं सदी में यहाँ ऐतिहासिक विएना कांग्रेस host की गयी थी। उस कांफ्रेंस ने यूरोप में शांति और स्थिरता को दिशा प्रदान की थी। मैंने और चांसलर नेहमर ने विश्व में चल रहे विवादों, चाहे यूक्रेन में संघर्ष हो या पश्चिम एशिया की स्थिति, सभी पर विस्तार में बात की है। मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। समस्याओं का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। कहीं भी हो, मासूम लोगों की जान की हानि स्वीकार्य नहीं है। भारत और ऑस्ट्रिया, शांति और स्थिरता की जल्द से जल्द बहाली के लिए डायलॉग और डिप्लोमेसी पर बल देते हैं। इसके लिए हम दोनों मिलकर हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
प्रधान मंत्री ने कहा कि आज मानवता के सामने क्लाइमेट change और आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर भी हमने विचार साझा किये। क्लाइमेट के विषय में – अन्तराष्ट्रीय सोलर अलायन्स, Coalition for disaster रेसिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर, biofuel अलायन्स जैसी हमारी पहलों से जुड़ने के लिए हम ऑस्ट्रिया को आमंत्रित करते हैं। हम दोनों आतंकवाद की कठोर निंदा करते हैं। हम सहमत हैं कि ये किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। इसको किसी तरह भी justify नहीं किया जा सकता। हम संयुक्त राष्ट्र संघ और अन्य अंतराष्ट्रीय संस्थाओं में रिफॉर्म के लिए सहमत हैं ताकि उन्हें समकालीन और effective बनाया जाये।
उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में ऑस्ट्रिया में चुनाव होंगे। मैं लोकतंत्र की जननी और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के लोगों की ओर से चांसलर नेहमर और ऑस्ट्रिया के लोगों को अनेक अनेक शुभकामनायें देता हूँ। कुछ देर बाद हम दोनों देशों के CEOs से मिलेंगे। मुझे ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति से भी मिलने का सौभाग्य मिलेगा। पीएम मोदी ने चांसलर नेहमर के प्रति उनकी मित्रता के लिए आभार प्रकट किया और भारत यात्रा करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया ।