बेतिया (बिहार ) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के बेतिया में 12,800 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इनमें रेल, सड़क और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस से संबंधित परियोजनाएं सम्मिलित हैं।प्रधानमंत्री ने नरकटियागंज-गौनाहा और रक्सौल-जोगबनी के बीच दो नई ट्रेन सेवाओं को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर बिहार के बेतिया में जनसमुदाय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, “आज छह लेन के केबल आधारित पुल का शिलान्यास हुआ। एक दर्जन से अधिक पुल पर काम चल रहा है। इन विकास परियोजनाओं का सबसे अधिक लाभ नौजवानों को होगा।”
प्रधानमन्त्री ने कहा कि बिहार वो धरती है, जिसने सदियों तक देश का नेतृत्व किया है। बिहार वो धरती है, जिसने एक से बढ़कर एक प्रतिभावान व्यक्तित्व मां भारती को दिए हैं। और ये सच्चाई है, जब-जब बिहार समृद्ध रहा है, तब भारत समृद्ध रहा है। इसलिए विकसित भारत के लिए, बिहार का विकसित होना उतना ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि बिहार में विकास का डबल इंजन लगने के बाद, विकसित बिहार से जुड़े कार्यों में और तेजी आ गई है। आज भी करीब 13 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं का उपहार बिहार को मिला है। इसमें रेल-रोड, इथेनॉल प्लांट, सिटी गैस सप्लाई, LPG गैस, ऐसी अनेक अहम परियोजनाएं शामिल हैं। विकसित बिहार के लिए, हमें यही तेजी पकड़नी है, इसी तेजी को बनाए रखना है।
पीएम मोदी ने बल देते हुए कहा कि आजादी के बाद के दशकों में बिहार की एक बहुत बड़ी चुनौती रही है- यहां से युवाओं का पलायन। जब बिहार में जंगलराज आया, तो ये पलायन और ज्यादा बढ़ गया। जंगलराज लाने वाले लोगों ने सिर्फ और सिर्फ अपने परिवार की चिंता की, बिहार के लाखों बच्चों का भविष्य दांव पर लगा दिया। बिहार के मेरे नौजवान साथी दूसरे राज्यों के दूसरे शहरों में रोजी-रोटी के लिए जाते रहे और यहां एक ही परिवार फलता-फूलता रहा। किस तरह एक एक नौकरी के बदले जमीनों पर कब्जा किया गया। क्या कोई भी व्यक्ति सामान्य मानवीय को इस प्रकार से लुटने वालों को माफ कर सकता है क्या? माफ कर सकता है क्या ? क्या ऐसे लोगों को माफ कर सकते हैं क्या ? बिहार में जंगलराज लाने वाला परिवार, बिहार के युवाओं का सबसे बड़ा गुनहगार है। जंगलराज के जिम्मेदार परिवार ने बिहार के लाखों नौजवानों से उनका भाग्य छीन लिया। ये NDA सरकार है जो इस जंगलराज से बिहार को बचाकर इतना आगे लाई है।
उनका कहना था कि NDA की डबल इंजन सरकार का प्रयास है कि बिहार के युवा को यहीं बिहार में नौकरी मिले, यहीं बिहार में रोजगार मिले। आज जिन हजारों करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है, उसके मूल में भी यही भावना है। आखिर इन परियोजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी कौन हैं? इसका सबसे अधिक लाभ उन नौजवानों को होगा, जो अभी रोजगार करना चाहते हैं, जो स्कूल-कॉलेज में पढ़ रहे हैं। आज गंगाजी पर 6 लेन के केबल आधारित ब्रिज का शिलान्यास हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में 22 हज़ार करोड़ रुपए से एक दर्जन से अधिक पुल पर काम चल रहा है, जिनमें से 5 पुल तो गंगाजी पर बन रहे हैं। ये पुल, ये चौड़े रास्ते ही, वही तो विकास का मार्ग बनाते हैं, उद्योगों को लाते हैं। ये जो बिजली से चलने वाली ट्रेनें चल रही हैं, वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चलने लगी हैं, ये गति किसके लिए है? ये भी उन नौजवानों के लिए है, जिनके माता-पिता ने ऐसी सुविधाओं के सपने देखे थे। ये जो इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है- ये रोजगार का बहुत बड़ा माध्यम होता है। इसमें मजदूर हो, ड्राइवर हो, सर्विस से जुड़े लोग हों, इंजीनियर हों, ऐसे अनेक क्षेत्रों के रोजगार इससे पैदा होते हैं। यानि ये जो हज़ारों करोड़ रुपए सरकार लगा रही है, ये पैसा बिहार के सामान्य परिवारों के पास ही पहुंचेगा। इससे रेत, पत्थर, ईंट, सीमेंट, स्टील, ऐसे अनेक उद्योगों को, फैक्ट्रियों को, छोटे-छोटे दुकानों को बल मिलने वाला है।
पीएम ने कहा कि एक तरफ नया भारत बन रहा है वहीं दूसरी तरफ RJD, कांग्रेस और इनका इंडी गठबंधन, अभी भी 20वीं सदी की दुनिया में जी रहा है। NDA की सरकार कह रही है कि हम हर घर को सूर्यघर बनाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हर घर की छत पर सोलर प्लांट हो। उससे वो घर भी कमाए और उसे बिजली भी मुफ्त मिले। लेकिन इंडी गठबंधन, अभी भी लालटेन की लौ के ही भरोसे जी रही है। जब तक बिहार में लालटेन का राज रहा, तब तक सिर्फ एक ही परिवार की गरीबी मिटी, एक ही परिवार समृद्ध हुआ।