सुभाष चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : यूजीसी ने यूजीसी नेट जेआरएफ एक्जाम के प्रारूप में बड़े बदलाव का निर्णय लिया है. इस निर्णय के तहत अब तीन श्रेणियों के लिए स्टूडेंट का सेलेक्शन किया जाएगा. श्रेणी एक में यूजीसी नेट जेआरएफ और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए स्टूडेंट को एलिजिबल घोषित किया जाएगा जबकि श्रेणी 2 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर और पीएचडी में एडमिशन के लिए जबकि श्रेणी 3 के तहत केवल पीएचडी में एडमिशन के लिए स्टूडेंट को योग्य घोषित किया जाएगा. पूरे देश में सभी यूनिवर्सिटी में पीएचडी एडमिशन के लिए केवल एक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. यूजीसी नेट के स्कोर के आधार पर ही सभी यूनिवर्सिटी पीएचडी में एडमिशन लेगी . अब कोई यूनिवर्सिटी पीएचडी में एडमिशन के लिए अलग से टेस्ट का आयोजन नहीं करेगी. इस संबंध में यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने पब्लिक नोटिस जारी कर सभी यूनिवर्सिटी को सूचित किया है. न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत लिए गए इस निर्णय के अनुसार यूजीसी नेट एग्जाम के प्रारूप के बारे में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से गाइडलाइन जारी की जाएगी.
यूजीसी की ओर से जारी पब्लिक नोटिस में बताया गया है कि यूजीसी नेट जेआरएफ एक्जाम के प्रारूप में बदलाव का निर्णय लिया गया है. इससे पीएचडी में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को बड़ी राहत मिलेगी. उल्लेखनीय है कि पुरानी व्यवस्था के तहत यूजीसी नेट जेआरएफ एग्जाम के आधार पर दो श्रेणियां में स्टूडेंट्स का चयन किया जाता था. पहली श्रेणी में यूजीसी नेट जेआरएफ और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए स्टूडेंट को एलिजिबल घोषित किया जाता था जबकि दूसरी श्रेणी में यूजीसी नेट अस्सिटेंट प्रोफेसर्स के लिए एलिजिबल घोषित करने का प्रावधान था. इस व्यवस्था के तहत यूजीसी नेट की ओर से जारी स्कोर नेट जेआरएफऔर पीएचडी एडमिशन के लिए अगले 3 साल के लिए मान्य रहता था जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए हमेशा के लिए स्कोर माना जाता था. इन दो श्रेणियों में एलिजिबल घोषित होने के बाद बचे स्टूडेंट यहां तक की पीएचडी में भी एडमिशन लेने के लिए योग्य नहीं होते थे. लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है.
यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने बताया है कि देश में कई विश्वविद्यालय पीएचडी में एडमिशन के लिए अपना अलग एडमिशन टेस्ट आयोजित करती थी. इसके कारण पीएचडी में एडमिशन लेने के इच्छुक स्टूडेंट्स को अलग-अलग यूनिवर्सिटी में अलग-अलग परीक्षाएं देनी पड़ती थी. इसमें तकनीकी, आर्थिक और व्यवहारिक कठिनाइयों का सामना स्टूडेंट्स को करना पड़ता है. इसको ध्यान में रखते हुए यूजीसी ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया. एक्सपर्ट कमेटी ने विचार विमर्श के बाद यूजीसी को अपनी रिपोर्ट दी और उसमें उन्होंने यूजीसी नेट एग्जाम के प्रारूप में बड़े बदलाव का सुझाव दिया.
एक्सपर्ट कमेटी की ओर से दिए गए सुझाव के तहत ही अब यूजीसी ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित किए जाने वाले यूजीसी नेट जेआरएफ एक्जाम के प्रारूप में बदलाव का निर्णय लिया है. यह निर्णय सभी यूनिवर्सिटी पर लागू.होगा
यूजीसी के सचिव की ओर से जारी पब्लिक नोटिस में कहा गया है कि जून 2024 से नेट एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स को तीन श्रेणियों के लिए योग्य घोषित किया जाएगा. पहली श्रेणी में नेट जेआरएफ के साथ पीएचडी एडमिशन और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए योग्य घोषित किए जाएंगे जबकि दूसरी श्रेणी के तहत जेआरएफ के बिना पीएचडी एडमिशन और असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए आवेदक योग्य घोषित किये जायेंगे . तीसरी श्रेणी में घोषित होने वाले स्टूडेंट को केवल पीएचडी में एडमिशन लेने के लिए योग्य घोषित किया जाएगा. इस श्रेणी के स्टूडेंट्स को ना तो जेआरएफ की फैसिलिटी मिलेगी और ना ही वे तत्काल असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए योग्य माने जाएंगे.
गौरतलब है की पुरानी व्यवस्था के तहत दो श्रेणियों में चयनित होने वाले आवेदक को छोड़कर बाकी बचे स्टूडेंट यूजीसी के स्कोर पीएचडी में एडमिशन नहीं ले पाते थे. उन्हें अलग-अलग विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले पीएचडी एडमिशन टेस्ट का सामना करना पड़ता था . लेकिन अब नई व्यवस्था से बड़े पैमाने पर पीएचडी एस्पायरेंट्स को राहत मिलेगी.
यूजीसी की ओर से जारी पब्लिक नोटिस में यह भी कहा गया है कि इस एग्जाम का रिजल्ट अब परसेंटाइल में स्टूडेंट द्वारा प्राप्त मार्क्स के साथ पीएचडी में एडमिशन के लिए घोषित किया जाएगा.
यूजीसी नेट जेआरएफ क्वालिफाइड स्टूडेंट्स पहले से ही पीएचडी में एडमिशन केवल इंटरव्यू के आधार पर लेते रहे हैं जो रेगुलेशन 2022 के तहत व्यवस्था की गई थी. अब श्रेणी दो और तीन के तहत योग्य घोषित किए जाने वाले उम्मीदवार को यूनिवर्सिटी में पीएचडी में एडमिशन के लिए यूजीसी नेट स्कोर 70% वेटेज दिया जाएगा जबकि इंटरव्यू का 30% वेटेज मिलेगा. स्पष्ट रूप से यूजीसी नेट स्कोर और इंटरव्यू में प्राप्त मार्क्स दोनों मिलकर संयुक्त रूप से पीएचडी एडमिशन के लिए स्टूडेंट को योग्य घोषित किया जाएगा.
ध्यान देने वाली बात यह है की नई व्यवस्था के तहत श्रेणी दो और श्रेणी 3के तहत योग्य घोषित आवेदकों के स्कोर केवल एक साल के लिए ही पीएचडी एडमिशन लेने की दृष्टि से मान्य रहेगा.
यूजीसी की ओर से जारी पब्लिक नोटिस में यह साफ कर दिया गया है कि नेट जून 2024 एग्जाम के लिए सभी नियम व शर्तें एवं कट ऑफ एलिजिबिलिटी के बारे में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा .