कला शिक्षा : सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए प्रशासन की अभिनव पहल

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– डीसी निशांत कुमार यादव ने कलाग्राम सोसायटी की वार्षिक आमसभा की बैठक को किया संबोधित
– विद्यार्थियों के मन में शास्त्रीय संगीत व परंपरागत लोक नृत्यों के प्रति रूचि जगाने में कारगर साबित होगा “कला शिक्षा” कार्यक्रम
– कला शिक्षा के लिए बनेगा वार्षिक कैलेंडर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व खिलाडिय़ों के लिए भी होंगे कला एवं संस्कृति से जुड़े विशेष सत्र
गुरूग्राम, 10 जनवरी। जिला प्रशासन, गुरूग्राम द्वारा जिला के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों में कला एवं संस्कृति के प्रति रूचि जगाने के लिए “कला शिक्षा” की अभिनव पहल की जाएगी। जिला प्रशासन तथा नगर निगम, गुरूग्राम के समन्वय से गठित कलाग्राम सोसायटी तथा शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। इससे पहले भी सरकारी स्कूलों में ख्याति प्राप्त कलाकारों द्वारा ऐसी एक पहल की गई थी, जिसके बेहद सकारात्मक नतीजे भी मिले। अब उसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए कला शिक्षा कार्यक्रम चलाया जाएगा।
यह बात डीसी निशांत कुमार यादव ने बुधवार को लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में कलाग्राम सोसायटी की वार्षिक आमसभा की बैठक को संबोधित करते हुए कही।
कला शिक्षा : सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों के लिए प्रशासन की अभिनव पहल 2निशांत कुमार यादव ने कहा कि कला शिक्षा कार्यक्रम से जिला के सभी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में 11वीं व 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को जोड़ा जाए। इसके लिए एक वार्षिक कैलेंडर भी तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि कला शिक्षा कार्यक्रम के तहत भारतीय शास्त्रीय संगीत व पारंपरिक नृत्यों के प्रति विद्यार्थियों में रूचि जगाई जाएगी। इसके लिए इन विधाओं में पारंगत विशेषज्ञ समय-समय पर स्कूलों में वर्कशॉप लगाएंगे तथा भागीदारी करने वाले विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे।
डीसी ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाने के लिए खेल व कला का महत्वपूर्ण योगदान है। जिसमें कला शिक्षा एक बेहद कारगर कार्यक्रम साबित होगा। उन्होंने कलाग्राम सोसायटी के सदस्यों के साथ व्यापक चर्चा करते हुए प्ले स्कूलों में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए कला-संस्कृति को लेकर विशेष सत्र आयोजित करने के निर्देश भी दिए। साथ ही खेल विभाग में प्रशिक्षण लेने वाले नवोदित खिलाडिय़ों के लिए ऐसे सत्र आयोजित किए जाए। उन्होंने कलाग्राम सोसायटी द्वारा लघु सचिवालय परिसर में एक कॉर्नर के सौंदर्यकरण के कार्य की भी प्रशंसा की और इस कार्य को आगे बढ़ाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि कलाकारों को प्रोत्साहन देने के लिए कला सम्मान अवार्ड देने की परंपरा को यथावत जारी रखा जाए।
कलाग्राम सोसायटी की डायरेक्टर शिखा गुप्ता ने पीपीटी के माध्यम से संस्था की वार्षिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। वर्ष 2019 में अपने गठन के उपरांत कलाग्राम सोसायटी के समन्वय से 200 से ज्यादा कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहन से जुड़े आयोजन हो चुके हैं। इस सोसायटी का प्रयास है कि गुरूग्राम आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र बने। उन्होंने बताया कि बीते वर्ष चाय चौपाल, समर कैंप व स्कूलों में सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन कराया गया। इस बैठक में कलाग्राम सोसायटी के सदस्यों व प्रशासनिक अधिकारियों ने आगामी कार्यक्रम को लेकर अपने सुझाव भी दिए। डीसी ने ध्यानपूर्वक सभी सुझावों को सुना और उन सुझावों को अमल में लाने की बात कही।
इस अवसर पर सीटीएम दर्शन यादव, जिला शिक्षा अधिकारी इंदू बोकन, जिला खेल अधिकारी संधू बाला, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी नेहा दहिया, कलाग्राम सोसायटी की वर्किंग कमेटी (मानद) के सदस्य डा. मीनाक्षी पांडेय, स्पिक मैके की पूर्व अध्यक्ष शिल्पा सोनल, विनीता जेरथ, डा. लोकेश शर्मा, ख्याति प्राप्त आर्टिस्ट गोपाल नामजोशी व वान्या दुग्गल सहित संस्था से जुड़े अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

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