-बाहुबली से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की राह मिली
-महिलाओं को सशक्त बनाने में ई-रिक्शा निभा रहे है बड़ी भूमिका बाहुबली ई-रिक्शा के डायरेक्टर : दिनेश गोयल
नई दिल्ली : बाहुबली ई-रिक्शा बाहुबली द्वारा निर्मित बेस्ट इन क्लास ई-रिक्शा कंपनी है। बाहुबली का यह ई-रिक्शा स्वच्छ परिवहन के लिए एक अच्छा ऑप्शन है। आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है और चाहे डाइविंग ही क्यों न हो, कैब तक चलाने में महिलाएं संकोच नहीं कर रही है। ई-रिक्शा की बात करें तो महानगरों से लेकर छोटे शहरों में भी अब महिला डाइवर दिख जाती है और इससे अंदाजा होता है कि बाहुबली ई-रिक्शा महिलाओं को सशक्त करने के साथ ही उन्हें रोजगार के अवसर मुहैया करा रहा है। बाहुबली डीलस सबसे अधिक बिकने वाला ई-रिक्शा मॉडल है, जो उचित मूल्य पर उपलब्ध है। बाहुबली डीलक्स में उच्च शक्ति प्रदान करने वाली अच्छी बैटरी की क्षमता होती है। भारत की बेहतरीन ई-रिक्शा कंपनी बाहुबली ई-रिक्शा ने दो बेहतरीन मॉडल लांच किए है बाहुबली भीम व बाहुबली भारत के नाम से।
दिनेश गोयल ने कहा कि जो लोग पैसे की तंगी के कारण बाहुबली से जुड नहीं पा रहे थे, लेकिन अब वह लोग बाहुबली भीम के मॉडल से जुड़ सकते हैं, यह मॉडल स्पीड के मामले में बहुत तेजी है तथा माइलेज में भी यह बहुत अच्छा माॅडल है साथ्ज्ञ ही उन्होंने बताया कि यह एक साल की वारंटी के साथ मार्केट में उपलब्ध है।
बाहुबली ई-रिक्शा के डायरेक्टर दिनेश गोयल ने बताया कि बाहुबली ई-रिक्शा महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन हासिल करने का व्यवहारिक माध्यम बन गया है। शुरुआत करने के लिए कम लागत और लाइसेंस के लिए न्यूनतम जरूरतों के चलते ई-रिक्शा खरीदना महिलाओं के लिए अधिक सुलभ विकल्प है, आजीविका का स्थायी साधन मिल जाता है और वे अपने परिवार को सहयोग प्रदान कर परिवार की आय में भी योगदान दे सकती है। ई-रिक्शा चलाने वाली महिलाओं को अपने वित्तीय संसाधनों पर नियंत्रण होता है। ई-रिक्षा हमारे देश को बेहतरीन रोजगार देने का विकल्प है, पिछले 10 सालों में एक करोड रोजगार पैदा हुए है ई-रिक्शा से।
आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हासिल करना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे दूसरों पर निर्भर हुए बिना अपने जीवन की जरूरतों को खुद पूरा कर सकती है। महिलाओं के लिए आत्मनिर्भर और भी ज्यादा मायने रखती है कि इससे वे न सिर्फ आर्थिक रूप से सक्षम बनती है, बल्कि समाज की उम्मीद और पारंपरिक लिंग भूमिका से भी अपने आपको मुक्त महसूस करती है। इस संदर्भ में इलेक्ट्रिक वाहनों खासतौर पर इलेक्ट्रिक रिक्शा के आने से महिलाओं के सशक्तिकरण को गति मिली है। इस आधुनिक बहुबली इलेक्ट्रिक रिक्षा ने आधुनिक वाहन ने महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाता है। बाहुबली ई-रिक्शा के आने से महिलाओं को इन्हें चलाकर आत्मनिर्भर बनाने की राह मिली है। बैटरी रिक्षा चलाकर महिलाएं सामजिक नियमों को चुनौती देती है और समाज की सभी रुढीवादी अवधारणाओं को दूर कर अपनी क्षमता को साबित कर देती है। पर्यावरण के अनुकूल ये वाहन सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देते हैं।
बाहुबली ई-रिक्शा के डायरेक्टर जतिन गोयल ने यह भी कहा कि बाहुबली ई-रिक्शा इन महिलाओं को परिवहन को सुरक्षित साधन उपलब्ध कराता है, यहां तक कि वे रात तक भी इनकी सवारी निश्चित होकर कर सकती है। ई-रिक्शा कम स्पीड के चलते यह भीड भाड वाले क्षेत्रों के लिए भी अनुकूल है, जिस पर सवारी करते समय महिलाएं सुरक्षित और आरामदायक महसूस करती है।
पेन डाउन प्रेस के सीईओ दिनेश वर्मा ने कहा कि मैं दिनेश गोयल जी को उनकी पुस्तक ‘‘7 गलतियां’’ जिनके कारण ई-रिक्शा डीलर अपना 37 प्रतिशत लाभ खो बैठते है के लांच की शुभकामनाएं देता हूं और उनके द्वारा लिखित सभी लेख काफी रोचक है, जो लोगों को काफी पसंद आएगी। पेन डाउन प्रेस के सीईओ दिनेश वर्मा ने कहा कि यह पुस्तक ई-रिक्शा डीलरों के बिजनेस बढ़ाने में अति आवश्यक रोल अदा कर रही है, जिससे छोटे छोटे लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे है और हमारा देश आत्मनिर्भरता की ओर जा रहा है