कांग्रेस पार्टी ने अग्नीवीर मामले पर रक्षा मंत्री के दावे को गलत करार दिया

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सुभाष चौधरी /The Public World 


नई दिल्ली :
कांग्रेस पार्टी ने आज एक बार फिर सेना में भर्ती के लिए  लागू की गई अग्निवीर स्कीम का मामला उठाया और  नरेंद्र मोदी सरकार पर अग्निवीरों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया. कांग्रेस पार्टी के एक्स सर्विस मैंन सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल रोहित चौधरी ने पत्रकार वार्ता में कारोप लगाया कि संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के सामने आधी-अधूरी जानकारी रखी, जिससे  संशय का माहौल बन गया। उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्ष के नाते हमारी जिम्मेदारी बनती है कि सेना और अग्निवीरों के साथ जो भेदभाव हो रहा है, उन मुद्दों को उठाएं। उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का कहना है कि देश के सैनिकों, सेना और शहीदों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। ये सिर्फ शहीद अग्निवीर अजय सिंह का नहीं बल्कि शहीद हुए 13 अग्निवीरों, सेना में सेवारत अग्निवीरों, ट्रेनिंग ले रहे अग्निवीरों और देश की सुरक्षा का मामला है।

कांग्रेस पार्टी के EX-सर्विसमैन विभाग के चेयरमैन ने कहा कि अग्निवीर पर देशवासियों से संवाद करने के बाद कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी  ने फैसला किया है कि अग्निपथ योजना को खत्म करना है ,  अग्निवीरों को स्थायी करना है ,  सेना में पुरानी भर्ती प्रक्रिया लागू करनी है और • सेना में चयनित हुए 1.5 लाख युवाओं जिन्हें ज्वाइन नहीं करवाया गया का स्थायी प्रबंधन करना है.

कर्नल चौधरी  ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानना है की अग्निवीरों को रेगुलर करना है और पुरानी स्थाई भर्ती प्रक्रिया को लागू करना है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आधी अधूरी जानकारी इस योजना को लेकर दी है . इसकी वजह से बड़ा कंफ्यूजन पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी विपक्ष की भूमिका में है और हमारी जिम्मेदारी इन मामलों में हो रहे भेदभाव को उजागर करना है और संसद में उठना है.  साथ ही सरकार से जवाब मांगना है।

उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना प्रधानमंत्री कार्यालय का ब्रेन चाइल्ड है.  इसमें सेना के तीनों अंगों से परामर्श नहीं लिया गया था। रक्षा मंत्री ने जिन 158 संस्थाओं से सलाह करने की बात की है उसका खुलासा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर यह योजना अच्छी है तो फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान इस योजना के नाम पर वोट क्यों नहीं मांगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस योजना से देश के युवा सख्त नाराज हैं और यही कारण है कि भाजपा का जनाधार कमजोर हुआ और 80 से ज्यादा सीटों पर उनकी हार हुई है।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी की सोच है कि रेगुलर सैनिकों के और अग्नीवीर के शहीदों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए. दो तरह के सैनिक नहीं होने चाहिए. दो तरह के शहीद नहीं होने चाहिए। अग्निवीर के लिए कुछ सम्मान और रेगुलर सैनिक के शहीद होने पर कुछ और सम्मान यह हमारे देश की सेवा की परंपरा नहीं रही है और ना ही यह कांग्रेस पार्टी की नीति रही है . इसलिए हम इस सवाल को मजबूती से उठा रहे हैं।

कर्नल रोहित चौधरी ने खुलासा किया कि पिछले कुछ माह में 13 अग्निवीर शहीद हुए हैं . इसलिए हम सरकार से जानना चाहते हैं कि उनको लेकर सरकार ने क्या कदम उठाया है ?  उन 13 अग्निवीर शहीदों के परिवारों को क्या सहायता दी गई है। क्या उनका अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया? उन्होंने कहा कि देश में 1 लाख 20000 अग्निवीर सेवारत हैं और 80 हजार अग्निवीर ट्रेनिंग सेंटर में हैं जो ट्रेनिंग ले रहे हैं. यह उन सभी परिवारों का मामला है और सबसे बढ़कर यह देश की सेना की सुरक्षा का मामला है . इसलिए कांग्रेस पार्टी इस विषय को उठा रही है।

उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं ने कहा था कि अग्निवीर योजना उन्हें चौंका देने वाली बात है.  उन्होंने पूर्व सेना अध्यक्ष जनरल नरवाने द्वारा लिखित पुस्तक का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भी अपनी किताब में यह माना है कि यह तीनों सेना के लिए चौका देने वाली बात है। उन्होंने कहा कि इसमें बहुत भेदभाव है . हमने कभी नहीं सोचा था कि सेना के अंदर ऐसा भेदभाव कभी होगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हमेशा यह कहते रहे हैं कि यह स्कीम नॉन स्टार्टर है, बिना पायलट प्रोजेक्ट की इसे लागू किया गया है। यह योजना प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा बिना सोचे समझे थोपी गई है जिसकी जानकारी सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों को नहीं दी गई थी  इस योजना की मांग सेना ने नहीं की थी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में एक करोड रुपए की सहायता राशि देने का जो दावा किया वह पॉलिसी है लेकिन उन्हें यह बताना चाहिए था कि यह राशी अबतक कितने अग्नीवीर शहीदों को मिली है. इसमें कहा गया है 48 लाख इंश्योरेंस होगा, 44 लाख एक्स ग्रेशिया होगा, इन्होंने इस बारे में जिक्र नहीं किया कि इसके अंदर 8 लाख बैटल कैजुअल्टी वेलफेयर फंड भी होता है जो रेगुलर सैनिक और इन दोनों को मिलता है, लेकिन यहां पर आधी-अधूरी बात है, आधा-अधूरा सत्य, अर्ध सत्य हमारे रक्षा मंत्री ने पार्लियामेंट के पटल पर रखा. कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने यह नहीं बताया कि अग्निवीरों को एक करोड़ शहादत होने पर देते हैं और रेगुलर सैनिक को 2.43 करोड़ से ज्यादा मिलता है, अगर वह सिपाही की रैंक में 15 साल की सर्विस करता है, तो उसको 2.43 करोड़ और अगर 17 साल या 24 साल नायक या हवलदार की रैंक में काम करता है तो उसको तकरीबन 2.85 करोड़ के आसपास मिलता है।

उन्होंने कहा कि इनमें जो डिफरेंसस है वह जानकर आपको हैरानी होगी कि हमारे जो हमारे अग्निवीर हैं, उनको 48 लाख इंश्योरेंस, रेगुलर सैनिक को 75 लाख। एक्स ग्रेशिया अमाउंट अग्निवीर को 44 लाख, रेगुलर सैनिक को 55 लाख, शहीद का दर्जा रेगुलर सैनिक को, अग्निवीर को कोई शहीद का दर्जा नहीं मिलती है . उन्हें एक्स सर्विसमैन का कोई दर्जा नहीं दिया जता . दोनों को 8-8 लाख रुपए बैटल कैजुअल्टी फंड से मिलेंगे, दोनों के लिए वह बराबर है, लेकिन अग्निपथ स्कीम में आए हुए अग्निवीर को शहीद का कोई दर्जा नहीं और शहीद के दर्जे से जुड़ी हुई तमाम जितनी भी फैसिलिटीज है, बेनिफिट्स हैं, सम्मान है, वह नहीं है।

कर्नल चौधरी ने कहा कि इसके साथ-साथ जो अग्निवीर सैनिक है, अगर वो डे वन पर शहीद हो जाता है, सर्विस में, तो चार साल तक लगातार उसको फुल सैलरी मिलेगी, जो तकरीबन 13 लाख के आसपास आता है, लेकिन जो हमारे रेगुलर सैनिक है, अगर सिपाही पहले दिन अगर हताहत हो जाता है, शहीद हो जाता है तो उसको 15 साल तक फुल सैलरी मिलेगी. उसके बाद पेंशन मिलेगी, उसकी ग्रेच्युटी मिलेगी, उसके परिवार को तमाम जो मेडिकल बेनेफिट्स हैं, वो ताउम्र मिलते रहेंगे। डिपेंडेंट्स को, mother, father, children, brother. sister up to age of 25 yrs. कैटीन बेनेफिट्स, एजुकेशनल बेनेफिट्स, स्कॉलरशिप के प्रावधान भी हैं लेकिन अग्नीवीर को नहीं .

उन्होंने कहा कि अग्निवीर के शहीद होने के बाद मात्र एक करोड़ रुपया देकर और उसके परिवार को अपने हाल पर छोड़ दिया जाता है। यह भेदभाव है, इसके लिए हम लड़ाई लड़ रहे है, हमारे नेता राहुल गांधी लड़ाई लड़ रहे हैं और हम इस भेदभाव को सेना में खत्म करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि यह एक करोड़ का मसला नहीं है, यह सेना में हमारे जवानों का, हमारे सैनिकों के मान और सम्मान की बात है। तो इसलिए बड़ा जरूरी है कि इस मान और सम्मान को बरकरार रखते हुए हम अपनी सेना के अंदर इस तरह की भेदभाव वाली, इस डिस्क्रिमिनेशन करने वाली स्कीम को तुरंत प्रभाव से खत्म किया जाए।

इस अवसर पर विंग कमांडर अनुमा विदिशा ने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार लगातार गुमराह कर रही है। लेकिन ये योजना तुरंत खत्म होनी चाहिए, क्योंकि इस योजना को लेकर सेना से कोई बातचीत नहीं की गई थी। यदि किसी भी अग्निवीर से पूछा जाए कि क्या उसे स्थायी भर्ती चाहिए तो वह इस बात से इंकार नहीं करेगा। ऐसे में सरकार इसपर श्वेत पत्र जारी करे।  राजनाथ सिंह जी को भी स्पष्टीकरण देना चाहिए कि अग्रिपथ योजना लाने से पहले उन्होंने सेना से सलाह लेने के बजाए किन 158 एजेंसियों से बात की। पहले लगभग 35 लाख लोग सेनाओं में आते थे, लेकिन अब केवल 10 लाख लोग आते हैं। सरकार सैनिकों के साथ राजनीति बंद करे।

 

 

 

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