- बिजली मंत्री ने डिस्ट्रीब्यूशन लॉस को कम करने व डिफॉल्ट अमाउंट की रिकवरी बढ़ाने के दिए निर्देश
- बिजली मंत्री ने कहा, अगले 15 दिनों में पुनः होगी समीक्षा बैठक
गुरूग्राम, 15 जनवरी 2024 ।
हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने सोमवार को स्थानीय पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर मौजूदा वित्त वर्ष में लाइन लॉस व निगम से जुड़े अन्य विषयों के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बिजली मंत्री ने डीएचबीवीएन के संबंध में दिल्ली जोन के सर्कल वार कलेक्शन एफिशिएंसी, डिस्ट्रीब्यूशन लॉस सहित एटी व सी लॉस की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को आगामी 15 दिनों में अपनी परफॉर्मेंस में सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वे अगले 15 दिनों बाद संबंधित अधिकारियों के साथ पुनः समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक में डीएचबीवीएन के प्रबंध निदेशक पी.सी मीणा भी उपस्थित थे ।
बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने बैठक में निर्धारित एजेंडा के बिंदुवार समीक्षा करते हुए कहा कि बिजली विभाग में लाइन लॉस एक बड़ी समस्या है जो विभाग के आर्थिक हितों को प्रभावित करता है। ऐसे में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि लाइन लॉस वाले डिवीजन की निगरानी कर वहां निर्धारित रणनीति व नियमों के तहत संबंधित व्यक्ति अथवा संस्थान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। बिजली मंत्री ने कहा कि जहां पर भी बिलिंग एजेंसी की कार्यशैली धीमी है वहां विभागीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर बिलिंग प्रक्रिया को पूरा करवाया जाए। इसके साथ ही जो भी डिफ़ॉल्ट अमाउंट है उसकी रिकवरी को स्पीडप किया जाए।
बिजली मंत्री ने बैठक में यह भी निर्देश दिए कि मेरा गांव जगमग योजना के तहत जो भी गांव इस योजना से वंचित है। उनके लिए आगामी 15 दिनों में टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर इस कार्य को आगे बढ़ाए। श्री चौटाला ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018 के जो भी ट्यूबेल कनेक्शन विभाग के स्तर पर पैंडिंग है उनका भी जल्द निपटान किया जाए। बिजली मंत्री ने इस दौरान दिल्ली जोन में डॉमेस्टिक, नॉन डॉमेस्टिक व एनडीएस में विभागीय स्तर पर पेंडेंसी की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में बिजली मंत्री के समक्ष विभाग में तकनीकी स्टॉफ की कमी का विषय भी आया, जिस पर उन्होंने कहा कि जल्द ही विभाग में हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत तकनीकी स्टाफ की भर्ती की जाएगी।
बैठक में डीएचबीवीएन के प्रबंध निदेशक पी.सी मीणा ने दिल्ली जोन की विभागीय रिपार्ट सांझा करते हुए बताया कि दिल्ली जोन में सर्वाधिक डिस्ट्रीब्यूशन लॉस पलवल सर्कल में है जोकि 30.70 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि इस सर्कल में पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस वर्ष डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कम होने के बजाय करीब 1.38 प्रतिशत बढ़ा है। पी.सी मीणा ने बताया कि दिल्ली जोन का ओवरऑल डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 9.91 प्रतिशत है। उन्होंने ट्यूबवेल कनेक्शन की स्टेटस रिपार्ट सांझा करते हुए बताया कि डीएचबीवीएन को 31 दिसंबर 2018 तक कुल 51 हजार 375 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से पात्र आवेदक 33 हजार 557 थे। इसमें से अभी तक कुल 32 हजार 62 कनेक्शन दिए जा चुके है। वहीं कुल 1495 पेंडिंग कनेक्शन में से 824 पर कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि अभी खेतों में खड़ी फसल के चलते सर्वाधिक कनेक्शन भिवानी जिले में पैंडिंग है जिसकी संख्या 760 है। प्रबंध निदेशक ने बताया कि फसल कटाई के बाद सभी स्थानों पर तत्काल प्रभाव से काम शुरू हो जाएगा।
बैठक में डीएचबीवीएन के निदेशक सुरेश कुमार बंसल, चीफ इंजीनियर वीके अग्रवाल, एसई पलवल जोगिंदर हुड्डा, एसई
रेवाड़ी मनोज यादव, एसई नारनौल रंजन राव, एसई गुरुग्राम श्यामबीर सैनी, एसई गुरूग्राम (टू) पीके चौहान सहित दिल्ली जोन के सभी कार्यकारी अभियंता आदि शामिल हुए।