देश भर में साइबर हेल्पलाइन से शिकायत निवारण करने में पहले पायदान पर पहुंचा हरियाणा

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– फरवरी माह में फ्रॉड की गई कुल राशि का 27.60 प्रतिशत पैसा किया गया होल्ड

– हरियाणा पुलिस सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के माध्यम से भी लोगों को साइबर फ्रॉड से बचाव के बारे में कर रही है जागरूक

चंडीगढ़ , 28 मार्च। साईबर फ्रॉड की गई कुल राशि का 27.60 प्रतिशत पैसा होल्ड करके हरियाणा देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है। हरियाणा पुलिस ने फरवरी 2024 में 15 करोड़ 50 लाख रूपये की राशि को ठगी होने से बचाया है जोकि देशभर में सबसे अधिक है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सितंबर-2023 में जहां हरियाणा पुलिस 8.62 प्रतिशत पैसा होल्ड करते हुए देश में 23वें स्थान पर थी वहीं अब पहले स्थान पर पहुंच गई है।

इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि साईबर अपराधियों के खिलाफ निरंतर किए जा रहे कार्यों के परिणामस्वरूप साइबर अपराध को नियंत्रित करने में काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि साईबर अपराधियों पर लगाम कसते हुए हरियाणा पुलिस द्वारा नियमित तौर पर साईबर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें अपराधियों द्वारा रोजाना अपनाए जाने वाले तौर तरीकों को समझते हुए उन्हें रोकने के लिए रणनीति बनाई जाती है। हरियाणा पुलिस वित्तीय संस्थानों जैसे बैंको आदि के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते हुए साईबर अपराध को रोकने की दिशा में सार्थक प्रयास कर रही है ताकि साईबर फ्रॉड की सूचना मिलते ही बैंक खातों को फ्रीज़ किया जा सके। इसके लिए साईबर हैल्पलाइन नंबर पर तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या 35 से बढ़ाकर 70 की गई है।
इसके अलावा, इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर(आई4सी) तथा हरियाणा पुलिस अब एक प्लैटफॉर्म पर काम कर रही है। यहां पर देश भर के 20 बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर साइबर फ्रॉड की गई राशि को फ्रीज करने के लिए प्रभावी कार्ययोजना के तहत कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही, हरियाणा पुलिस के साथ तीन बड़े बैंको नामतः एचडीएफसी, पीएनबी तथा एक्सिस के प्रतिनिधि हरियाणा-112 के कार्यालय में स्थापित किए गए केन्द्र में साइबर फ्रॉड रोकने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश पुलिस आम जनता की कमाई बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में कार्य करते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के आदेश पर पंचकूला 112 ईआरएसएस बिल्डिंग में स्थित नेशनल साईबर हेल्पलाइन 1930 मुख्यालय में इंसिडेंट मैनेजर नियुक्त किए है। उन्होंने बताया कि इन इंसीडेंट मैनेजरों की ज़िम्मेदारी होती है कि ठगी की रिपोर्टिंग हेल्पलाइन-1930 पर दर्ज होने पर ठगी की रकम जिस बैंक में गई है, तुरंत उस बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क कर, ठगी की रकम को फ्रीज़ करवाएं।

सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के माध्यम से भी लोगों को किया जा रहा है जागरूक

उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल करते हुए लोगों को साइबर अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों के बारे में जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि रोजाना अपराधी नए तरीके अपनाते है और लोगों को झांसे में लेकर उनके साथ ठगी करते है। हरियाणा पुलिस इन सभी तरीकों के बारे में लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से सांझा करती है ताकि लोगों को इनके बारे में जानकारी हो और वे साइबर ठगी का शिकार ना हो। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति से अपने बैंक खाता संबंधी निजी जानकारी अथवा ओटीपी सांझा ना करें। किसी अनजान व्यक्ति की बातों में आकर कोई एप अपने फोन में डाउनलोड ना करें। गूगल पर सर्च किए गए नंबर पर फोन ना करें बल्कि किसी भी कंपनी अथवा संस्था की आधिकारिक वैबसाईट पर दिए गए नंबर पर ही संपर्क करे। याद रहे कि पैसा एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में भेजने के लिए ओटीपी की जरूरत पड़ती है ना कि पैसा मंगवाने के लिए। लोग संदेह की स्थिति में तुरंत हैल्पलाइन नंबर-1930 डायल करके परामर्श ले सकते हैं।

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